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करनाल में मरीजों की जान बचाने वाले एंबुलेंस पड़े "बीमार"!, ड्राइवरों की भी हो गई भारी कमी - AMBULANCE PROBLEM IN HARYANA

करनाल में मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाने वाले एम्बुलेंस अनफिट पड़े हैं. वहीं जो फिट है उसके लिए चालकों की कमी है.

Patients are facing difficulties
करनाल में अनफिट होने पर बेकार पड़े एम्बुलेंस (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 22, 2025, 10:21 PM IST

करनाल: बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए समय पर एम्बुलेंस की उपलब्धता जरूरी है. करनाल जिले में स्वास्थ्य विभाग में पहले से एम्बुलेंस की कमी है. दूसरी ओर कई एम्बुलेंस बेकार हो चुके हैं. कुछ वाहन हैं तो उनके लिए पर्याप्त मात्रा में चालक नहीं है. इस कारण बीमार लोगों को ऑन कॉल एम्बुलेंस के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है या स्वयं कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

कहीं मौत का कारण ना बन जाए एम्बुलेंसः करनाल में पुराने वाहनों और कर्मचारियों की कमी के कारण मरीजों और उनके देखभालियों (परिजनों) की सुरक्षा खतरे के घेरे में है. भले ही एम्बुलेंस रोगी की देखभाल और आपातकालीन प्रतिक्रिया में शामिल हैं, फिर भी उन्हें गंभीर परिचालन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. वहीं वाहनों की बिगड़ती हालत उन्हें किसी भी समय बेकार कर सकती है. आपात स्थिति में खराब हो जाने वाली एम्बुलेंस किसी की भी मौत का कारण भी बन सकती है.

करनाल में अनफिट एम्बुलेंस और चालकों की कमी (Etv Bharat)
29 एम्बुलेंस में से 18 हो चुके हैं अनफिटः आंकड़ों के अनुसार, जिले में कुल 29 एम्बुलेंस में से 18 ने पांच साल या 3 लाख किलोमीटर के अनुशंसित परिचालन जीवन को पार कर लिया है. चार-चार एम्बुलेंस कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज (केसीजीएमसी) और जिला नागरिक अस्पताल में तैनात हैं, जबकि अन्य दूर-दराज के इलाकों में तैनात हैं, जिनमें असंध और नीलोखेड़ी के उप-मंडल अस्पतालों में एक-एक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में आठ एम्बुलेंस शामिल हैं और 11 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) पर तैनात है. दुर्घटना पीड़ितों और प्रसव के बाद महिलाओं को उनके घर तक पहुंचाने से लेकर विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति में इन एंबुलेंस का अहम योगदान रहा है.
Patients are facing difficulties
करनाल में अनफिट एम्बुलेंस (Etv Bharat)
कर्मचारियों की कमी,ड्यूटी रोस्टर नहीं होता है लागूः एम्बुलेंस की इस प्रकार की स्थिति के अलावा, ड्राइवरों की भारी कमी से समस्या और भी गंभीर हो जा रही है. ड्राइवर के 90 स्वीकृत पदों में से 27 खाली हैं और 54 आपातकालीन चिकित्सा अटेंडेंट (ईएमटी) पदों में से 17 भरे नहीं गए हैं. विभागीय सूत्रों के अनुसार कर्मचारियों की कमी के कारण ड्यूटी रोस्टर लागू नहीं किया जा सका और प्रत्येक एम्बुलेंस 24x7 उपलब्ध नहीं हो सके. 24x7 सेवा प्रदान करने के सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए पूरे स्टाफ के साथ-साथ अच्छी स्थिति वाली एम्बुलेंस की भी आवश्यकता है. इस प्रकार से हो रही अनदेखी ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
Patients are facing difficulties
करनाल में खराब पड़ा एम्बुलेंस (Etv Bharat)
क्या बोले सिविल सर्जनः सिविल सर्जन डॉ. लोकवीर ने कहा कि एम्बुलेंस की स्थिति और कर्मचारियों की संख्या के बारे में उच्च अधिकारियों को एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी है. उम्मीद है कि जल्द हालात में सुधार होगा. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे बार-बार पत्राचार के माध्यम से सरकार को इस समस्या से अवगत करवा रहे हैं.
Patients are facing difficulties
करनाल में अनफिट पड़ा एम्बुलेंस (Etv Bharat)

ये भी पढ़ें-

पलवल के इस अस्पताल में दिल के मरीजों का मुफ्त में होता इलाज, पेशेंट का रखा जाता खास ध्यान - HEART PATIENT FREE TREATMENT PALWAL

करनाल: बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए समय पर एम्बुलेंस की उपलब्धता जरूरी है. करनाल जिले में स्वास्थ्य विभाग में पहले से एम्बुलेंस की कमी है. दूसरी ओर कई एम्बुलेंस बेकार हो चुके हैं. कुछ वाहन हैं तो उनके लिए पर्याप्त मात्रा में चालक नहीं है. इस कारण बीमार लोगों को ऑन कॉल एम्बुलेंस के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है या स्वयं कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

कहीं मौत का कारण ना बन जाए एम्बुलेंसः करनाल में पुराने वाहनों और कर्मचारियों की कमी के कारण मरीजों और उनके देखभालियों (परिजनों) की सुरक्षा खतरे के घेरे में है. भले ही एम्बुलेंस रोगी की देखभाल और आपातकालीन प्रतिक्रिया में शामिल हैं, फिर भी उन्हें गंभीर परिचालन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. वहीं वाहनों की बिगड़ती हालत उन्हें किसी भी समय बेकार कर सकती है. आपात स्थिति में खराब हो जाने वाली एम्बुलेंस किसी की भी मौत का कारण भी बन सकती है.

करनाल में अनफिट एम्बुलेंस और चालकों की कमी (Etv Bharat)
29 एम्बुलेंस में से 18 हो चुके हैं अनफिटः आंकड़ों के अनुसार, जिले में कुल 29 एम्बुलेंस में से 18 ने पांच साल या 3 लाख किलोमीटर के अनुशंसित परिचालन जीवन को पार कर लिया है. चार-चार एम्बुलेंस कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज (केसीजीएमसी) और जिला नागरिक अस्पताल में तैनात हैं, जबकि अन्य दूर-दराज के इलाकों में तैनात हैं, जिनमें असंध और नीलोखेड़ी के उप-मंडल अस्पतालों में एक-एक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में आठ एम्बुलेंस शामिल हैं और 11 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) पर तैनात है. दुर्घटना पीड़ितों और प्रसव के बाद महिलाओं को उनके घर तक पहुंचाने से लेकर विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति में इन एंबुलेंस का अहम योगदान रहा है.
Patients are facing difficulties
करनाल में अनफिट एम्बुलेंस (Etv Bharat)
कर्मचारियों की कमी,ड्यूटी रोस्टर नहीं होता है लागूः एम्बुलेंस की इस प्रकार की स्थिति के अलावा, ड्राइवरों की भारी कमी से समस्या और भी गंभीर हो जा रही है. ड्राइवर के 90 स्वीकृत पदों में से 27 खाली हैं और 54 आपातकालीन चिकित्सा अटेंडेंट (ईएमटी) पदों में से 17 भरे नहीं गए हैं. विभागीय सूत्रों के अनुसार कर्मचारियों की कमी के कारण ड्यूटी रोस्टर लागू नहीं किया जा सका और प्रत्येक एम्बुलेंस 24x7 उपलब्ध नहीं हो सके. 24x7 सेवा प्रदान करने के सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए पूरे स्टाफ के साथ-साथ अच्छी स्थिति वाली एम्बुलेंस की भी आवश्यकता है. इस प्रकार से हो रही अनदेखी ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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करनाल में खराब पड़ा एम्बुलेंस (Etv Bharat)
क्या बोले सिविल सर्जनः सिविल सर्जन डॉ. लोकवीर ने कहा कि एम्बुलेंस की स्थिति और कर्मचारियों की संख्या के बारे में उच्च अधिकारियों को एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी है. उम्मीद है कि जल्द हालात में सुधार होगा. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे बार-बार पत्राचार के माध्यम से सरकार को इस समस्या से अवगत करवा रहे हैं.
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करनाल में अनफिट पड़ा एम्बुलेंस (Etv Bharat)

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