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राम मंदिर के इस फैसले का महाकाल पुजारी ने जताया विरोध, सचिव चंपत राय को लिखा पत्र - Ram Mandir Tilak ban controversy - RAM MANDIR TILAK BAN CONTROVERSY

बीते दिनों अयोध्या के राम मंदिर में टीका और प्रसाद पर रोक लगाई गई थी. इसी फैसले को लेकर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी ने विरोध किया है. उन्होने इस मामले को लेकर राम मंदिर के सचिव चंपत राय को पत्र लिखा है.

RAM MANDIR TILAK BAN CONTROVERSY
राम मंदिर के इस फैसले का महाकाल मंदिर के पुजारी ने किया विरोध (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 12, 2024, 11:01 PM IST

उज्जैन। राम मंदिर में टीका, प्रसाद और चढ़ावा पर रोक लगाने के मामले में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर के महेश पुजारी ने इसका विरोध किया है. इस बारे में महेश पुजारी ने राम मंदिर अयोध्या के सचिव चंपत राय को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कहा है कि राम मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को टीका, चरणामृत और दान दक्षिणा देने पर लगाई गई रोक को हटाने की मांग की है.

राम मंदिर के इस फैसले का महाकाल मंदिर के पुजारी ने किया विरोध (Etv Bharat)

महाकाल के पुजारी ने किया विरोध

महाकाल मंदिर के पुजारी और अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के अध्यक्ष ने पत्र में कहा कि सनातन धर्म के मंदिरों में चरणामृत देना, तिलक लगाना और प्रसाद देना परंपरा है. इसी से ज्ञात होता है कि यह स्थान धार्मिक स्थल है यदि इन चीजों को धर्म स्थलों पर नहीं होने दिया जाएगा तो फिर वह धर्म स्थल नहीं हो सकते हैं. इसलिए जो राम मंदिर पर चरणामृत और प्रसाद देने पर प्रतिबंध वहां के मैनेजमेंट ने लगाया है, उसका हमने पुरजोर विरोध किया है.

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की गई प्रतिबंधों को हटाने की मांग

महेश पुजारी ने बताया कि ''राम मंदिर के सचिव चम्पत राय को इस बारे में पत्र भी लिखा गया है. हमने कहा कि यह जो आपके द्वारा बनाई गई यह व्यवस्था मुगल काल की याद दिलाती है. उस समय भी हिंदू सनातन धर्म के ब्राह्मणों व मंदिरों पर इस तरीके के अत्याचार हुए हैं और उनको प्रसाद देना और अन्य चीजों के प्रतिबंध पर लगे हैं. इसलिए इस प्रतिबंध को तुरंत हटाएं और भक्तों को प्रसाद तिलक व चरणामृत देने की व्यवस्था पुन: पुजारी के माध्यम से की जाए. पुजारी महेश शर्मा ने कहा कि निश्चित तौर पर यदि ऐसे कुठाराघात सनातन धर्म पर होते रहेंगे तो जन आंदोलन भी होगा. सनातन धर्म के लोग इसको उठाएंगे और पूरे देश में ऐसी आवाज उठने लगेगी. आपको बता दें कि अयोध्या के राम मंदिर में राम भक्तों के माथे पर चंदन लगाने, चरणामृत देने और पुजारियों के हाथ में दक्षिणा देने से रोक लगाई गई थी. दक्षिणा दान पेटी में ही डलवाने के लिए कहा गया था.

उज्जैन। राम मंदिर में टीका, प्रसाद और चढ़ावा पर रोक लगाने के मामले में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर के महेश पुजारी ने इसका विरोध किया है. इस बारे में महेश पुजारी ने राम मंदिर अयोध्या के सचिव चंपत राय को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कहा है कि राम मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को टीका, चरणामृत और दान दक्षिणा देने पर लगाई गई रोक को हटाने की मांग की है.

राम मंदिर के इस फैसले का महाकाल मंदिर के पुजारी ने किया विरोध (Etv Bharat)

महाकाल के पुजारी ने किया विरोध

महाकाल मंदिर के पुजारी और अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के अध्यक्ष ने पत्र में कहा कि सनातन धर्म के मंदिरों में चरणामृत देना, तिलक लगाना और प्रसाद देना परंपरा है. इसी से ज्ञात होता है कि यह स्थान धार्मिक स्थल है यदि इन चीजों को धर्म स्थलों पर नहीं होने दिया जाएगा तो फिर वह धर्म स्थल नहीं हो सकते हैं. इसलिए जो राम मंदिर पर चरणामृत और प्रसाद देने पर प्रतिबंध वहां के मैनेजमेंट ने लगाया है, उसका हमने पुरजोर विरोध किया है.

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की गई प्रतिबंधों को हटाने की मांग

महेश पुजारी ने बताया कि ''राम मंदिर के सचिव चम्पत राय को इस बारे में पत्र भी लिखा गया है. हमने कहा कि यह जो आपके द्वारा बनाई गई यह व्यवस्था मुगल काल की याद दिलाती है. उस समय भी हिंदू सनातन धर्म के ब्राह्मणों व मंदिरों पर इस तरीके के अत्याचार हुए हैं और उनको प्रसाद देना और अन्य चीजों के प्रतिबंध पर लगे हैं. इसलिए इस प्रतिबंध को तुरंत हटाएं और भक्तों को प्रसाद तिलक व चरणामृत देने की व्यवस्था पुन: पुजारी के माध्यम से की जाए. पुजारी महेश शर्मा ने कहा कि निश्चित तौर पर यदि ऐसे कुठाराघात सनातन धर्म पर होते रहेंगे तो जन आंदोलन भी होगा. सनातन धर्म के लोग इसको उठाएंगे और पूरे देश में ऐसी आवाज उठने लगेगी. आपको बता दें कि अयोध्या के राम मंदिर में राम भक्तों के माथे पर चंदन लगाने, चरणामृत देने और पुजारियों के हाथ में दक्षिणा देने से रोक लगाई गई थी. दक्षिणा दान पेटी में ही डलवाने के लिए कहा गया था.

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