उज्जैन। शिप्रा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बुधवार सुबह 11 बजे चक्रतीर्थ घाट पर परिजन अपने प्रियजन का अंतिम संस्कार करने पहुंचे. अंतिम संस्कार की प्रक्रिया चल ही रही थी कि अचानक शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा. परिजन इस अनहोनी से चिंतित हो गए, क्योंकि चबूतरे पर हो रहा अंतिम संस्कार पूरा नहीं हो पाया था और पानी तेजी से चबूतरे के पास तक आ गया. परिजनों ने बताया कि "जब शव को मुखाग्नि दी थी, तब पानी कम था. लेकिन अचानक नदी का जलस्तर इतनी तेजी से बढ़ा कि अंतिम संस्कार की प्रक्रिया तेजी से पूरी करनी पड़ी."
देखते ही देखते बढ़ा मुक्तिधाम में जलस्तर
पानी का स्तर बढ़ने की वजह से अंतिम संस्कार में उपयोग होने वाली सामग्री को जल्दी-जल्दी निपटाया गया. बता दें कि चक्रतीर्थ घाट पर पानी का स्तर लगभग 3 फीट तक बढ़ गया. जिससे केवल 4 इंच का फासला रह गया था कि चबूतरा भी पानी में डूब जाता. गौरतलब है कि दो महीने पहले भी इसी तरह शिप्रा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से घाट पर खड़ी गाड़ियां पानी में बह गई थीं. उस समय भी प्रशासन को जलस्तर में बढ़ोतरी की जानकारी समय पर नहीं दी गई थी, जिसके कारण नगर निगम ने देवास पीएचई विभाग को नोटिस जारी किया था.
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विपक्षी दल ने लगाए लापरवाही के आरोप
उज्जैन नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष रवि राय का कहना है "इससे पहले भी शिप्रा में जलस्तर बढ़ने से हादसे हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन की लापरवाही से यह स्थिति दोबारा उत्पन्न हुई. शिप्रा नदी में जलस्तर के अचानक बढ़ने की घटनाओं ने उज्जैन नगर निगम और जल प्रबंधन विभाग के बीच तालमेल की कमी को उजागर कर दिया है. प्रशासनिक लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है." वहीं उज्जैन महापौर मुकेश टाटवाल का कहना है "इस पूरे मामले को दिखवा रहे हैं कि आखिरकार नगर निगम को इसकी जानकारी क्यों नहीं लगी."