उज्जैन। महाकाल नगरी उज्जैन में जब से महाकाल लोक का लोकार्पण हुआ है. तब से श्रद्धालुओं की संख्या में और बढ़ोत्तरी हुई है. आए दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु महाकाल मंदिर पहुंच रहे हैं. इसके अलावा तमाम सेलिब्रिटी, क्रिकेटर, बिजनेस पर्सन और राजनेता भी महाकाल के दर पर मत्था टेकने पहुंच रहे हैं. वहीं श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के साथ ही मंदिर की कमाई में भी बढ़ोत्तरी हुई है. करोड़ों-अरबों में मंदिर प्रशासन की कमाई हो रही है. इसके बाद महाकाल मंदिर 80 लाख रुपए के कर्ज पर है. जानिए क्या है मामला...
निगम काट रहा मंदिर प्रशासन के चक्कर
दरअसल, 12 ज्योतिर्लिंगों से एक महाकालेश्वर मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु रोजाना दर्शन के लिए आते हैं. ऐसे में करोड़ों रुपए की आय वाले मंदिर का नगर निगम का टैक्स बकाया है. जो 1997 से लेकर अभी तक बकाया चल रहा है. नगर निगम द्वारा महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक को 27 सालों के टैक्स के बारे में जानकारी दी गई है. अभी नगर निगम इस पूरे मामले में 80 लख रुपए का टैक्स वसूलने के लिए मंदिर प्रशासन कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं.
27 सालों से महाकाल मंदिर ने नहीं भरा टैक्स
उज्जैन नगर निगम द्वारा मार्च अंत के चलते संपत्ति कर वसूलते हैं. ऐसे में आम जनता के साथ में टैक्स वसूलने का काम तो करती है, इसी के साथ महाकालेश्वर मंदिर में भी 1997 से नगर निगम का 80 लख रुपए का टैक्स बकाया चल रहा है. जो अभी तक जमा नहीं कराया गया है. इस मामले में महाकाल मंदिर भी पूरे दस्तावेज तैयार करने में लगा है. बता दें मंदिर समिति ने 27 सालों से नगर निगम का टैक्स जमा नहीं कराया है. जिसको लेकर नगर निगम मंदिर प्रशासक कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. 80 लख रुपए का टैक्स महाकाल मंदिर से लेना है.
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इन चीजों में मिली संपत्तिकर में छूट
बता दें महाकाल मंदिर को धारा 136-E के तहत संपत्तिकर में छूट मिली हुई है. इसके अलावा महाकाल मंदिर के आसपास का सीमांकन और उपकर, शिक्षा उपकर, नगरीय विकास और सफाई का कर अब तक महाकाल मंदिर ने जमा नहीं किया है.