लखनऊः वर्ष 2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ की तैयारी के लिए प्रदेश सरकार ने अपना खजाना खोला है. सरकार ने महाकुंभ की तैयारी और विकास कार्यों के लिए 100 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है. इसके लिए सरकार ने संस्कृति विभाग को यह बजट आवंटित किया है. इसके अलावा इस बजट में निषादराज गुह्य संस्कृति केंद्र श्रृंगवेरपुर की स्थापना के लिए 14.68 करोड़ रुपये, आजमगढ़ में बन रहे प्रदेश के पहले संगीत विश्वविद्यालय हरिहरपुर की स्थापना के लिए 11.89 करोड़ रुपये और महर्षि वाल्मीकि सांस्कृतिक केंद्र चित्रकूट की स्थापना के लिए 10.53 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान इस वित्तीय वर्ष में किया है. इसके अलावा सरकार ने अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.
बजट में पर्यटन की दृष्टि से देखते हुए प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर बातचीत कनेक्टिविटी और मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाने के लिए भी विशेष बल दिया गया है. बजट में मिर्जापुर में विंध्याचल स्थित त्रिकोणीय क्षेत्र में विंध्यवासिनी मंदिर, मां अष्टभुजा मंदिर व मां कालीखोह मंदिर को जोड़ने वाले त्रिकोण संकेखण में आने वाले परिक्रमा मार्गों एवं सुविधाओं का विकास कार्य कराया जाएगा.
वित्त मंत्री ने अपने बजट के भाषण के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2023 में जनवरी से अक्टूबर माह तक 37 करोड़ 90 लाख से अधिक पर्यटक आए हैं. जिसमें भारतीय पर्यटकों की संख्या 37 करोड़ 77 लाख तथा विदेशी पर्यटकों की संख्या 13 लाख 43 हजार रही. उन्होंने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन वृहद स्तर पर किया गया. इस अवसर पर राम की पौड़ी पर 22 लाख 23 हज़ार दीप जलाकर गिरीश वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया. मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट के अभी भाषण के दौरान कहा कि अयोध्या, बनारस, चित्रकूट, लखनऊ, विंध्याचल, प्रयागराज, नैमिषारण्य, गोरखपुर, मथुरा, बटेश्वर धाम, गढ़मुक्तेश्वर, शुक्रतीर्थ धाम, मां शाकुंभरी देवी, सारनाथ और अन्य महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों के विकास एवं सौंदरीकरण का कार्य लगातार जारी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना के तहत उत्तर प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक पर्यटन स्थल को विकसित किए जाने की योजना संचालित है.
श्रीराम' का नाम लेकर योगी सरकार ने अयोध्या धाम में रखी विकास के 'नए अध्याय' की नींव
प्रभु श्रीराम का नाम लेकर योगी सरकार ने बजट 2024-25 को विधानसभा में पेश किया. पूरे भाषण के दौरान बार-बार प्रभु श्रीराम और अयोध्या का उल्लेख होता रहा. नव्य-भव्य व दिव्य अयोध्या धाम के त्रेतायुगीन वैभव को लौटाने का कार्य कर रही योगी सरकार ने संपूर्ण अयोध्या मंडल में विकास के नए अध्याय की नींव बजट भाषण में रखी. योगी सरकार की ओर से वार्षिक बजट 2024-25 में अयोध्या धाम समेत पूरे मंडल के विकास का जो खाका खींचा गया है. उसके केंद्र में अयोध्या में पहुंच मार्गों के विस्तार व सौंदर्यीकरण, पर्यटक-जन सुविधाओं के विकास समेत महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार जैसी बड़ी परियोजनाएं शामिल रहींं
इन प्रोजेक्ट्स पर अयोध्या में वर्ष 2024-25 में रहेगा मुख्य फोकस
- अयोध्या में पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की संख्या में सम्भावित वृद्धि के दृष्टिगत 03 पहुंच मार्गों का चैड़ीकरण व सौन्दर्यीकरण का कार्य एवं 6 स्थानों पर पार्किग तथा जन सुविधाओं का विकास कार्य किया जा रहा है.
- अयोध्या में ‘महर्षि वाल्मीकि अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या धाम‘ का विकास कराया गया है. अयोध्या में एयरपोर्ट की स्थापना एवं विस्तार के लिए 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- ‘‘मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना‘‘ के अंतर्गत प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक पर्यटन स्थल को विकसित किए जाने की योजना है. इस क्रम में अयोध्या मंडल के जनपदों में भी धार्मिक व पर्यटन क्षेत्रों के समेकित विकास को सुनिश्चित करने का खाका खींचा गया है.
अयोध्या की इन उपलब्धियों का हुआ बजट 2024-25 में उल्लेख
- मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के भव्य मन्दिर का अयोध्या में निर्माण होने से प्रदेश में सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र को बहुत प्रोत्साहन मिला है तथा धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाओं में वृद्धि हुई है.
- वैश्विक पर्यटन केंद्र के तौर पर अयोध्या स्थापित हो गई है. यहां पर भारत और विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या में बहुत बड़ा इजाफा हुआ है, जिससे प्रदेश समेत देश की आर्थिक स्थिति को बढ़ावा मिल रहा है.
- प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन वृहद स्तर पर किया गया था. इस अवसर पर राम की पैड़ी पर 22 लाख 23 हजार दीप जलाकर गिनीज वल्र्ड रिकार्ड बनाया गया, जो अयोध्या के गौरव में वृद्धि करने वाला क्षण रहा.
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