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दिल्ली हादसे के बाद भी बेखबर; लखनऊ में लाखों छात्रों की जिंदगी खतरे में, फायर विभाग को पता ही नहीं कहां कितनी कोचिंग - Ignoring rules in coaching center

27 जुलाई की रात दिल्ली के राजेंद्र नगर में कोचिंग सर्किल के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी. इससे दो माह पहले दिल्ली के ही मुखर्जी नगर में आग लगने से 20 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. लगातार हो रहे इन हादसों से लगता नहीं कि सबक लिया गया है.

दिल्ली हादसे के बाद भी बेखबर लखनऊ के अधिकारी.
दिल्ली हादसे के बाद भी बेखबर लखनऊ के अधिकारी. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 31, 2024, 4:51 PM IST

Updated : Jul 31, 2024, 10:27 PM IST

दिल्ली हादसे के बाद भी बेखबर लखनऊ के अधिकारी. (Video Credit; ETV Bharat)

लखनऊ : बीती 27 जुलाई की रात दिल्ली के राजेंद्र नगर में कोचिंग सर्किल के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी. इससे दो माह पहले दिल्ली के ही मुखर्जी नगर में आग लगने से 20 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. लगातार हो रहे इन हादसों से लगता नहीं कि सबक लिया गया है. प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी हालात इससे अलग नहीं हैं. यहां भी बेसमेंट में करीब 2 हजार कोचिंग सेंटर चल रहे हैं. न तो आपातकाल में बचाव की कोई व्यवस्था है, न ही आग लगने की दशा में सुरक्षा के कोई खास इंतजाम. इन कोचिंग सेंटरों में बेतरतीब फैले बिजली के तारों से हमेशा अनहोनी की आशंका रहती है. इसके बावजूद अफसर आंख मूंदे बैठे हुए हैं. दिल्ली की घटना के बाद बेसमेंट में चल रहीं कई कोचिंग पर विकास प्राधिकरण ने कार्रवाई की है, लेकिन यह अभी सीमित है. छात्र-छात्राओं की जिंदगी से खिलवाड़ अब भी जारी है.

हजरतगंज और कपूरथला हैं हब : लखनऊ के हजरतगंज व कपूरथला में लाखों बच्चे डॉक्टर, आईएएस, आईपीएस बनने का सपना लेकर कोचिंग पढ़ने आते हैं. इन्हें इसका अंदेशा भी नहीं रहता कि इन कोचिंग सेंटर्स में इनकी जिंदगी पर लगातार खतरा बना है. कोचिंग सेंटरों में फायर सेफ्टी के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. बेसमेंट में जाने के अंधेरे भरे रास्तों, सीलन, बाहर निकलने के लिए सीमित जगह जैसी दिक्कतों के अलावा आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम भी यहां नहीं हैं. एक अनुमान के मुताबिक हजरतगंज, कपूरथला, कृष्णानगर, पत्रकार पूरम, चिनहट में 2000 से अधिक कोचिंग सेंटर हैं.

कोचिंग सेंटर रेगुलेशन न होने का संचालक उठाते हैं फायदा : कोचिंग सेंटर के रेगुलेशन का फिलहाल कोई नियम नहीं है. लखनऊ में दो हजार से अधिक कोचिंग सेंटर हैं, लेकिन इनके रेगुलेशन के लिए कोई प्रावधान नहीं है. बीते वर्ष राजधानी की जिन कोचिंग में आग भड़की थी, उसमें आने-जाने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता था, जो बेहद ही संकरा था. अग्निकांड के बाद जिला प्रशासन और फायर विभाग द्वारा यह दावा किया गया था कि बिना अग्निशमन नियमों का उल्लंघन करने वाली सभी कोचिंग सेंटर पर कार्रवाई की जाएगी. हालांकि यह दावा समय बीतते फुस्स हो गया.

फायर विभाग को मालूम ही नहीं, कहां कहां हैं कोचिंग सेंटर : लखनऊ के सीएफओ मंगेश कुमार कहते हैं कि राजधानी में जितने भी व्यावसायिक संस्थान हैं, खासकर होटल, हॉस्पिटल, स्कूल और कोचिंग सेंटर, यहां फायर सेफ्टी और उपकरणों की जांच के लिए अभियान चलाया जा रहा है. सभी फायर स्टेशन अधिकारियों को टीम बनाकर कोचिंग सेंटरों में आग से बचाव के इंतजाम और NOC की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही यह भी कहते हैं कि फायर विभाग ने उच्च शिक्षा अधिकारी को पत्र लिख कर राजधानी की सभी कोचिंग सेंटर की लिस्ट मांगी है, ताकि सभी सेंटर की जांच की जा सके.

निरक्षण करने के लिए शिक्षा विभाग के पास नहीं मैंन पावर : लखनऊ के रीजनल उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. सुधीर चौहान के मुताबिक, कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन करने के दौरान मौका मुआयना करवाया जाता है. हालांकि मैन पावर की कमी के चलते दुबारा निरक्षण करने में थोड़ा समय लग जाता है. फिर भी कोचिंग सेंटर चलाने वालों को नोटिस जारी किया जाएगा.

कोचिंग सेंटर में क्या होनी चाहिए व्यवस्था

  • शैक्षणिक संस्थान की बिल्डिंग का ग्राउंड एरिया 65 प्रतिशत खाली होना चाहिए.
  • इसका फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) 150 हो.
  • फायर एग्जिट, पलायन मार्ग की स्पष्टता.
  • पलायन मार्ग की डिस्टेंस.
  • वैकल्पिक रास्ता और जीने की व्यवस्था.
  • आकस्मिक स्थिति में लाइट की व्यवस्था.
  • बेसमेंट में रैंप की व्यवस्था.

बिल्डिंगों में सुरक्षा के लिए क्या-क्या है जरूरी

  1. फायर एक्सटिंग्यूशर
  2. डाउन कमर सिस्टम
  3. यार्ड हाइडेंट सिस्टम
  4. आटोमेटिक स्प्रिंकलर्स सिस्टम
  5. आटोमैटिक डिटेक्शन एवं अलार्म सिस्टम
  6. मैनुअली ऑपरेटेड इलेक्ट फायर अलार्म सिस्टम
  7. अंडरग्राउंड वाटर टैंक
  8. ओवरहेड वाटर टैंक

यदि आपके पास 200 स्क्वायर मीटर का प्लॉट है तो ग्राउंड फ्लोर पर 70 स्क्वायर मीटर (100 स्क्वायर मीटर का 035 फीसदी) में ही बिल्डिंग बना सकते हैं
फर्स्ट फ्लोर में पूरे 70 स्क्वायर मीटर में बिल्डिंग बना सकते हैं. इस तरह से 35 फीसदी कवर हो गया. इसी अनुपात में आप ऊपर की मंजिल बना सकते हैं.

बेसमेंट निर्माण से मिट्टी कटाव, बिल्डर पर गाज, बेसमेंट कोचिंग और लाइब्रेरी भी सील : दिल्ली की तरह लखनऊ में भी भारी बारिश के चलते बेसमेंट संबंधित दुर्घटना ना हो जाए, इसको देखते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण लगातार सख्त कार्रवाई कर रहा है. गोमती नगर विस्तार में बेसमेंट निर्माण के दौरान मिट्टी के कटाव को रुकवाकर बिल्डर के खिलाफ एक्शन लेने का कार्रवाई की गई है. दूसरी ओर दो कोचिंग सेंटर और एक लाइब्रेरी को भी सील कर दिया गया. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बुधवार दोपहर भारी बरसात के मद्देनजर समस्त जोनल अधिकारियों को अलर्ट करते हुए प्रवर्तन व अभियंत्रण अनुभाग की टीम के साथ फील्ड में रवाना किया. इस बीच गोमती नगर विस्तार में मिट्टी कटाव होने की सूचना पर टीम को तत्काल मौके पर भेजकर बचाव कार्य कराया गया.उधर, मानक विपरीत बने बेसमेंट में संचालित कोचिंग सेंटर व लाइब्रेरी आदि के खिलाफ भी एक्शन किया गया. जिसके तहत हजरतगंज में दो कोचिंग सेंटर/लाइब्रेरी व अलीगंज में एक लाइब्रेरी को सील बंद कराया गया.

अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि गोमती नगर विस्तार के सेक्टर-6 में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग में पूर्व में बेसमेंट की खुदाई का कार्य कराया गया था, जिसमें रिटेनिंग वाॅल का निर्माण अधूरा था. बुधवार दोपहर भारी बरसात के चलते बेसमेंट के लिए खोदे गये गड्ढ़े में पानी भरने से आसपास मिट्टी का कटाव होने लगा. इसकी सूचना मिलते ही उपाध्यक्ष ने प्रवर्तन जोन-1 की जोनल अधिकारी वन्दना पाण्डेय को टीम के साथ तत्काल मौके पर भेजकर बचाव कार्य शुरू करवाया.अभियंत्रण की टीम द्वारा बेसमेंट के किनारे सैंड बैग स्टैकिंग व अर्थ फिलिंग का कार्य कराते हुए मिट्टी के कटाव को रोक दिया गया. निर्माणकर्ता के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है.

अवैध बेसमेंट में संचालित तीन संस्थान सील : इसके अलावा मानक विपरीत बने बेसमेंट में संचालित प्रतिष्ठानों के खिलाफ बुधवार को भी कार्यवाही जारी रही. इस दौरान जोनल अधिकारी संजीव गुप्ता के नेतृत्व में प्रवर्तन जोन-6 की टीम ने हजरतगंज में नवल किशोर रोड पर बेसमेंट में खुले पाठशाला कोचिंग इंस्टीट्यूट व ब्रैस्केट कोचिंग सेंटर को सील किया. वहीं, प्रवर्तन जोन-4 की टीम ने अलीगंज के सेक्टर-जे में कार्यवाही करते हुए बेसमेंट में संचालित आकार आईएएस कोचिंग की लाइब्रेरी को बंद कराया. प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि मानक के विपरीत निर्मित बेसमेंट में संचालित प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्यवाही जारी रहेगी.

यह भी पढ़ें : दिल्ली हादसे के बाद लखनऊ में LDA का एक्शन; 107 प्रतिष्ठानों की जांच, बेसमेंट में चल रहे 20 कोचिंग सेंटर और लाइब्रेरी सील - Lucknow 20 coaching centers sealed

दिल्ली हादसे के बाद भी बेखबर लखनऊ के अधिकारी. (Video Credit; ETV Bharat)

लखनऊ : बीती 27 जुलाई की रात दिल्ली के राजेंद्र नगर में कोचिंग सर्किल के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी. इससे दो माह पहले दिल्ली के ही मुखर्जी नगर में आग लगने से 20 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. लगातार हो रहे इन हादसों से लगता नहीं कि सबक लिया गया है. प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी हालात इससे अलग नहीं हैं. यहां भी बेसमेंट में करीब 2 हजार कोचिंग सेंटर चल रहे हैं. न तो आपातकाल में बचाव की कोई व्यवस्था है, न ही आग लगने की दशा में सुरक्षा के कोई खास इंतजाम. इन कोचिंग सेंटरों में बेतरतीब फैले बिजली के तारों से हमेशा अनहोनी की आशंका रहती है. इसके बावजूद अफसर आंख मूंदे बैठे हुए हैं. दिल्ली की घटना के बाद बेसमेंट में चल रहीं कई कोचिंग पर विकास प्राधिकरण ने कार्रवाई की है, लेकिन यह अभी सीमित है. छात्र-छात्राओं की जिंदगी से खिलवाड़ अब भी जारी है.

हजरतगंज और कपूरथला हैं हब : लखनऊ के हजरतगंज व कपूरथला में लाखों बच्चे डॉक्टर, आईएएस, आईपीएस बनने का सपना लेकर कोचिंग पढ़ने आते हैं. इन्हें इसका अंदेशा भी नहीं रहता कि इन कोचिंग सेंटर्स में इनकी जिंदगी पर लगातार खतरा बना है. कोचिंग सेंटरों में फायर सेफ्टी के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. बेसमेंट में जाने के अंधेरे भरे रास्तों, सीलन, बाहर निकलने के लिए सीमित जगह जैसी दिक्कतों के अलावा आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम भी यहां नहीं हैं. एक अनुमान के मुताबिक हजरतगंज, कपूरथला, कृष्णानगर, पत्रकार पूरम, चिनहट में 2000 से अधिक कोचिंग सेंटर हैं.

कोचिंग सेंटर रेगुलेशन न होने का संचालक उठाते हैं फायदा : कोचिंग सेंटर के रेगुलेशन का फिलहाल कोई नियम नहीं है. लखनऊ में दो हजार से अधिक कोचिंग सेंटर हैं, लेकिन इनके रेगुलेशन के लिए कोई प्रावधान नहीं है. बीते वर्ष राजधानी की जिन कोचिंग में आग भड़की थी, उसमें आने-जाने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता था, जो बेहद ही संकरा था. अग्निकांड के बाद जिला प्रशासन और फायर विभाग द्वारा यह दावा किया गया था कि बिना अग्निशमन नियमों का उल्लंघन करने वाली सभी कोचिंग सेंटर पर कार्रवाई की जाएगी. हालांकि यह दावा समय बीतते फुस्स हो गया.

फायर विभाग को मालूम ही नहीं, कहां कहां हैं कोचिंग सेंटर : लखनऊ के सीएफओ मंगेश कुमार कहते हैं कि राजधानी में जितने भी व्यावसायिक संस्थान हैं, खासकर होटल, हॉस्पिटल, स्कूल और कोचिंग सेंटर, यहां फायर सेफ्टी और उपकरणों की जांच के लिए अभियान चलाया जा रहा है. सभी फायर स्टेशन अधिकारियों को टीम बनाकर कोचिंग सेंटरों में आग से बचाव के इंतजाम और NOC की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही यह भी कहते हैं कि फायर विभाग ने उच्च शिक्षा अधिकारी को पत्र लिख कर राजधानी की सभी कोचिंग सेंटर की लिस्ट मांगी है, ताकि सभी सेंटर की जांच की जा सके.

निरक्षण करने के लिए शिक्षा विभाग के पास नहीं मैंन पावर : लखनऊ के रीजनल उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. सुधीर चौहान के मुताबिक, कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन करने के दौरान मौका मुआयना करवाया जाता है. हालांकि मैन पावर की कमी के चलते दुबारा निरक्षण करने में थोड़ा समय लग जाता है. फिर भी कोचिंग सेंटर चलाने वालों को नोटिस जारी किया जाएगा.

कोचिंग सेंटर में क्या होनी चाहिए व्यवस्था

  • शैक्षणिक संस्थान की बिल्डिंग का ग्राउंड एरिया 65 प्रतिशत खाली होना चाहिए.
  • इसका फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) 150 हो.
  • फायर एग्जिट, पलायन मार्ग की स्पष्टता.
  • पलायन मार्ग की डिस्टेंस.
  • वैकल्पिक रास्ता और जीने की व्यवस्था.
  • आकस्मिक स्थिति में लाइट की व्यवस्था.
  • बेसमेंट में रैंप की व्यवस्था.

बिल्डिंगों में सुरक्षा के लिए क्या-क्या है जरूरी

  1. फायर एक्सटिंग्यूशर
  2. डाउन कमर सिस्टम
  3. यार्ड हाइडेंट सिस्टम
  4. आटोमेटिक स्प्रिंकलर्स सिस्टम
  5. आटोमैटिक डिटेक्शन एवं अलार्म सिस्टम
  6. मैनुअली ऑपरेटेड इलेक्ट फायर अलार्म सिस्टम
  7. अंडरग्राउंड वाटर टैंक
  8. ओवरहेड वाटर टैंक

यदि आपके पास 200 स्क्वायर मीटर का प्लॉट है तो ग्राउंड फ्लोर पर 70 स्क्वायर मीटर (100 स्क्वायर मीटर का 035 फीसदी) में ही बिल्डिंग बना सकते हैं
फर्स्ट फ्लोर में पूरे 70 स्क्वायर मीटर में बिल्डिंग बना सकते हैं. इस तरह से 35 फीसदी कवर हो गया. इसी अनुपात में आप ऊपर की मंजिल बना सकते हैं.

बेसमेंट निर्माण से मिट्टी कटाव, बिल्डर पर गाज, बेसमेंट कोचिंग और लाइब्रेरी भी सील : दिल्ली की तरह लखनऊ में भी भारी बारिश के चलते बेसमेंट संबंधित दुर्घटना ना हो जाए, इसको देखते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण लगातार सख्त कार्रवाई कर रहा है. गोमती नगर विस्तार में बेसमेंट निर्माण के दौरान मिट्टी के कटाव को रुकवाकर बिल्डर के खिलाफ एक्शन लेने का कार्रवाई की गई है. दूसरी ओर दो कोचिंग सेंटर और एक लाइब्रेरी को भी सील कर दिया गया. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बुधवार दोपहर भारी बरसात के मद्देनजर समस्त जोनल अधिकारियों को अलर्ट करते हुए प्रवर्तन व अभियंत्रण अनुभाग की टीम के साथ फील्ड में रवाना किया. इस बीच गोमती नगर विस्तार में मिट्टी कटाव होने की सूचना पर टीम को तत्काल मौके पर भेजकर बचाव कार्य कराया गया.उधर, मानक विपरीत बने बेसमेंट में संचालित कोचिंग सेंटर व लाइब्रेरी आदि के खिलाफ भी एक्शन किया गया. जिसके तहत हजरतगंज में दो कोचिंग सेंटर/लाइब्रेरी व अलीगंज में एक लाइब्रेरी को सील बंद कराया गया.

अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि गोमती नगर विस्तार के सेक्टर-6 में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग में पूर्व में बेसमेंट की खुदाई का कार्य कराया गया था, जिसमें रिटेनिंग वाॅल का निर्माण अधूरा था. बुधवार दोपहर भारी बरसात के चलते बेसमेंट के लिए खोदे गये गड्ढ़े में पानी भरने से आसपास मिट्टी का कटाव होने लगा. इसकी सूचना मिलते ही उपाध्यक्ष ने प्रवर्तन जोन-1 की जोनल अधिकारी वन्दना पाण्डेय को टीम के साथ तत्काल मौके पर भेजकर बचाव कार्य शुरू करवाया.अभियंत्रण की टीम द्वारा बेसमेंट के किनारे सैंड बैग स्टैकिंग व अर्थ फिलिंग का कार्य कराते हुए मिट्टी के कटाव को रोक दिया गया. निर्माणकर्ता के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है.

अवैध बेसमेंट में संचालित तीन संस्थान सील : इसके अलावा मानक विपरीत बने बेसमेंट में संचालित प्रतिष्ठानों के खिलाफ बुधवार को भी कार्यवाही जारी रही. इस दौरान जोनल अधिकारी संजीव गुप्ता के नेतृत्व में प्रवर्तन जोन-6 की टीम ने हजरतगंज में नवल किशोर रोड पर बेसमेंट में खुले पाठशाला कोचिंग इंस्टीट्यूट व ब्रैस्केट कोचिंग सेंटर को सील किया. वहीं, प्रवर्तन जोन-4 की टीम ने अलीगंज के सेक्टर-जे में कार्यवाही करते हुए बेसमेंट में संचालित आकार आईएएस कोचिंग की लाइब्रेरी को बंद कराया. प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि मानक के विपरीत निर्मित बेसमेंट में संचालित प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्यवाही जारी रहेगी.

यह भी पढ़ें : दिल्ली हादसे के बाद लखनऊ में LDA का एक्शन; 107 प्रतिष्ठानों की जांच, बेसमेंट में चल रहे 20 कोचिंग सेंटर और लाइब्रेरी सील - Lucknow 20 coaching centers sealed

Last Updated : Jul 31, 2024, 10:27 PM IST
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