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CAA पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने विपक्ष को दिखाया आईना, कहा- कुछ लोग हर चीज में करते हैं नुक्ताचीनी - Union Minister Shekhawat on CAA

CAA Notification, सीएए पर जारी विवाद को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया. मंगलवार को जोधपुर में मीडिया से बात करत हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग हर चीज में नुक्ताचीनी करते हैं.

Union Minister Gajendra Singh Shekhawat
Union Minister Gajendra Singh Shekhawat
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 12, 2024, 3:33 PM IST

Updated : Mar 12, 2024, 5:21 PM IST

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने क्या कहा, सुनिए....

जोधपुर. नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विपक्ष को आईना दिखाया है. शेखावत ने कहा कि जिन लोगों को नुक्ताचीनी करनी है, हर चीज में राजनीति देखनी है, वो राजनीति देखेंगे. भारतीय जनता पार्टी नीत एनडीए सरकार व प्रधानमंत्री मोदी का निहितार्थ केवल और केवल गरीब, पीड़ित और शोषित लोगों को न्याय दिलाने का था, जिनका पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में राजनीतिक आधार पर धर्म विशेष का मतावलंबी होने के नाते शासकीय संरक्षण में उत्पीड़न किया जा रहा था.

मंगलवार को अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे शेखावत ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मोदी की गारंटी एक बार फिर देश के सामने सिद्ध हुई है. सीएए को वर्ष 2019-20 में लोकसभा ने पारित किया गया था. अब उसमें क्या राजनीतिक हित बाकी रह गए हैं ? संसद कानून बना चुकी है. सरकार को उसको घोषित करने का अधिकार है. अब सरकार ने उसे घोषित किया है. सरकार ने इसे घोषित नहीं किया होता तो विपक्षी दल कहते कि कानून बना दिया, लेकिन घोषित करके लाभ नहीं दे रहे हैं.

पढ़ें : CAA पर सीएम भजनलाल और अध्यक्ष सीपी जोशी बोले- कांग्रेस फैला रही भ्रम, इस कानून से प्रताड़ित भाइयों को मिलेगी राहत

शेखावत ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से शारणार्थी के रूप में भारत आए लोगों के लिए भारत की भूमि नैसर्गिक मातृभूमि की तरह थी, लेकिन नागरिकता के नियमों के चलते इनकी स्थिति 'आसमान से लटके और खजूर पर अटके' जैसी हो जाती थी. ये शरणार्थी 6-7 साल तक नागरिकता के लिए आवेदन अप्लाई करने की स्थिति में नहीं होते थे. उसके बाद में आवेदन और उसकी प्रक्रिया में 10-15 साल तक सड़क पर रहने के लिए मजबूर होते थे, क्योंकि नागरिक न होने के चलते उनके पास किसी भी तरह का पहचान प्रमाण पत्र नहीं होता था. वे न तो बैंक का खाता खोल सकते थे, न अपने बच्चों का स्कूल में दाखिला करा सकते थे, न वो कोई व्यवसाय कर सकते थे, न टेलीफोन या मोबाइल कनेक्शन ले सकते थे और न सरकार की योजनाओं का लाभ ले सकते थे.

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि ऐसे लोगों का दर्द कम करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने सीएए को संसद में पारित करवाया और अब उसके सारे रूल्स फ्रेम करके नोटिफाई कर दिया है. ऐसे सारे विस्थापित लोग, चाहे वो हिंदू, सिख, जैन या बौद्ध होंगे, इन सबको नागरिकता में प्राथमिकता मिलेगी. जो लोग वर्ष 2014 तक भारत आ गए हैं, उनको शीघ्र नागरिकता मिल पाएगी.

ऐसे लाखों लोग जो भारत में रह रहे हैं, उनका जीवन सरल भी होगा और सफल भी होगा. निश्चित रूप से इनकी आने वाली पीढ़ियां भारत में रहकर प्रधानमंत्री जी को दुआएं देंगी. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री के आशीर्वाद से वर्ष 2015-16 में जब उन्होंने इस विषय को लोकसभा में उठाया था, उसके बाद में राजनाथ सिंह, जो उस समय केंद्रीय गृहमंत्री थे, उन्होंने इसमें कुछ संशोधन करके अनेक राहतें प्रदान की थीं.

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने क्या कहा, सुनिए....

जोधपुर. नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विपक्ष को आईना दिखाया है. शेखावत ने कहा कि जिन लोगों को नुक्ताचीनी करनी है, हर चीज में राजनीति देखनी है, वो राजनीति देखेंगे. भारतीय जनता पार्टी नीत एनडीए सरकार व प्रधानमंत्री मोदी का निहितार्थ केवल और केवल गरीब, पीड़ित और शोषित लोगों को न्याय दिलाने का था, जिनका पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में राजनीतिक आधार पर धर्म विशेष का मतावलंबी होने के नाते शासकीय संरक्षण में उत्पीड़न किया जा रहा था.

मंगलवार को अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे शेखावत ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मोदी की गारंटी एक बार फिर देश के सामने सिद्ध हुई है. सीएए को वर्ष 2019-20 में लोकसभा ने पारित किया गया था. अब उसमें क्या राजनीतिक हित बाकी रह गए हैं ? संसद कानून बना चुकी है. सरकार को उसको घोषित करने का अधिकार है. अब सरकार ने उसे घोषित किया है. सरकार ने इसे घोषित नहीं किया होता तो विपक्षी दल कहते कि कानून बना दिया, लेकिन घोषित करके लाभ नहीं दे रहे हैं.

पढ़ें : CAA पर सीएम भजनलाल और अध्यक्ष सीपी जोशी बोले- कांग्रेस फैला रही भ्रम, इस कानून से प्रताड़ित भाइयों को मिलेगी राहत

शेखावत ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से शारणार्थी के रूप में भारत आए लोगों के लिए भारत की भूमि नैसर्गिक मातृभूमि की तरह थी, लेकिन नागरिकता के नियमों के चलते इनकी स्थिति 'आसमान से लटके और खजूर पर अटके' जैसी हो जाती थी. ये शरणार्थी 6-7 साल तक नागरिकता के लिए आवेदन अप्लाई करने की स्थिति में नहीं होते थे. उसके बाद में आवेदन और उसकी प्रक्रिया में 10-15 साल तक सड़क पर रहने के लिए मजबूर होते थे, क्योंकि नागरिक न होने के चलते उनके पास किसी भी तरह का पहचान प्रमाण पत्र नहीं होता था. वे न तो बैंक का खाता खोल सकते थे, न अपने बच्चों का स्कूल में दाखिला करा सकते थे, न वो कोई व्यवसाय कर सकते थे, न टेलीफोन या मोबाइल कनेक्शन ले सकते थे और न सरकार की योजनाओं का लाभ ले सकते थे.

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि ऐसे लोगों का दर्द कम करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने सीएए को संसद में पारित करवाया और अब उसके सारे रूल्स फ्रेम करके नोटिफाई कर दिया है. ऐसे सारे विस्थापित लोग, चाहे वो हिंदू, सिख, जैन या बौद्ध होंगे, इन सबको नागरिकता में प्राथमिकता मिलेगी. जो लोग वर्ष 2014 तक भारत आ गए हैं, उनको शीघ्र नागरिकता मिल पाएगी.

ऐसे लाखों लोग जो भारत में रह रहे हैं, उनका जीवन सरल भी होगा और सफल भी होगा. निश्चित रूप से इनकी आने वाली पीढ़ियां भारत में रहकर प्रधानमंत्री जी को दुआएं देंगी. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री के आशीर्वाद से वर्ष 2015-16 में जब उन्होंने इस विषय को लोकसभा में उठाया था, उसके बाद में राजनाथ सिंह, जो उस समय केंद्रीय गृहमंत्री थे, उन्होंने इसमें कुछ संशोधन करके अनेक राहतें प्रदान की थीं.

Last Updated : Mar 12, 2024, 5:21 PM IST
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