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नासूर बने लैंडस्लाइड जोन का ULMMC करेगा अध्ययन, कांवड़ यात्रा की ड्रोन से होगी निगरानी - ULMMC Study Landslide Area

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने कांवड़ मेले की तैयारियों के अलावा मॉनसून में प्रदेश की सड़कों की स्थिति के बारे में जाना.

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नासूर बने लैंडस्लाइड जोन का ULMMC करेगा अध्ययन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 12, 2024, 5:55 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में बीते दिनों हुई मॉनसूनी बारिश ने काफी तबाही मचाई है. मैदानी इलाकों में जहां बाढ़ की समस्या पैदा हो गई थी तो वहीं पहाड़ी जिलों में भूस्खलन ने शासन-प्रशासन और पुलिस की मुश्किल बढ़ा रखी है. शुक्रवार को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने राज्य आपातकालीन केंद्र पहुंचकर मॉनसून में प्रदेश की स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए.

इस दौरान अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने 22 जुलाई से हरिद्वार में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर भी चर्चा की. सबसे पहले आनंद स्वरूप ने उत्तराखंड में मॉनसूनी बारिश के चलते बंद नेशनल हाईवे, राज्य राजमार्गों और ग्रामीण सड़कों को लेकर जानकारी ली. उन्होंने जीआईएस के माध्यम से भूस्खलन क्षेत्रों का भी जायजा लिया.

ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर जोगीधारा में बार-बार हो रहे लैंडस्लाइड के स्थायी समाधान को लेकर भी उन्होंने अधिकारियों के संग चर्चा की. बैठक में तय हुआ कि जल्द ही यूएसडीएमए और यूएलएमएमसी (UTTARAKHAND LANDSLIDE MITIGATION AND MANAGEMENT CENTER) की टीम प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करेगी, ताकि जोगीधारा में होने वाले भूस्खलन को रोका जा सके.

इसके बैठक में तय किया गया है कि पहले भी जिन भूस्खलन क्षेत्रों का ट्रीटमेंट किया है, उन इलाकों की संबंधित विभाग नियमित तौर पर निगरानी करें. ताकि कहीं फेंसिंग टूटी हो या अन्य टूट-फूट हो तो समय रहते उसकी मरम्मत की जा सके.

कांवड़ यात्रा की तैयारी: आगामी 22 जुलाई से हरिद्वार में कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रही है. कांवड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर भी यूएसडीएमए के विशेषज्ञों से चर्चा की गई. इस दौरान हरिद्वार में चिकित्सा शिविरों की क्षमता, जल भराव से निपटने के लिए संसाधनों की उपलब्धता, विभिन्न स्नान घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर इंतजाम और शौचालयों की व्यवस्था को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मंगवाने के निर्देश दिए गए.

वहीं अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजकुमार नेगी ने बताया कि कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस और हरिद्वार जिला प्रशासन की एसओपी व प्लान का अध्ययन कर लिया गया है. यूएसडीएमए यात्रा के सफल संचालन के लिए संबंधित जिलों के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाए हुए है. .

कांवड़ यात्रा की ड्रोन से निगरानी करेगा USDMA: उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अपने नभनेत्र ड्रोन से कांवड़ यात्रा की निगरानी करेगा. अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद स्वरूप ने बताया कि ड्रोन चालक यूएसडीएमए को मिल चुके हैं.

उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा मार्ग और प्रमुख स्थलों की इसके जरिये सतत निगरानी की जाएगी. साथ ही इसके जरिये आपदा प्रभावित क्षेत्रों में भूस्खलन, बाढ़ आदि की स्थिति की भी निगरानी की जाएगी. बता दें कि नभनेत्र अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. नभ नेत्र ड्रोन पूर्णतः ऑटोमेटिक है और रात को भी उड़ान भरने में सक्षम है. थर्मल कैमरा के जरिये रात में भी फोटो और वीडियो शूट कर सकता है. यूएसडीएमए के कंट्रोल रूम में इसकी लाइव स्ट्रीमिंग भी की जा सकेगी.

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देहरादून: उत्तराखंड में बीते दिनों हुई मॉनसूनी बारिश ने काफी तबाही मचाई है. मैदानी इलाकों में जहां बाढ़ की समस्या पैदा हो गई थी तो वहीं पहाड़ी जिलों में भूस्खलन ने शासन-प्रशासन और पुलिस की मुश्किल बढ़ा रखी है. शुक्रवार को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने राज्य आपातकालीन केंद्र पहुंचकर मॉनसून में प्रदेश की स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए.

इस दौरान अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने 22 जुलाई से हरिद्वार में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर भी चर्चा की. सबसे पहले आनंद स्वरूप ने उत्तराखंड में मॉनसूनी बारिश के चलते बंद नेशनल हाईवे, राज्य राजमार्गों और ग्रामीण सड़कों को लेकर जानकारी ली. उन्होंने जीआईएस के माध्यम से भूस्खलन क्षेत्रों का भी जायजा लिया.

ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर जोगीधारा में बार-बार हो रहे लैंडस्लाइड के स्थायी समाधान को लेकर भी उन्होंने अधिकारियों के संग चर्चा की. बैठक में तय हुआ कि जल्द ही यूएसडीएमए और यूएलएमएमसी (UTTARAKHAND LANDSLIDE MITIGATION AND MANAGEMENT CENTER) की टीम प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करेगी, ताकि जोगीधारा में होने वाले भूस्खलन को रोका जा सके.

इसके बैठक में तय किया गया है कि पहले भी जिन भूस्खलन क्षेत्रों का ट्रीटमेंट किया है, उन इलाकों की संबंधित विभाग नियमित तौर पर निगरानी करें. ताकि कहीं फेंसिंग टूटी हो या अन्य टूट-फूट हो तो समय रहते उसकी मरम्मत की जा सके.

कांवड़ यात्रा की तैयारी: आगामी 22 जुलाई से हरिद्वार में कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रही है. कांवड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर भी यूएसडीएमए के विशेषज्ञों से चर्चा की गई. इस दौरान हरिद्वार में चिकित्सा शिविरों की क्षमता, जल भराव से निपटने के लिए संसाधनों की उपलब्धता, विभिन्न स्नान घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर इंतजाम और शौचालयों की व्यवस्था को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मंगवाने के निर्देश दिए गए.

वहीं अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजकुमार नेगी ने बताया कि कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस और हरिद्वार जिला प्रशासन की एसओपी व प्लान का अध्ययन कर लिया गया है. यूएसडीएमए यात्रा के सफल संचालन के लिए संबंधित जिलों के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाए हुए है. .

कांवड़ यात्रा की ड्रोन से निगरानी करेगा USDMA: उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अपने नभनेत्र ड्रोन से कांवड़ यात्रा की निगरानी करेगा. अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद स्वरूप ने बताया कि ड्रोन चालक यूएसडीएमए को मिल चुके हैं.

उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा मार्ग और प्रमुख स्थलों की इसके जरिये सतत निगरानी की जाएगी. साथ ही इसके जरिये आपदा प्रभावित क्षेत्रों में भूस्खलन, बाढ़ आदि की स्थिति की भी निगरानी की जाएगी. बता दें कि नभनेत्र अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. नभ नेत्र ड्रोन पूर्णतः ऑटोमेटिक है और रात को भी उड़ान भरने में सक्षम है. थर्मल कैमरा के जरिये रात में भी फोटो और वीडियो शूट कर सकता है. यूएसडीएमए के कंट्रोल रूम में इसकी लाइव स्ट्रीमिंग भी की जा सकेगी.

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