लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा की केंद्र में सरकार तो बन गई. मोदी 3.0 का गठन हो गया और सभी मंत्रियों ने अपने पोर्टफोलियो के आधार पर कार्यभार भी ग्रहण कर लिया. लेकिन, उत्तर प्रदेश में मिली प्रचंड हार ने भाजपा को चिंता में डाल दिया है. संगठन में हार के कारण और वोट प्रतिशत में आई गिरावट को लेकर मंथन शुरू हो गया है.
बुधवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल ने हार के कारणों की समीक्षा की. माना जा रहा है कि वोट प्रतिशत में गिरावट पार्टी के धोखेबाज नेताओं यानी भितरघातियों की वजह से हुई है. बता दें कि पिछले चुनाव यानी 2019 की तुलना में भाजपा को यूपी में इस बार करीब 9 फीसदी कम वोट मिले हैं.
इसलिए तय किया गया है कि भाजपा के पक्ष में कम मतदान की पूरी पड़ताल होगी. इसके लिए पार्टी के नेताओं की एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा. इसके सैनिकों यानी सदस्यों का चयन भी कर लिया गया है. इसमें संगठन के पदाधिकारियों के अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधियों को शामिल किया गया है.
टास्क फोर्स में 60 से अधिक सदस्यों का चयन किया गया है. टास्क फोर्स के सदस्य सभी विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे और हार के कारणों का पता लगाएंगे. गांव-गांव जाकर यह भी पता लगाएंगे कि भाजपा के कोर वोटर माने जाने वाले ओबीसी और दलितों में सेंध किस दल ने लगाई. साथ ही वोटरों के छिटकने की वजह तलाशेंगे.
टास्क फोर्स के सदस्य अपनी पड़ताल में ये भी जानने का प्रयास करेंगे कि गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलितों के वोट को भाजपा से दूर करने में किन-किन लोगों का हाथ रहा. यानी क्षेत्र वो कौन अपना था जिसने धोखा दिया. भितरघात करने वाले पार्टी नेताओं का भी पता किया जाएगा.
इन 10 सीटों पर सबसे ज्यादा भितरघात की आशंका
- फतेहपुर
- मुजफ्फरनगर
- अयोध्या
- चंदौली
- प्रयागराज
- लखीमपुर खीरी
- अमेठी
- सुलतानपुर
- प्रतापगढ़
- कौशांबी
भितरघात की आशंका इसलिए प्रबल, क्योंकि 7 मंत्री 19 सांसद हारे: लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में भाजपा ने यूपी में प्रचंड जीत हासिल की थी. लेकिन, 2024 में यूपी से भाजपा के 7 मंत्री तक अपनी सीट नहीं बचा पाए. यही नहीं, भाजपा ने अपने 47 सांसदों को मैदान में उतारा था, जिसमें से सिर्फ 21 ही जीत पाए और 26 को करारी हार का सामना करना पड़ा. यही कारण है कि पार्टी में भितरघात की बात उठ रही है.
सीएम योगी आदित्यलाथ से कार्रवाई पर हो चुकी है चर्चा: यूपी में भाजपा की हार को लेकर प्रदेश सरकार और संगठन के बीच चर्चा हो चुकी है. सूत्रों की मानें तो सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रदेश संगठन के शीर्ष नेता मिलकर चर्चा कर चुके हैं. इसके बाद ही हार के कारणों का पता लगाने के लिए टास्क फोर्स बनाने का फैसला लिया गया है.
ये भी पढ़ेंः यूपी में भाजपा के खराब प्रदर्शन की 5 वजहें; राजपूतों की नाराजगी ने भी लुटिया डुबोई
ये भी पढ़ेंः यूपी से पहली बार संसद में दिखेंगे पति-पत्नी, अखिलेश-डिंपल से पहले ये 3 जोड़ियां भी बना चुकी हैं अनूठा रिकॉर्ड