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'कहने में दिक्कत होती है.. डर भी लगता है', जीतनराम मांझी ने CM नीतीश की इस महत्वाकांक्षी योजना को बताया 'फेल'!

जीतनराम मांझी ने गंगा उद्भव योजना पर गंभीर प्रश्न चिह्न खड़ा किया है. उन्होंने पूछा कि क्या इससे पानी की समस्या दूर हो गई?

Jitan Ram Manjhi
जीतनराम मांझी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 9, 2024, 12:11 PM IST

गया: अपनी बेबाक टिप्पणी के लिए मशहूर केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने इस बार बिहार की एनडीए सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अति महत्वाकांक्षी 'गंगा उद्भव योजना' को लेकर सवाल उठाए हैं. मांझी ने कहा कि 6000 करोड़ की लागत से गंगा का पानी लाया गया लेकिन क्या इससे इलाके में पानी की आवश्यकता की पूर्ति हो गई?

नीतीश सरकार पर बरसे मांझी: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने जो योजना तैयार की थी, उससे 700 करोड़ में ही सारा काम पूरा हो जाता. मांझी ने कहा कि हम इतने पैसे में ही बांध भी बांध लेते. नहर भी बना लेते. मोकामा के लिए नहर भी देते और नदी के दोनों किनारे 15-20 फीट सड़क बना देते ताकि गया में ट्रैफिक जाम की समस्या खत्म हो जाती. ये मेरा सपना था लेकिन 6000 करोड़ खर्च गंगा का पानी लाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि क्या इससे पानी की आवश्यकता पूरी हो पा रही है? लोग मेरी इस बात की आलोचना करेंगे, फिर भी मैं कह सकता हूं कि पानी की पूर्ति नहीं हो पा रही है.

केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी (ETV Bharat)

"थोड़ा कहने में हमको दिक्कत होती है. डर लगता है, आलोचना लोग करते हैं. आज 6 हजार करोड़ रुपये खर्च किया जा रहा है. पानी आ रहा है गंगा का लेकिन क्या हमारी आवश्यकता को गंगा का पानी पूरा कर रहा है? हम तो कह सकते हैं कि नहीं पूरा कर रहा है."- जीतनराम मांझी, केंद्रीय मंत्री

अपनी योजनाओं के अमल नहीं होने से नाराज: असल में 2014-15 में जब जीतनराम मांझी बिहार के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने कई योजनाओं पर मुहर लगाई थी लेकिन उनके सीएम पद से हटते ही ज्यादातार फैसलों पर रोक लग गई थी. इस बात का जिक्र कर वह अक्सर सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हैं. शायद यही वजह है कि वर्तमान बिहार सरकार में सहयोगी होने के बावजूद वह 'गंगा उद्भव योजना' पर भी सवाल उठा रहे हैं.

मांझी ने बताया कैसे 'जीतन' नाम पड़ा उनका?: इस दौरान केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि उनका जन्मदिन इस अक्टूबर महीने में था. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति समेत तमाम लोगों ने उनको जन्मदिन की बधाई दी. मैं 80 वर्ष का हो गया हूं, लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि जिस तिथि पर जन्मदिन की बधाई मिली, वह सर्टिफिकेट का है. मेरा जन्म जिउतिया पर्व के दिन हुआ था. इसीलिए मेरा नाम जीतन राम मांझी रखा गया.

दशहरा कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय मंत्री (ETV Bharat)

दशहरा कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय मंत्री: गया शहर के आजाद पार्क में दशहरे पर्व के मौके पर प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले आदर्श लीला समिति के रामलीला मंचन समारोह के उद्घाटन में शामिल होने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी पहुंचे थे. मांझी ने इस दौरान मंच से लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पहली बार उनको राष्ट्रीय स्तर पर काम करने का मौका मिला है. भगवान राम की कृपा रही तो वह जनता के हित में आने वाले दिनों में महत्वपूर्ण फैसले लेंगे.

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केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी (ETV Bharat)

"थोड़ा कहने में हमको दिक्कत होती है. डर लगता है, आलोचना लोग करते हैं. आज 6 हजार करोड़ रुपये खर्च किया जा रहा है. पानी आ रहा है गंगा का लेकिन क्या हमारी आवश्यकता को गंगा का पानी पूरा कर रहा है? हम तो कह सकते हैं कि नहीं पूरा कर रहा है."- जीतनराम मांझी, केंद्रीय मंत्री

अपनी योजनाओं के अमल नहीं होने से नाराज: असल में 2014-15 में जब जीतनराम मांझी बिहार के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने कई योजनाओं पर मुहर लगाई थी लेकिन उनके सीएम पद से हटते ही ज्यादातार फैसलों पर रोक लग गई थी. इस बात का जिक्र कर वह अक्सर सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हैं. शायद यही वजह है कि वर्तमान बिहार सरकार में सहयोगी होने के बावजूद वह 'गंगा उद्भव योजना' पर भी सवाल उठा रहे हैं.

मांझी ने बताया कैसे 'जीतन' नाम पड़ा उनका?: इस दौरान केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि उनका जन्मदिन इस अक्टूबर महीने में था. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति समेत तमाम लोगों ने उनको जन्मदिन की बधाई दी. मैं 80 वर्ष का हो गया हूं, लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि जिस तिथि पर जन्मदिन की बधाई मिली, वह सर्टिफिकेट का है. मेरा जन्म जिउतिया पर्व के दिन हुआ था. इसीलिए मेरा नाम जीतन राम मांझी रखा गया.

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