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नौकरी बांटने के दावों में उलझे 'नेताजी', बढ़ रही बेरोजगारों की संख्या, PHD होल्डर से 8 वीं पास तक इसमें शामिल - Unemployment in Bihar

Jobs in Bihar नेशनल केरियर सर्विस पोर्टल पर देशभर के बेरोजगार रजिस्ट्रेशन कराकर अपने लिए उपयुक्त नौकरी की डिमांड करते हैं. केंद्र सरकार के श्रम विभाग की ओर से यह पोर्टल तैयार किया गया है. 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी शुरुआत की थी. इस पोर्टल पर आवेदन किये गये आंकड़ों के अनुसार बिहार में बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है. जबकि, सरकार लगातार दावा कर रही है कि बिहार में नौकरियों बांटी जा रही है. क्या है सच और क्यों बढ़ रहे हैं ये आंकड़े, जानिये विशेषज्ञों से.

बिहार में बेराजगारों की संख्या बढ़ी.
बिहार में बेराजगारों की संख्या बढ़ी. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 7, 2024, 8:00 PM IST

बिहार में बेराजगारों की संख्या बढ़ी. (ETV Bharat)

पटना: बिहार में नीतीश सरकार बड़े पैमाने पर नौकरी और रोजगार देने की बात कर रही है. वहीं दूसरी तरफ नेशनल करियर सर्विस एनसीएस पोर्टल पर बिहार के बेरोजगारों के रजिस्ट्रेशन कराने की संख्या लगातार बढ़ रही है. 2023 में यह संख्या 16 लाख के करीब थी जो 2024 में बढ़कर 18 लाख से अधिक हो गयी. बिहार के बेरोजगारों में पीएचडी धारी से लेकर कम पढ़े लिखे लोग भी शामिल हैं. नेशनल करियर सर्विस पोर्टल के आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि बिहार में बेरोजगारी बड़ी समस्या है. सरकार को कृषि और स्मॉल इंडस्ट्री के क्षेत्र में रोजगार क्रिएट करना होगा.

बढ़ रही है बेरोजगारों की संख्याः नीतीश सरकार ने 2020 में 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का वादा किया था. तेजस्वी यादव ने भी नौकरी और रोजगार को बड़ा मुद्दा बनाया था. बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि 5 लाख से अधिक नौकरियां नीतीश सरकार के कार्यकाल में दी गई है. 12 लाख से अधिक सरकारी नौकरी एक साल में देने वाले हैं. वहीं 20 लाख से अधिक रोजगार दिया जा चुका है और बड़े पैमाने पर बिहार में रोजगार लोगों को मिल रहा है. लेकिन सरकार के दावे से उलट नेशनल करियर पोर्टल पर बिहार के बेरोजगार जिस प्रकार से नौकरी मांग रहे हैं वह चौंकाने वाले हैं.

कंपनियों को स्किल्ड वर्कर चाहिएः नेशनल करियर सर्विस पोर्टल में देश भर में एक करोड़ से अधिक वैकेंसी है. जबकि नौकरी मांगने वालों की संख्या 87 लाख ही है. 2023 में पोर्टल पर केवल 34 लाख 81944 नौकरियां ही थी, लेकिन उसमें 2024 में 214 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है. नौकरी मांगने वाले बेरोजगारों की संख्या 53 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है. 2023 में 525748 बेरोजगारों ने पूरे देश में नौकरी मांगी थी इस साल यह बढ़कर 87 लाख 20900 हो गया है. पूरे देश के स्तर पर देखें तो पोर्टल पर नौकरियां अधिक है उसके मुकाबले बेरोजगारों की संख्या कम है. जानकार कहते हैं नौकरी मांगने वाले वैसे बेरोजगार की संख्या अधिक है, जिनकी जरूरत कंपनियों को नहीं है.

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एजुकेशन सिस्टम में करना होगा सुधारः अर्थशास्त्री एन के चौधरी का कहना है बेरोजगारी, बिहार के लिए एक बड़ी समस्या है. सरकार के लिए और राजनीतिक दलों के लिए चैलेंज भी है. एनके चौधरी का कहना है बेरोजगारी उस सेगमेंट से है जो मिडिल का क्लास से जुड़ा हुआ है, जो पढ़े लिखे हैं और जो युवा है तो राजनीतिक हलचल मचाने वाला होता है. एनके चौधरी का यह भी कहना है कि बिहार का एजुकेशन सिस्टम रोजगार पैदा करने में सक्षम नहीं है. उसको बेहतर बनाने की जरूरत है. साथ ही जहां खाली पद है सरकार के स्तर पर या फिर निजी स्तर पर उसे भी तेजी से भरने की आवश्यकता है. बेरोजगारी को कम किया जा सकता है.

बिहार में क्वालिटी एजुकेशन की जरूरतः एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट पटना के प्रोफेसर विद्यार्थी विकास का कहना है पूरे देश में जॉब की समस्या है. केंद्र सरकार के नेशनल पोर्टल के माध्यम से बिहार के युवा भी अधिक से अधिक रोजगार पाना चाहते हैं इसलिए वहां रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं. बिहार में बेरोजगारी तो लंबे समय से एक बड़ी समस्या रही है. बिहार सरकार को कृषि और स्मॉल इंडस्ट्री में अधिक से अधिक रोजगार कैसे क्रिएट हो इस पर ध्यान देने की जरूरत है. इसके लिए विशेषज्ञों से बिहार सरकार स्टडी भी करवा सकती है. विद्यार्थी विकास का कहना है क्वालिटी एजुकेशन भी महत्वपूर्ण मायने रखता है.

"बिहार के सरकारी स्कूल, कॉलेज में क्वालिटी एजुकेशन नहीं है. निजी क्षेत्र को जो चाहिए उस तरह की शिक्षा हम अपने युवाओं को देंगे तभी बिहार के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिल सकेगा."- विद्यार्थी विकास, प्रोफेसर एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट

10 लाख रोजगार देने का लक्ष्यः राज्य सरकार और केंद्र सरकार की ओर से समय-समय पर रोजगार मेला लगाया जाता है जिसमें देशभर की कंपनियां भाग लेती है. बेरोजगारों के लिए रोजगार मेला में नौकरी पाने की यह पहली शर्त है कि उन्हें नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. बिहार के श्रम संसाधन विभाग के अनुसार इस साल 36 जिले में रोजगार मेला लगाने का कार्यक्रम तय किया गया है. कैमूर और रोहतास में पहले ही रोजगार मेला का आयोजन हो चुका है. रोजगार मेला में बिहार सरकार 10 लाख रोजगार देने का लक्ष्य तय की है. रोजगार मेला में देशभर की कंपनियों को आमंत्रित करने की तैयारी है. बिहार सरकार के भी कई विभागों में खाली पदों पर रोजगार मेला के माध्यम से भरा जाएगा.

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एनएससी पोर्टल पर मिलने वाली नौकरियांः इस पोर्टल पर सरकारी नौकरी, प्राइवेट लिमिटेड जॉब, वर्क फ्रॉम होम जॉब, दिव्यांगों के लिए नौकरी, महिलाओं के लिए नौकरी और अन्य प्रकार की नौकरियों मिलती हैं. युवा अपनी कुशल और योग्यता के अनुसार नौकरी खोज सकता है. इस पोर्टल के माध्यम से किसी भी कंपनी के द्वारा निकाली गई रिक्वायरमेंट में अप्लाई कर सकते हैं. इससे करियर सेटलमेंट में मदद मिलती है. इस पोर्टल के माध्यम से स्किल डेवलपमेंट करने के लिए कोर्स भी मिलते हैं. बेराजगार युवाओं को यहां एक अवसर मिल रहा है. वो तेजी से इससे जुड़ रहे हैं.

ऐसे करा सकते हैं रजिस्ट्रेशनः नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सबसे पहले अपने मोबाइल या लैपटॉप में नेशनल करियर सर्विस पोर्टल https://www.ncs.gov.in/ को खोलें. पोर्टल खोलने के बाद राइट साइड में ऊपर क्लिक करें. इसके बाद Job Seeker पर क्लिक करें. क्लिक करने के बाद अब Ragister पर क्लिक करें. इसके बाद मोबाइल नंबर और डेट ऑफ बर्थ डालकर Check बटन पर क्लिक करें. इसके बाद अन्य मांगी गई जानकारी दर्ज करें. अब आवश्यक डॉक्यूमेंट की फोटो कॉपी और पासवर्ड साइज फोटो अपलोड करें. प्रोफाइल तैयार हो जाने के बाद अपनी प्रोफाइल का प्रिंट आउट निकाले और सुरक्षित रखें.

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चुनाव में रोजगार बन रहा है बड़ा मुद्दाः बिहार में नौकरी और रोजगार पर खूब सियासत हो रही है. तेजस्वी यादव ने 2020 में से बड़ा मुद्दा बनाया था. एनडीए की तरफ से भी नौकरी और रोजगार देने का वादा किया गया. कई विभागों में पिछले 3 सालों में युवाओं को नौकरी दी गई. लेकिन बेरोजगारों की तादाद इतनी तेजी से बढ़ रही है सरकार की तरफ से नौकरी और रोजगार कम हो जा रहा है. विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सरकार कई विभागों में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है. रोजगार मेला भी लगाने की तैयारी है. ऐसे में बिहार के बेरोजगारों के लिए एक अवसर हो सकता है.

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बिहार में बेराजगारों की संख्या बढ़ी. (ETV Bharat)

पटना: बिहार में नीतीश सरकार बड़े पैमाने पर नौकरी और रोजगार देने की बात कर रही है. वहीं दूसरी तरफ नेशनल करियर सर्विस एनसीएस पोर्टल पर बिहार के बेरोजगारों के रजिस्ट्रेशन कराने की संख्या लगातार बढ़ रही है. 2023 में यह संख्या 16 लाख के करीब थी जो 2024 में बढ़कर 18 लाख से अधिक हो गयी. बिहार के बेरोजगारों में पीएचडी धारी से लेकर कम पढ़े लिखे लोग भी शामिल हैं. नेशनल करियर सर्विस पोर्टल के आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि बिहार में बेरोजगारी बड़ी समस्या है. सरकार को कृषि और स्मॉल इंडस्ट्री के क्षेत्र में रोजगार क्रिएट करना होगा.

बढ़ रही है बेरोजगारों की संख्याः नीतीश सरकार ने 2020 में 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का वादा किया था. तेजस्वी यादव ने भी नौकरी और रोजगार को बड़ा मुद्दा बनाया था. बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि 5 लाख से अधिक नौकरियां नीतीश सरकार के कार्यकाल में दी गई है. 12 लाख से अधिक सरकारी नौकरी एक साल में देने वाले हैं. वहीं 20 लाख से अधिक रोजगार दिया जा चुका है और बड़े पैमाने पर बिहार में रोजगार लोगों को मिल रहा है. लेकिन सरकार के दावे से उलट नेशनल करियर पोर्टल पर बिहार के बेरोजगार जिस प्रकार से नौकरी मांग रहे हैं वह चौंकाने वाले हैं.

कंपनियों को स्किल्ड वर्कर चाहिएः नेशनल करियर सर्विस पोर्टल में देश भर में एक करोड़ से अधिक वैकेंसी है. जबकि नौकरी मांगने वालों की संख्या 87 लाख ही है. 2023 में पोर्टल पर केवल 34 लाख 81944 नौकरियां ही थी, लेकिन उसमें 2024 में 214 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है. नौकरी मांगने वाले बेरोजगारों की संख्या 53 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है. 2023 में 525748 बेरोजगारों ने पूरे देश में नौकरी मांगी थी इस साल यह बढ़कर 87 लाख 20900 हो गया है. पूरे देश के स्तर पर देखें तो पोर्टल पर नौकरियां अधिक है उसके मुकाबले बेरोजगारों की संख्या कम है. जानकार कहते हैं नौकरी मांगने वाले वैसे बेरोजगार की संख्या अधिक है, जिनकी जरूरत कंपनियों को नहीं है.

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एजुकेशन सिस्टम में करना होगा सुधारः अर्थशास्त्री एन के चौधरी का कहना है बेरोजगारी, बिहार के लिए एक बड़ी समस्या है. सरकार के लिए और राजनीतिक दलों के लिए चैलेंज भी है. एनके चौधरी का कहना है बेरोजगारी उस सेगमेंट से है जो मिडिल का क्लास से जुड़ा हुआ है, जो पढ़े लिखे हैं और जो युवा है तो राजनीतिक हलचल मचाने वाला होता है. एनके चौधरी का यह भी कहना है कि बिहार का एजुकेशन सिस्टम रोजगार पैदा करने में सक्षम नहीं है. उसको बेहतर बनाने की जरूरत है. साथ ही जहां खाली पद है सरकार के स्तर पर या फिर निजी स्तर पर उसे भी तेजी से भरने की आवश्यकता है. बेरोजगारी को कम किया जा सकता है.

बिहार में क्वालिटी एजुकेशन की जरूरतः एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट पटना के प्रोफेसर विद्यार्थी विकास का कहना है पूरे देश में जॉब की समस्या है. केंद्र सरकार के नेशनल पोर्टल के माध्यम से बिहार के युवा भी अधिक से अधिक रोजगार पाना चाहते हैं इसलिए वहां रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं. बिहार में बेरोजगारी तो लंबे समय से एक बड़ी समस्या रही है. बिहार सरकार को कृषि और स्मॉल इंडस्ट्री में अधिक से अधिक रोजगार कैसे क्रिएट हो इस पर ध्यान देने की जरूरत है. इसके लिए विशेषज्ञों से बिहार सरकार स्टडी भी करवा सकती है. विद्यार्थी विकास का कहना है क्वालिटी एजुकेशन भी महत्वपूर्ण मायने रखता है.

"बिहार के सरकारी स्कूल, कॉलेज में क्वालिटी एजुकेशन नहीं है. निजी क्षेत्र को जो चाहिए उस तरह की शिक्षा हम अपने युवाओं को देंगे तभी बिहार के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिल सकेगा."- विद्यार्थी विकास, प्रोफेसर एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट

10 लाख रोजगार देने का लक्ष्यः राज्य सरकार और केंद्र सरकार की ओर से समय-समय पर रोजगार मेला लगाया जाता है जिसमें देशभर की कंपनियां भाग लेती है. बेरोजगारों के लिए रोजगार मेला में नौकरी पाने की यह पहली शर्त है कि उन्हें नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. बिहार के श्रम संसाधन विभाग के अनुसार इस साल 36 जिले में रोजगार मेला लगाने का कार्यक्रम तय किया गया है. कैमूर और रोहतास में पहले ही रोजगार मेला का आयोजन हो चुका है. रोजगार मेला में बिहार सरकार 10 लाख रोजगार देने का लक्ष्य तय की है. रोजगार मेला में देशभर की कंपनियों को आमंत्रित करने की तैयारी है. बिहार सरकार के भी कई विभागों में खाली पदों पर रोजगार मेला के माध्यम से भरा जाएगा.

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एनएससी पोर्टल पर मिलने वाली नौकरियांः इस पोर्टल पर सरकारी नौकरी, प्राइवेट लिमिटेड जॉब, वर्क फ्रॉम होम जॉब, दिव्यांगों के लिए नौकरी, महिलाओं के लिए नौकरी और अन्य प्रकार की नौकरियों मिलती हैं. युवा अपनी कुशल और योग्यता के अनुसार नौकरी खोज सकता है. इस पोर्टल के माध्यम से किसी भी कंपनी के द्वारा निकाली गई रिक्वायरमेंट में अप्लाई कर सकते हैं. इससे करियर सेटलमेंट में मदद मिलती है. इस पोर्टल के माध्यम से स्किल डेवलपमेंट करने के लिए कोर्स भी मिलते हैं. बेराजगार युवाओं को यहां एक अवसर मिल रहा है. वो तेजी से इससे जुड़ रहे हैं.

ऐसे करा सकते हैं रजिस्ट्रेशनः नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सबसे पहले अपने मोबाइल या लैपटॉप में नेशनल करियर सर्विस पोर्टल https://www.ncs.gov.in/ को खोलें. पोर्टल खोलने के बाद राइट साइड में ऊपर क्लिक करें. इसके बाद Job Seeker पर क्लिक करें. क्लिक करने के बाद अब Ragister पर क्लिक करें. इसके बाद मोबाइल नंबर और डेट ऑफ बर्थ डालकर Check बटन पर क्लिक करें. इसके बाद अन्य मांगी गई जानकारी दर्ज करें. अब आवश्यक डॉक्यूमेंट की फोटो कॉपी और पासवर्ड साइज फोटो अपलोड करें. प्रोफाइल तैयार हो जाने के बाद अपनी प्रोफाइल का प्रिंट आउट निकाले और सुरक्षित रखें.

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चुनाव में रोजगार बन रहा है बड़ा मुद्दाः बिहार में नौकरी और रोजगार पर खूब सियासत हो रही है. तेजस्वी यादव ने 2020 में से बड़ा मुद्दा बनाया था. एनडीए की तरफ से भी नौकरी और रोजगार देने का वादा किया गया. कई विभागों में पिछले 3 सालों में युवाओं को नौकरी दी गई. लेकिन बेरोजगारों की तादाद इतनी तेजी से बढ़ रही है सरकार की तरफ से नौकरी और रोजगार कम हो जा रहा है. विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सरकार कई विभागों में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है. रोजगार मेला भी लगाने की तैयारी है. ऐसे में बिहार के बेरोजगारों के लिए एक अवसर हो सकता है.

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