उमरिया। एक तरफ जिले के बांधवगढ़ में लगातार बाघों की संख्या बढ़ रही है, वहीं तेजी से कम भी होती हुई नजर आ रही है. प्रबंधन चाहे कितने भी दावे क्यों न कर ले, लेकिन वह बाघों को ट्रैप कर पाने में नाकाम साबित होता नजर आ रहा है. बाघों के पैदा होने से लेकर बड़े होने तक चारों तरफ कैमरे को लगाकर बाघ के बच्चों की निगरानी की जाती है. फिर भी बाघों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला फिर सामने आया है. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में फिर एक बाघिन की मौत हो गई है.
साल की शुरुआत से लगातार हो रही मौतें
2024 की शुरुआत में बांधवगढ़ के पतोर रेंज के चिल्हारी बीट में 9 जनवरी को बाघ की मौत की सूचना मिली थी. जहां एक शावक मृत पाया गया था. इसके बाद फिर 18 जनवरी को आपसी द्वंद में एक बाघ की मौत की पुष्टि हुई. उसके बाद बुधवार को फिर एक बाघ शावक की मौत से हडकंप मच गया. अब एक बार फिर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक बाघिन की मौत हो गई है. घटना पार्क के मानपुर बफर परिक्षेत्र अंतर्गत पटपरहा हार के किलहारी बीट की है. जहां पार्क के गस्ती दल को बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात को एक बाघिन का शव मिला है.
टेरिटरी फाइट में मौत की आशंका
घटना की सूचना के बाद पार्क के उच्च अधिकारी मौके पर पंहुचे और बाघिन के मौत के कारणों की जांच शुरू की गई है. प्रबंधन का दावा है की बाघिन की मौत किसी अन्य बाघ से टेरिटरी फाइट में हुई है. बाघिन की उम्र 2 वर्ष के आसपास बताई गई है. पूरी घटना मानपुर रेंज के केल्हारी बीट के पटपरिहा हार पीएफ 313 बफर जोन की है. गौरतलब है कि एक तरफ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जंगल में अनुभूति कार्यक्रम चल रहा था, जहां क्षेत्र के बच्चों को वन्य जीवों और वन के बारे में बताया जा रहा था और दूसरी तरफ प्रबंधन चुपचाप बाघिन का अंतिम संस्कार कर रहा था.
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मानपुर रेंजर द्वारा जानकारी दी गई कि "'गांव के बगल से बने स्कूल के पीछे दोनों बाघों की आपसी लड़ाई हुई है. वहां दूसरे बाघ के पैरों के निशान भी पाए गए हैं, और मृत बाघिन के शरीर में नाखून और चोट के निशान पाए गए हैं एवं गर्दन की हड्डी टूटी हुई थी.'' साथ ही यह भी बताए कि हमारे यहां 2 वर्ष से कम उम्र के शावकों की गिनती नहीं होती उनको गणना में नहीं रखा जाता है. लेकिन इस बाघिन की लंबाई लगभग पूरी हो गई थी.