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यूपी बोर्ड के टीचरों के प्रमोशन की नई गाइडलाइन तैयार; शिक्षक बोले- नया नियम मंजूर नहीं - UP Board Teachers Promotion

एक तरफ विभाग नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू कर जूनियर हाईस्कूल में 30 बच्चों पर एक शिक्षक का नियम लागू कर रहा है. वहीं, 1999 के यूपी बोर्ड में 60 से 85 बच्चों पर एक शिक्षक का नियम लागू कर सरप्लस शिक्षक दिखाए जा रहे हैं. इस पूरे मामले को लेकर शिक्षकों में इसे लेकर काफी आक्रोश है.

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यूपी बोर्ड के टीचरों के प्रमोशन की नई गाइडलाइन तैयार (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Archive)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 20, 2024, 10:21 AM IST

लखनऊ: लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. इसको लेकर प्रदेश के सभी विभागों में प्रमोशन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी 30 जून तक प्रमोशन की प्रक्रिया को पूरा किया जाना है. पर इसी बीच प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में प्रमोशन के नियम को लेकर शिक्षकों और विभाग के अधिकारियों के बीच तनाव बढ़ गया है.

जहां विभाग प्रमोशन के लिए 1999 के नियम को आधार बना रहा है. वहीं विभाग के शिक्षक पुराने नियम के आधार पर ही प्रमोशन की मांग कर रहे हैं. शिक्षकों और विभाग के अधिकारियों के बीच प्रमोशन को लेकर तकरार शुरू हो गया है. शिक्षकों का कहना है की प्रमोशन के नियम में अगर बदलाव हुआ तो वह इसके लिए संघर्ष करने के लिए तैयार हैं.

प्रदेश के राजकीय शिक्षकों पर प्रमोशन के लिए 1999 के नियम थोपे जा रहे हैं. एक तरफ विभाग नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू कर जूनियर हाईस्कूल में 30 बच्चों पर एक शिक्षक का नियम लागू कर रहा है. वहीं, 1999 के यूपी बोर्ड में 60 से 85 बच्चों पर एक शिक्षक का नियम लागू कर सरप्लस शिक्षक दिखाए जा रहे हैं.

इस पूरे मामले को लेकर शिक्षकों में इसे लेकर काफी आक्रोश है. वहीं, राजकीय शिक्षकों की वरिष्ठता सूची 24 साल से नहीं बनी है. इससे एलटी से प्रवक्ता की 100 फीसदी पोस्ट खाली पड़ी हैं. राजकीय शिक्षक संघ ने इन्हीं मांगों को लेकर शासन को अपने मत से अवगत करा दिया है.

राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद पांडेय ने बताया कि राजकीय स्कूलों में पुरुष संवर्ग में एलटी के 10 हजार पद में 40 फीसदी पद खाली पड़े हैं. एलटी से प्रवक्ता के 100 फीसदी पद पिछले 24 साल से खाली हैं. प्रवक्ता के सीधे भर्ती के पद मात्र 20 फीसदी ही भरे हैं. शिक्षकों की वरिष्ठता 2000 से लागू की जाए और उन्हें लाभ मिलें.

उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के स्थानांतरण में पांच प्लस 1 शिक्षक की व्यवस्था लागू है. लेकिन जूनियर स्कूलों में 3 या उससे कम ही शिक्षक है. जबकि 4 शिक्षकों पर ही एक शिक्षक की ट्रांसफर हो सकता है.

ऐसे में 8 महत्वाकांक्षी जनपद जिनमें चित्रकूट, फतेहपुर, हमीरपुर, राबर्ट्सगंज, बलरामपुर, श्रीवास्ती, बहराइच और सिद्धार्थनगर शामिल हैं, में शिक्षकों का ट्रांसफर नहीं हो रहा है. इनके समेत पांच मांगों को लेकर पूरे प्रदेश भर के शिक्षक शिक्षा निदेशालय प्रयागराज में क्रमवार क्रमिक धरना देंगे. रामेश्वर प्रसाद पांडेय ने बताया कि 29 जून तक धरना प्रदर्शन होगा. तब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो जुलाई राजकीय शिक्षक मिलकर आंदोलन करेंगे और शिक्षा निदेशक का घेराव करेंगे.

ये भी पढ़ेः बी प्लस ग्रेड वाली इस युनिवर्सिटी में दाखिला लेकर भी छात्र बना सकते हैं अपना भविष्य

लखनऊ: लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. इसको लेकर प्रदेश के सभी विभागों में प्रमोशन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी 30 जून तक प्रमोशन की प्रक्रिया को पूरा किया जाना है. पर इसी बीच प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में प्रमोशन के नियम को लेकर शिक्षकों और विभाग के अधिकारियों के बीच तनाव बढ़ गया है.

जहां विभाग प्रमोशन के लिए 1999 के नियम को आधार बना रहा है. वहीं विभाग के शिक्षक पुराने नियम के आधार पर ही प्रमोशन की मांग कर रहे हैं. शिक्षकों और विभाग के अधिकारियों के बीच प्रमोशन को लेकर तकरार शुरू हो गया है. शिक्षकों का कहना है की प्रमोशन के नियम में अगर बदलाव हुआ तो वह इसके लिए संघर्ष करने के लिए तैयार हैं.

प्रदेश के राजकीय शिक्षकों पर प्रमोशन के लिए 1999 के नियम थोपे जा रहे हैं. एक तरफ विभाग नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू कर जूनियर हाईस्कूल में 30 बच्चों पर एक शिक्षक का नियम लागू कर रहा है. वहीं, 1999 के यूपी बोर्ड में 60 से 85 बच्चों पर एक शिक्षक का नियम लागू कर सरप्लस शिक्षक दिखाए जा रहे हैं.

इस पूरे मामले को लेकर शिक्षकों में इसे लेकर काफी आक्रोश है. वहीं, राजकीय शिक्षकों की वरिष्ठता सूची 24 साल से नहीं बनी है. इससे एलटी से प्रवक्ता की 100 फीसदी पोस्ट खाली पड़ी हैं. राजकीय शिक्षक संघ ने इन्हीं मांगों को लेकर शासन को अपने मत से अवगत करा दिया है.

राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद पांडेय ने बताया कि राजकीय स्कूलों में पुरुष संवर्ग में एलटी के 10 हजार पद में 40 फीसदी पद खाली पड़े हैं. एलटी से प्रवक्ता के 100 फीसदी पद पिछले 24 साल से खाली हैं. प्रवक्ता के सीधे भर्ती के पद मात्र 20 फीसदी ही भरे हैं. शिक्षकों की वरिष्ठता 2000 से लागू की जाए और उन्हें लाभ मिलें.

उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के स्थानांतरण में पांच प्लस 1 शिक्षक की व्यवस्था लागू है. लेकिन जूनियर स्कूलों में 3 या उससे कम ही शिक्षक है. जबकि 4 शिक्षकों पर ही एक शिक्षक की ट्रांसफर हो सकता है.

ऐसे में 8 महत्वाकांक्षी जनपद जिनमें चित्रकूट, फतेहपुर, हमीरपुर, राबर्ट्सगंज, बलरामपुर, श्रीवास्ती, बहराइच और सिद्धार्थनगर शामिल हैं, में शिक्षकों का ट्रांसफर नहीं हो रहा है. इनके समेत पांच मांगों को लेकर पूरे प्रदेश भर के शिक्षक शिक्षा निदेशालय प्रयागराज में क्रमवार क्रमिक धरना देंगे. रामेश्वर प्रसाद पांडेय ने बताया कि 29 जून तक धरना प्रदर्शन होगा. तब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो जुलाई राजकीय शिक्षक मिलकर आंदोलन करेंगे और शिक्षा निदेशक का घेराव करेंगे.

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