उज्जैन। उज्जैन से 3 मई को पंचकोशी यात्रा की शुरुआत हो रही है. इसको लेकर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचना शुरू कर दिए हैं. 12 ज्योतिर्लिंगों में से महाकालेश्वर भगवान की नगरी में 84 महादेव मंदिर विराजमान है. पंच महादेव के मंदिर की पंचकोशी यात्रा की जाती है. यह यात्रा 118 किलोमीटर लंबी होती है, जिसे श्रद्धालु 5 दिनों तक पैदल यात्रा कर पूरा करते हैं.
भगवान नागचंद्रेश्वर से मिलती है शक्ति
वैशाख कृष्ण दशमी से अमावस तक पंचकोशी यात्रा का आयोजन किया जाता है. भीषण गर्मी में भी 118 किलोमीटर पैदल यात्रा करने के बाद भी श्रद्धालुओं पर थकान दिखाई नहीं देती है. यात्रा शुरू करने से पहले श्रद्धालु पाटनी बाजार स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर को श्रीफल अर्पित कर उनका दर्शन करते हैं और यात्रा पूरा करने का बल प्राप्त करते हैं. यात्रा पूरी होने के बाद श्रद्धालु नागचंद्रेश्वर मंदिर में मिट्टी के घोड़े अर्पित करते हैं. ऐसा माना जाता है कि यात्रा शुरू करने से पहले जो भगवान से यात्रा पूरी करने की शक्ति मांगी थी, उसे पूरा करते हैं.
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श्रद्धालुओं के लिए हर सुविधा उपलब्ध
बताया जा रहा है कि यात्रा शुरू होने से पहले ही लाखों श्रद्धालु तपती धूप में निकल पड़े हैं. उज्जयिनी के चार द्वार पर चार द्वारपाल हैं. शिवलिंग रूप में विराजित पिंग्लेश्वर, दुदुर्देश्वर, कायावर्णेश्वर और बिल्केश्वर महादेव मंदिर में भगवान का अभिषेक पूजन किया जाता है. श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने हर पड़ाव पर श्रद्धालुओं के सभी सुविधा उपलब्ध कराई गई है. शहर वासियों ने भी अलग-अलग जगह पर मेडिसिन सहित लंगर और खाने-पीने की व्यवस्था कर रखी है. पंचकोशी यात्रा के दौरान अनेक संस्था और संगठनों की ओर से भी भोजन प्रसादी आदि सेवा कार्य किए जाते हैं.