रांची: झारखंड राज्य वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन तेज करते हुए 2 मार्च को शैक्षणिक हड़ताल की घोषणा की है. बजट सत्र के दौरान गुरुवार 29 फरवरी को विधानसभा के समक्ष आंदोलन कर रहे वित्त रहित शिक्षकों ने सरकार पर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती है तो राज्य भर के 1250 स्कूल कॉलेज में 2 मार्च को ताला लटका कर शिक्षा सचिव का पुतला दहन वित्त रहित कर्मी करेंगे.
यदि मांगें इसके बाद भी पूरी नहीं की जाती हैं 10000 वित रहित शिक्षक मुख्यमंत्री आवास घेरने का काम करेंगे. विधानसभा के समक्ष आंदोलन कर रहे वित्त रहित शिक्षकों ने इस दरम्यान न केवल सरकार विरोधी नारे लगाए बल्कि जब तक शिक्षक भूखा है ज्ञान का सागर सुखा है जैसा स्लोगन लगाकर सरकार को जगाने की कोशिश करते दिखे.
वित्त रहित शिक्षकों की ये है मांग
राज्य में वित्त रहित स्कूल कॉलेज में कार्यरत कर्मियों का मानना है कि अनुदान में 75% वृद्धि के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक के द्वारा गठित कमेटी की अनुशंसा को 13 माह के बाद भी अभी तक विधि विभाग, वित्त विभाग एवं मंत्री परिषद की सहमति नहीं मिली है जो बेहद ही गंभीर विषय है. सरकार को इस पर त्वरित कदम उठानी चाहिए इसके अलावे बिहार के नियोजित शिक्षकों के तर्ज पर अनुदानित स्कूल इंटर कॉलेज के शिक्षक कर्मियों को राज्य कर्मी का दर्जा देने, वित्तीय वर्ष 2023-24 के अनुदान के लिए विभाग द्वारा ऑनलाइन प्रक्रिया नहीं करने तथा उच्च विद्यालयों के वित्तीय वर्ष 2020-21 के अनुदान की राशि शीघ्र देने के साथ अनुदानित स्कूलों-कॉलेजों को मुख्यमंत्री के सदन में आश्वासन एवं स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के पत्र पर कार्यवाही नहीं करने की मुख्य मांगे हैं.
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