भरतपुर. प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही बेरोजगार हुए राजीव गांधी युवा मित्र बीते 53 दिनों से जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं. धरना प्रदर्शन के बावजूद जब सरकार ने उनकी नहीं सुनी तो युवा बुधवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गांव अटारी में उनके माता-पिता को ज्ञापन देने पहुंच गए. पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिली तो उन्होंने सभी युवाओं को गांव के बाहर कर दिया, लेकिन युवा फिर से खेतों के रास्ते गांव में पहुंच गए. ऐसे में पुलिस प्रदर्शन कर रहे युवाओं को हिरासत में लेकर लखनपुर थाने पहुंची, जहां से उन्हें छोड़ दिया गया. वहीं, नदबई तहसीलदार ने युवाओं से ज्ञापन लेकर सीएम कार्यालय तक पहुंचाने का आश्वासन दिया.
असल में बुधवार दोपहर को अचानक से मुख्यमंत्री के गांव अटारी में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई. मुख्य रास्ते पर पुलिस तैनात कर दी गई. गांव में दोपहर को राजीव गांधी युवा मित्र प्रदर्शन व ज्ञापन देने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें गांव से खदेड़ दिया. उसके बाद फिर से युवा खेतों के रास्ते गांव पहुंच गए और प्रदर्शन कर रोजगार बहाल करने की मांग करने लगे. इस पर पुलिस ने सभी युवाओं को हिरासत में ले लिया और उन्हें लखनपुर थाने लेकर गई, जहां से सभी को छोड़ दिया गया.
इसे भी पढ़ें - तबादला सूची में जाति की राजनीति: डोटासरा का आरोप, कहा- तबादलों में साफ दिखी दुर्भावना, सीएम करें विचार
नदबई तहसीलदार कैलाश गौतम ने बताया कि युवाओं ने अपनी मांग का ज्ञापन दिया है. ज्ञापन को कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचाया जाएगा. राजीव गांधी युवा मित्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संजय मीणा ने बताया कि हम 53 दिन से जयपुर में शहीद स्मारक पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सुनवाई नहीं हुई है. ऐसे में हम गांव में मुख्यमंत्री के माता-पिता को इसलिए ज्ञापन देने के लिए आए, ताकि हमारी सुनवाई हो सके.
संजय मीणा ने बताया कि भाजपा सरकार बनते ही प्रदेश के 5 हजार युवा मित्रों को बेरोजगार कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि यदि भाजपा सरकार को राजीव गांधी नाम से दिक्कत है तो नाम बदलकर अटल बिहारी युवा मित्र कर दें, लेकिन हमें वापस नौकरी पर रखा जाए. हमें राजनीति और कांग्रेस-भाजपा से कोई लेना देना नहीं है. उधर, युवाओं के प्रदर्शन को देखते हुए भरतपुर के जवाहर नगर स्थित आवास पर भी पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई.