राजनांदगांव: केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र खटीक शनिवार को राजनांदगांव दौरे पर पहुंचे. केंद्रीय मंत्री ने राजनांदगांव को नए सीआरसी भवन की सौगात दी. केंद्रीय मंत्री ने दिव्यांगजनों के कौशल विकास, पुनर्वास और सशक्तिकरण के लिए सीआरसी भवन को सबसे मजबूत स्तंभ बताया.
केंद्रीय मंत्री ने रखी सीआरसी भवन की रखी आधाशिला: राजनांदगांव में सीआरसी भवन की स्थापना जून 2016 में की गई थी. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के दिव्यागजनों के सशक्तीकरण विभाग की ओर से इसकी स्थापना की गई थी. उस वक्त से सीआरसी की सेवाएं जिला प्रशासन द्वारा आवंटित 15 कमरों के साथ एक अस्थायी परिसर में चल रही थी. बाद में संस्थान को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से ठाकुरटोला में स्थायी भवन के निर्माण के लिए 5 एकड़ भूमि आवंटित की गई.
यह सिर्फ केंद्र और राज्य सरकार की जिम्मेदारी नहीं है. दिव्यांगजनों की भलाई के लिए सामाजिक संस्था और समाज के वरिष्ठ जनों को भी सामने आना होगा. इसके लिए प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथियों को भी आगे आना होगा. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि ''सबका साथ सबका विकास होगा''. 2047 तक तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना लेकर प्रधानमंत्री चल रहे हैं.'' इसी सपने को साकार करने के लिए सीआरसी केंद्रों को सशक्त बनाया जा रहा है.'' - डॉ वीरेंद्र कुमार खटीक, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री
निर्माण में आएगी 32 करोड़ की लागत: ठाकुरटोला में लगभग 32 करोड़ की अनुमानित लागत से प्रस्तावित नए भवन में 4,105.22 वर्ग मीटर का प्लिंथ क्षेत्र होगा. जिसमें मूल्यांकन, चिकित्सा सेवाएं, मनोविज्ञान, विशेष शिक्षा, क्रॉस-डिसेबिलिटी प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र, कौशल प्रशिक्षण, दीर्घकालिक और अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम, प्रशासन, सम्मेलन हॉल, राहत देखभाल, अतिथि कक्ष आदि सहित विभिन्न सेवाएं उपलब्ध होंगी.