हजारीबागः जिले के इचाक प्रखंड के परासी श्मशान घाट में अज्ञात शख्स का शव जलाने का मामला प्रकाश में आया है. जैसे ही यह बात गांव वालों को पता चली तो गांव में इसे लेकर चर्चा का बाजार गर्म है. तरह तरह की बातें भी लोग कह रहे हैं.
बता दें कि इचाक के परासी श्मशान घाट में अज्ञात शव को गुपचुप तरीके से जलाने की चर्चा सबके जुबां पर है. पूरे गांव में इस घटना को लेकर तरह तरह की बातें भी कही जा रही हैं. इस बाबत परासी हरिजन टोला के कुछ लोगों ने मामले की सत्यता की जांच को लेकर मंगलवार को शमशान घाट की जांच की. जांच के क्रम में लोगों ने पाया कि पूरे परासी गांव में किसी की मौत नहीं हुई. बावजूद इसके शमशान घाट में शव जलाने का प्रमाण मिलना सबको हैरान कर रखा है.
शव को रविवार शनिवार की आधी रात को गुपचुप ढंग से चोरी छिपे जलाने वाले लोग आसानी से निकल गए. श्मशान घाट में धधकती आग के गोले और बिखरी हुई हड्डियां शव के जलाने का साक्ष्य को दर्शाती है. स्थानीय भी कहते हैं कि हिंदू धर्म में अंतिम संस्कार के दूसरे या तीसरे दिन अस्थि चुनने की परंपरा रही है. तीसरे दिन भी कोई भी व्यक्ति अस्थि चुनने नहीं पहुचा. ऐसे में यह संदिग्ध लग रहा है. दिन भर गाव के लोग श्मशान घाट के आस-पास नजर बनाए रखे थे, कि कोई भी व्यक्ति आए तो उससे पूछा जाए. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. गांव के लोगों ने सम्मिलित रूप से इचाक थाना में आवेदन दिया है और मामले की तफ्तीश की मांग की है.
वहीं अन्य स्थानीय कहते हैं कि गांव में अलग अलग बस्ती के अलग अलग श्मशान घाट होते हैं. जहां समाज के किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार किया जाता है. गांव में किसी की मौत नहीं हुई है. ऐसे में यहां अंतिम संस्कार करना खुद में सवाल खड़ा करता है.
मामले में थाना प्रभारी संतोष कुमार ने बताया कि शव जलाने की चर्चा लोगों की जुबां पर है. किंतु अभी तक किसी ने लिखित या टेलीफोनिक सूचना नहीं दी है. जिसके कारण पुलिस के समक्ष ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. जैसे ही आवेदन आएगा वैसे जांच की जाएगी.
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