लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी 7 मार्च को उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेगी. पिछली बार के अपने प्रत्याशियों में भाजपा डॉ. महेंद्र सिंह को छोड़कर बाकी सारे उम्मीदवार बदल देगी. इसका संकेत इस बात से ही मिल गया है कि राष्ट्रीय लोक दल ने अपना प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी से पहले ही घोषित कर दिया है. रालोद अब एनडीए का हिस्सा हो चुका है. ऐसे में भाजपा के खाते की एक सीट रालोद के खाते में जा रही है, यह भी तय है. अपना दल से बात की जाए तो प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल का टिकट भी पक्का है.
जिन 13 विधान परिषद सदस्यों के लिए आने वाले दिनों में चुनाव होना है, उनमें से 10 भारतीय जनता पार्टी के हैं. जिस तरह से राज्यसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने अधिकांश चेहरों को बदल दिया था, कुछ इसी तरह से विधान परिषद चुनाव में भी होगा.
भारतीय जनता पार्टी एमएलसी चुनाव के माध्यम से लोकसभा चुनाव में बड़ा संदेश देगी. बीजेपी विधान परिषद चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन को लेकर भाजपा में मंथन का आगाज हो गया है. बीजेपी की कोर कमेटी की मीटिंग हो चुकी है. इस मीटिंग में प्रत्याशियों का पैनल तय करके केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जा चुका है. कोर कमेटी से प्रस्ताव है कि डॉ. महेंद्र सिंह के अतिरिक्त सभी नए उम्मीदवारों को उतारा जाए.
राज्यसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने सुधांशु त्रिवेदी छोड़कर बाकी सारे उम्मीदवारों का नाम सूची से काट दिया था. सभी सात उम्मीदवार वही थे जो पिछली बार नहीं थे. इसलिए एमएलसी चुनाव में भी लोकसभा चुनाव के समीकरणों को देखते हुए बड़े बदलाव किए जाएंगे.
5 मई को विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. डॉ. महेंद्र सिंह को टिकट मिलेगा. मोहसिन रजा, अशोक कटियार, अशोक धवन, बुक्कल नवाब,विजय बहादुर पाठक, विद्यासागर सोनकर, डॉ. सरोजिनी अग्रवाल, निर्मला पासवान को टिकट मिलने की संभावना बहुत कम है. भारतीय जनता पार्टी से हटाए जा चुके यशवंत सिंह को भी मौका मिलने की कोई संभावना नहीं है.
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