उज्जैन। शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन के माधवनगर स्थित उत्कृष्ट उच्चतर विद्यालय में आयोजित समारोह में 245 शिक्षकों का सम्मान किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ सांसद उमेशनाथ महाराज, विधायक सतीश मालवीय, कलेक्टर नीरज सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे. कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना और दीप प्रज्जवलन के साथ हुई.
हमें कर्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा से करना चाहिए
इसके बाद महान शिक्षाविद् सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण कर सभी अतिथियों का स्वागत किया गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा "एक शिक्षक का कर्तव्य है कि वह विद्यार्थियों को सिलेबस के अनुसार पढ़ाए, जबकि गुरु वो होता है जो सिलेबस से आगे की बातों को समझाए और जीवन का मार्गदर्शन करे." मोहन यादव ने कहा कि गुरु और शिक्षक के बीच का अंतर समझना जरूरी है. शिक्षक पढ़ाता है, लेकिन गुरु जीवन की शिक्षा देता है. हमें अपने कर्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा के साथ करना चाहिए.
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हिंदी और संस्कृत भाषा का महत्व भी बताया
मुख्यमंत्री ने हिंदी भाषा के विकास और तुलसीदास जी की महत्वपूर्ण भूमिका का भी जिक्र किया. उन्होंने संस्कृत भाषा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसमें करीब साढ़े 8 करोड़ शब्द हैं. मुख्यमंत्री ने अपने पिता के देहांत के बाद भी निरंतर काम करते रहने की प्रेरणा साझा की. इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों को अपने कार्य के प्रति समर्पण का संदेश भी दिया.