रुद्रप्रयाग: मानसून सीजन में ऊखीमठ-मनसूना-उनियाणा मोटर मार्ग जर्जर हालत में बना हुआ है. 10 वर्षों में 19 करोड़ से अधिक खर्च मार्ग के डामरीकरण व विस्तारीकरण में किया गया. बरसात के समय मोटर मार्ग का अधिकांश हिस्सों में तालाब बनना आम बात बनी हुई है जिससे राहगीरों को जान हथेली पर रखकर आवाजाही करनी पड़ रही है.
ऊखीमठ-मनसूना-उनियाणा मोटर मार्ग के डामरीकरण व विस्तारीकरण पर विगत 10 वर्षों में 19 करोड़ से अधिक खर्च होने के बाद भी मोटर मार्ग गड्ढों में तब्दील होता जा रहा है. बरसात के समय मोटर मार्ग का अधिकांश हिस्सों में तालाब बनना आम बात बन हुई है. जिससे राहगीरों को जान हथेली पर रखकर आवाजाही करनी पड़ रही है. मदहोश्वर घाटी विकास मंच के बैनर तले जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने साल 2019 मे लंबा आंदोलन कर मोटर मार्ग पर हुए 14 करोड़ रुपये व्यय होने की जांच की मांग की थी, जिसकी आज तक जांच नहीं हो पाई है, जिससे ग्रामीण अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं.
बता दें कि वर्ष 2014 में पीएमजीएसवाई द्वारा ऊखीमठ-मनसूना-उनियाणा मोटर मार्ग के डामरीकरण व विस्तारीकरण पर लगभग 14 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की थी. ग्रामीणों के अनुसार विभागीय अधिकारियों द्वारा धनराशि की बंदर बांट करने से मोटर मार्ग पर हुए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को दरकिनार करने से मोटर मार्ग निर्धारित समय से पहले ही जर्जर बन गया था. मोटर मार्ग के पीएमजीएसवाई से लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित होने के बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा विगत दिनों मोटर मार्ग के डामरीकरण व विस्तारीकरण पर लगभग पांच करोड़ खर्च किया गया.
लेकिन उसके बाद भी मार्ग की हालत नहीं बदली. वहीं बीते दिनों ग्रामीणों ने प्रशासन से डामरीकरण व विस्तारीकरण के खर्च की जांच की मांग की थी, लेकिन आश्वासन के बाद भी जांच ना होने से लोगों में रोष है.ग्रामीणों का कहना है कि विभागीय अनदेखी के कारण मोटर मार्ग जानलेवा बना हुआ है. उखीमठ लोक निर्माण विभाग अधिशासी अभियंता मनोज भट्ट का कहना है कि बरसात के कारण मोटर मार्ग का शेष कार्य रोक दिया गया था. बरसात के बाद शेष कार्य शुरू किया जाएगा.