उज्जैन। सरकार और प्रशासन के साथ ही अब साधु संतों ने भी सिंहस्थ 2028 की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसी क्रम में उज्जैन स्थानीय 13 अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत डॉ. रामेश्वर दास महाराज चुने गए. इसके साथ ही महामंत्री का पद रामेश्वर गिरी महाराज को मिला है. अध्यक्ष बनने के बाद डॉ. रामेश्वर दास महाराज ने कहा "सिंहस्थ 2028 के कार्य प्राथमिकता में हैं. सिंहस्थ के कामों को लेकर 28 अक्टूबर को भोपाल में मुक्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात होगी." उन्होंने कहा कि सिंहस्थ के पहले शिप्रा को निर्मल बनाना है. साथ ही शिप्रा में जल भी सतत प्रवाह में होगा. इसका प्लान संत-महंत मीटिंग में मुख्यमंत्री को बताएंगे.
अध्यक्ष और महामंत्री के साथ अन्य पदाधिकारियों का चुनाव
गौरतलब है कि सिंहस्थ 2028 के मद्देनजर उज्जैन अखाड़ा परिषद का चुनाव शनिवार को संपन्न हुआ. अध्यक्ष और महामंत्री के साथ ही अन्य पदाधिकारी चुने गए. जूना अखाड़ा कामाख्या धाम में 13 अखाड़े के पदाधिकारियों बैठक हुई. स्थानीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता महानिर्वाणी अखाड़े के महंत श्याम गिरी महाराज राधे राधे बाबा ने बताया "सिंहस्थ 2028 के कुंभ मेले की तैयारी को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए उज्जैन के सबसे वरिष्ठ संत महंत दिग्विजय दास महाराज की अध्यक्षता में आखडा परिषद जन न्यास के चुनाव हुए."
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डॉ. रामेश्वर दास महाराज बने सर्वसम्मति से अध्यक्ष
चुनाव में डॉ रामेश्वर दास महाराज को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया. उपाध्यक्ष महंत आनंद पुरी महाराज को बनाया गया है. कोषाध्यक्ष निर्मोही अखाड़े के महंत भगवान दास महाराज, प्रवक्ता महंत श्याम गिरी महाराज को बनाया गया. नवनियुक्त अध्यक्ष महंत डॉ रामेश्वर महाराज ने कहा "सिहस्थ महाकुंभ में 3 साल का समय बचा है. इसलिए अब शासन प्रशासन से समन्वय कर स्थानीय साधु संतों के कार्य प्राथमिकता से होने चाहिए." मेला क्षेत्र में समुचित व्यवस्था सुचारू रूप से होनी चाहिए. सीएम से मुलाकात के दौरान मेला क्षेत्र में अखाड़े, आश्रमों को स्थाई निर्माण की अनुमति दिए जाने पर सम्मान किया जाएगा.