देहरादून: संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2024-25 पेश किया. जो प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट है. जबकि, वित्त मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण ने लगातार सातवीं बार बजट पेश किया. वहीं, आम बजट में पहली बार उत्तराखंड का जिक्र हुआ है. जिसमें खासकर आपदा के लिए बजट शामिल किया गया है. जिस पर सीएम धामी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
केंद्रीय बजट 2024-25 में उत्तराखण्ड में दैवीय आपदा से होने वाले नुकसान के लिए स्पेशल सहायता पैकेज देने की घोषणा करने हेतु समस्त प्रदेशवासियों की ओर से हार्दिक आभार आदरणीय प्रधानमंत्री जी एवं माननीय वित्त मंत्री जी!
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 23, 2024
यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के कुशल नेतृत्व में… pic.twitter.com/2cNQ3HMmXg
आम बजट में पहली बार उत्तराखंड का जिक्र: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2024-25 पेश किया तो वहीं इस बजट में किसानों और युवाओं के लिए काफी कुछ देखने को मिला. बजट को लेकर केंद्र सरकार का कहना है कि यह बजट आगामी 5 सालों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. जो कि देश की दिशा और दशा तय करेगा. वहीं, यह बजट उत्तराखंड के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण था. क्योंकि, पहली दफा ऐसा हुआ, जब बजट अभिभाषण में उत्तराखंड जैसे संवेदनशील राज्य का नाम आया.
केंद्रीय बजट पर सीएम धामी ने दी प्रतिक्रिया: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2024-25 को पेश करते हुए हिमालय राज्य उत्तराखंड का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं को लेकर केंद्र सरकार बेहद संवेदनशील है.
उत्तराखंड जैसे राज्य में बादल फटने और भूस्खलन से होने वाले नुकसान को लेकर केंद्र सरकार बजट देगी. जिसका प्रावधान इस आम बजट में रखा गया है. वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी आम बजट 2024-25 को दूरदर्शी बताया. साथ ही कहा कि यह बजट देश के युवाओं और किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
उत्तराखंड में अब तक प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान: केंद्रीय बजट में उत्तराखंड में आने वाली आपदाओं के लिए बजट के प्रावधान को लेकर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आभार जताया है. उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि उत्तराखंड में आपदा एक बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय है. प्राकृतिक आपदाओं के चलते हर साल करोड़ों के जान-माल का नुकसान होता है.
जिन लोगों की जान चली जाती है, उनकी भरपाई तो नहीं की जा सकती है, लेकिन जहां पर मवेशियों, घरों, मकानों का नुकसान होता है, उनको लेकर राज्य और केंद्र सरकार की जिम्मेदारी होती है कि उनकी भरपाई की जाए. कई बार इन आपदाओं का स्वरूप काफी बड़ा होता है. इसके लिए केंद्र से मदद की जरूरत होती है. ये बेहद खुशी की बात है कि केंद्रीय आम बजट में इसके लिए प्रावधान रखा गया है.
अब तक 28 लोगों की मौत, 550 आवास का नुकसान: उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक, 15 जून से यानी मानसून सीजन की शुरुआत से लेकर अब तक प्राकृतिक आपदाओं में 28 लोगों ने अपनी जान गंवाई है तो वहीं 16 लोग घायल हुए हैं. जबकि, 48 मवेशियों भी मारे गए हैं. करीबन 530 घरों को नुकसान पहुंचा है.
अलावा आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन का कहना है कि यह नुकसान का एक बेहद छोटा सा हिस्सा है. हर साल भूस्खलन के चलते टूटने वाली सड़कों से राज्य सरकार का करोड़ों का नुकसान होता है. इसके अलावा बादल फटने की घटनाओं से बड़े स्तर पर नुकसान होता है. ऐसे में उम्मीद है कि केंद्र से मिलने वाले इस बजट से मदद मिलेगी.
अगले तीन महीने में लगेगा नुकसान का अनुमान: उत्तराखंड में इस वक्त मानसून सीजन चल रहा है. अब तक कितना नुकसान हुआ है? इस पर आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन का कहना है कि अभी मानसून सीजन जारी है और हर दिन कोई न कोई घटना की सूचना मिल रही है. ऐसे में नुकसान का एसेसमेंट करने में समय लगेगा और जिलों से लगातार रिपोर्ट मांगी जा रही है.
उन्होंने कहा कि इस मानसून सीजन में प्रदेश को कितना नुकसान हुआ है? इसको लेकर के लगातार डाटा कलेक्शन का काम चल रहा है. कम से कम 3 महीने के असेसमेंट के बाद किसी एक निश्चित निष्कर्ष पर निकाला जा सकता है कि इस मानसून सीजन में प्रदेश को कितना नुकसान हुआ है?
आपदा सचिव सुमन ने बताया कि उनकी ओर से लगातार जिलों को निर्देशित किया जा रहा है कि वो नुकसान का आकलन करें. साथ ही मुआवजे को समय से आपदा पीड़ितों को दें. साथ ही कहा कि निश्चित तौर से केंद्र से मिलने वाली राहत से प्रदेश को लाभ होगा.
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