बूंदी. जिले के लाखेरी कस्बे में शादी समारोह की खुशी उस समय मातम में तब्दील हो गई, जब बारात आने से पहले दुल्हन के चाचा को हार्ट अटैक आ गया. अभी कोई कुछ समझ पाता कि इतने में चाचा की मौत हो गई. ऐसे में विवाह के मंगल गीत के स्वर एकदम से मातम में बदल गए. परिजनों ने गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार किया. इसके बाद किसी तरह से शादी की रस्में पूरी की गईं. अभी परिवार में एक सदस्य की मौत का गम कम भी नहीं हुआ था कि इतने में देर रात दुल्हन की दादी भी चल बसी. ऐसे में मां-बेटे की मौत के बाद पूरा परिवार गमगीन हो गया.
दिल का दौरा पड़ने से चाचा की मौत : बूंदी रोड निवासी दुल्हन के पिता रमेशचंद सुमन ने बताया कि उनकी बेटी राधिका की शादी का बुधवार को मंगल गीतों के साथ कार्यक्रम चल रहा था. बारात आनी थी, सो चौतरफा शहनाइयों की गूंज सुनाई दे रही थी. दुल्हन के चाचा गोबरीलाल (45) भी भतीजी की शादी की खुशियां मना रहे थे. अचानक गोबरीलाल की तबीयत बिगड़ गई. उन्होंने सीने में दर्द होने की बात कही. परिजन शादी का कार्यक्रम बीच में छोड़कर उनको अस्पताल लेकर गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. जैसे ही मौत की खबर घर आई तो शादी के मंगल गीत बंद हो गए और शहनाई की गूंज आंसुओं में तब्दील गए हैं.
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गम के बीच उठी डोली : शादी की खुशियों के बीच जब मातम की खबर आई तो परिवार वालों ने निर्णय लिया कि पहले अंतिम संस्कार किया जाएगा. इसके बाद विवाह की रस्में पूरी होगी. अनहोनी होते देख दुल्हन का भी रो-रोकर बुरा हाल था. परिवार वालों ने अंतिम संस्कार किया और वापस घर आए. इसके बाद किसी तरीके से विवाह की तैयारी में जुट गए. दुल्हन की बारात देर शाम शंकरपुरा से आई, लेकिन कोई खुशी नहीं मनाई गई. साधारण रूप से तोरण और पाणिग्रहण संस्कार की रस्में हुईं.
दादी ने भी तोड़ा दम : जवान बेटे की मौत से परिवार गम से उभरा ही नहीं था कि इतने में दुल्हन की दादी मंगली बाई (90)की अचानक मौत हो गई. जवान बेटे की मौत के गम में बुजुर्ग मां इस सदमे को सह नहीं पाई और चल बसी. पहले से मौत के गम से जूझ रहा परिवार दूसरी मौत से सकते में आ गया. दो दिन में दो मौत से परिवार सदमे में है, जहां गमगीन माहौल में बुजुर्ग मंगली बाई का अंतिम संस्कार किया गया.