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किसानों की समृद्धि के लिए शोध और नवाचार करें विश्वविद्यालय: राज्यपाल कलराज मिश्र - Governor urges for research - GOVERNOR URGES FOR RESEARCH

राज्यपाल कलराज मिश्र मंगलवार को बीकानेर के स्वामी केशवानंद कृषि के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए. इस दौरान राज्यपाल ने किसानों की समृद्धि के लिए कृषि प्रबंधन के साथ ही विपणन, भंडारण, खाद्य प्रसंस्करण पर शोध और नवाचारों को लेकर काम करने की बात कही.

Governor Kalraj Mishra in convocation in SKRAU
राज्यपाल कलराज मिश्र (ETV Bharat Bikaner)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 11, 2024, 6:20 PM IST

बीकानेर. राज्यपाल कलराज मिश्र का कहना है कि भारतीय कृषि और किसानों की समृद्धि के लिए विश्वविद्यालय, कृषि प्रबंधन के साथ विपणन, भंडारण, खाद्य प्रसंस्करण जैसे विषयों पर भी शोध और नवाचारों से जुड़े कार्य करें. स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए राज्यपाल ने यह बात कही.

उन्होंने कहा कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के युग में विश्वविद्यालयों द्वारा कृषि शिक्षा, शोध और प्रसार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हुए किसानों को कृषि तकनीकों और नवाचारों की जानकारी दी जाए. उन्होंने राजस्थान की भौगोलिक विषमता और अनियंत्रित जलवायु के मद्देनजर सूखा प्रबंधन की दिशा में भी डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग किसानों के लिए किए जाने पर जोर दिया. उन्होंने कृषि शिक्षा के अंतर्गत जैविक उत्पादों की खोज और उत्पादन वृद्धि में वैज्ञानिक अनुसंधानों के व्यावहारिक प्रयास बढ़ाने की भी आवश्यकता जताई.

पढ़ें: शोध के सकारात्मक परिणामः ऑफ सीजन में शेडनेट हाउस के जरिए कम समय में मिलने लगी खीरे की फसल - cucumber in Agronet House

नए सिरे से हो शोध: मिश्र ने कहा कि जल संसाधनों की सुरक्षा, संरक्षण और संवर्धन विषय पर नए सिरे से शोध और अनुसंधान किए जाएं. उन्होंने परंपरागत खेती के साथ खेती की नई तकनीकों को प्रोत्साहित करने के दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई चने की मूमल किस्म, जीएनजी 1581 गणगौर और मोठ की वैरायटी किस्म के लिए विश्वविद्यालय को बधाई दी. उन्होंने खजूर अनुसंधान के क्षेत्र में 34 नई किस्मों सहित 54 प्रकार की किस्में विकसित करने, विश्वविद्यालय की मरूशक्ति इकाई द्वारा तैयार बाजरा बिस्कुट की सामग्री पर पेटेंट और यूनाइटेड किंगडम द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन मशीन पर प्राप्त पंजीकरण के विश्वविद्यालय के प्रयासों को महत्वपूर्ण बताया.

पढ़ें: काजरी में लहलहाई बेर की फसल, मार्च तक मिलेगी विभिन्न किस्में, ऐसे लाभान्वित हो सकते हैं किसान

विकसित भारत के संकल्प को साकार करें युवा: राज्यपाल ने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में युवा शक्ति देश के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य करें. शिक्षक युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाएं. शिक्षक न केवल ज्ञान का स्रोत हैं, बल्कि युवा पीढ़ी को नैतिक, संस्कारवान, संवेदनशील और समर्पित नागरिक बनाने में भी उनकी अहम भूमिका है. उन्होंने समसामयिक विषयों पर विद्यार्थियों की समझ बढ़ाने के प्रति शिक्षक अपना उत्तरदायित्व निभाने का आह्वान किया. मिश्र ने कहा की नई शिक्षा नीति में मौलिक शोध और अनुसंधान पर विशेष ध्यान दिया गया है. इसी के अनुरूप इनोवेशन सेंटर, इनक्यूबेशन सेंटर, नवीन स्टार्टअप के लिए विद्यार्थी तैयार करें.

पढ़ें: Rajasthan : IIT जोधपुर के वैज्ञानिकों का शोध, सांप के जहर से भरेगा घाव, संक्रमण भी रहेगा दूर

विद्यार्थियों को उपाधियां: समारोह में 1569 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई. 19 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और 3 विद्यार्थियों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया. राज्यपाल मिश्र ने कृषि विश्वविद्यालय परिसर में विद्या मंडप के पास 6.5 लाख रुपए की लागत से नवनिर्मित संविधान पार्क, कृषि महाविद्यालय में एक करोड़ की लागत से नवनिर्मित भारत रत्न डॉ एमएस स्वामीनाथन छात्रावास व 35 लाख की लागत से निर्मित उच्च जलाशय का लोकार्पण किया. उन्होंने कृषि ज्ञान रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

बीकानेर. राज्यपाल कलराज मिश्र का कहना है कि भारतीय कृषि और किसानों की समृद्धि के लिए विश्वविद्यालय, कृषि प्रबंधन के साथ विपणन, भंडारण, खाद्य प्रसंस्करण जैसे विषयों पर भी शोध और नवाचारों से जुड़े कार्य करें. स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए राज्यपाल ने यह बात कही.

उन्होंने कहा कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के युग में विश्वविद्यालयों द्वारा कृषि शिक्षा, शोध और प्रसार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हुए किसानों को कृषि तकनीकों और नवाचारों की जानकारी दी जाए. उन्होंने राजस्थान की भौगोलिक विषमता और अनियंत्रित जलवायु के मद्देनजर सूखा प्रबंधन की दिशा में भी डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग किसानों के लिए किए जाने पर जोर दिया. उन्होंने कृषि शिक्षा के अंतर्गत जैविक उत्पादों की खोज और उत्पादन वृद्धि में वैज्ञानिक अनुसंधानों के व्यावहारिक प्रयास बढ़ाने की भी आवश्यकता जताई.

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नए सिरे से हो शोध: मिश्र ने कहा कि जल संसाधनों की सुरक्षा, संरक्षण और संवर्धन विषय पर नए सिरे से शोध और अनुसंधान किए जाएं. उन्होंने परंपरागत खेती के साथ खेती की नई तकनीकों को प्रोत्साहित करने के दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई चने की मूमल किस्म, जीएनजी 1581 गणगौर और मोठ की वैरायटी किस्म के लिए विश्वविद्यालय को बधाई दी. उन्होंने खजूर अनुसंधान के क्षेत्र में 34 नई किस्मों सहित 54 प्रकार की किस्में विकसित करने, विश्वविद्यालय की मरूशक्ति इकाई द्वारा तैयार बाजरा बिस्कुट की सामग्री पर पेटेंट और यूनाइटेड किंगडम द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन मशीन पर प्राप्त पंजीकरण के विश्वविद्यालय के प्रयासों को महत्वपूर्ण बताया.

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विकसित भारत के संकल्प को साकार करें युवा: राज्यपाल ने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में युवा शक्ति देश के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य करें. शिक्षक युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाएं. शिक्षक न केवल ज्ञान का स्रोत हैं, बल्कि युवा पीढ़ी को नैतिक, संस्कारवान, संवेदनशील और समर्पित नागरिक बनाने में भी उनकी अहम भूमिका है. उन्होंने समसामयिक विषयों पर विद्यार्थियों की समझ बढ़ाने के प्रति शिक्षक अपना उत्तरदायित्व निभाने का आह्वान किया. मिश्र ने कहा की नई शिक्षा नीति में मौलिक शोध और अनुसंधान पर विशेष ध्यान दिया गया है. इसी के अनुरूप इनोवेशन सेंटर, इनक्यूबेशन सेंटर, नवीन स्टार्टअप के लिए विद्यार्थी तैयार करें.

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विद्यार्थियों को उपाधियां: समारोह में 1569 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई. 19 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और 3 विद्यार्थियों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया. राज्यपाल मिश्र ने कृषि विश्वविद्यालय परिसर में विद्या मंडप के पास 6.5 लाख रुपए की लागत से नवनिर्मित संविधान पार्क, कृषि महाविद्यालय में एक करोड़ की लागत से नवनिर्मित भारत रत्न डॉ एमएस स्वामीनाथन छात्रावास व 35 लाख की लागत से निर्मित उच्च जलाशय का लोकार्पण किया. उन्होंने कृषि ज्ञान रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

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