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महाकाल की सवारी की तारीख हुई फाइनल, 22 जुलाई से निकलेंगे प्रजा का हाल जानने, देखें पूरी लिस्ट - Sawan 2024 Mahakal Sawari - SAWAN 2024 MAHAKAL SAWARI

हर साल निकाली जाने वाली महाकाल की सवारी इस बार श्रावण-भादो महीने में 22 जुलाई से शुरू हो रही है. पहली सवारी और 2 सितंबर को आखिरी शाही सवारी निकलेगी. इसके संबंध में बैठक की गई जिसमें सभी जिम्मेदार व्यक्तियों ने अपने-अपने सुक्षाव दिए है. इसके अलावा सवारी का पूरा रूट भी साझा किया गया है.

Sawan 2024 Mahakal Sawari
महाकाल की सवारी का तारिख हुई फाइनल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 23, 2024, 12:46 PM IST

उज्जैन। हर साल सावन में बाबा महाकाल की शाही सवारी निकाली जाती है. हर साल भगवान महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने भ्रमण पर निकलते हैं. इस साल महाकाल की सवारी श्रावण-भादो महीने में 22 जुलाई को निकाली जाएगी. भादो माह में भगवान महाकाल की अन्तिम शाही सवारी 2 सितम्बर को निकाली जाएगी. श्रावण मास में 5 सवारी और भादो महिने में 2 सवारी निकलेंगी. इसके संबंध में कलेक्टर और महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह की अध्यक्षता में सम्राट विक्रमादित्य प्रशासनिक संकुल भवन में बैठक की गई. बैठक में सांसद अनिल फिरोजिया, राज्यसभा सांसद सन्त बालयोगी उमेशनाथ महाराज, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति कलावती यादव और मन्दिर प्रबंध समिति के सदस्य प्रदीप गुरु, राम गुरु राजेन्द्र शर्मा और पं. आशीष पुजारी मौजूद थे.

Sawan 2024 Mahakal Sawari Time table
इस दिन निकलेगी महाकाल की सवारी (ETV Bharat)

महाकाल की सवारी को लेकर ये बोले सांसद

महाकाल बाबा की सवारी को लेकर सांसद अनिल फिरोजिया ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए कहा, '' ट्रैक्टर को सजाधजा कर ट्रैक्टर में सवारी निकाली जाए ताकि ऊंचाई होने से रास्ते में खड़े सभी श्रद्धालुओं को आसानी से भगवान महाकाल के दर्शन हो सकें.'' कोरोना के दौरान जिस तरह रूट में बदलाव किया गया था उन्होंने उसपर भी विचार करने की सलाह दी'. इसके अलावा उन्होंने सवारी निकाले जाने के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने करने पर ध्यान देने का भी सुझाव दिया.

बैलगाड़ी में महाकाल की सवारी निकाली जाए

उज्जैन से राज्यसभा सांसद सन्त बालयोगी उमेशनाथ महाराज ने सुझाव देते हुए कहा, '' रामघाट पर भगवान महाकाल की आरती स्थल पर भीड़ कंट्रोल करने के लिए श्रद्धालुओं को पास देने की व्यवस्था करनी चाहिए. यह पास केवल जनप्रतिनिधियों, सन्त-महात्मा, पुजारी और अत्यन्त महत्वपूर्ण व्यक्ति को देना चाहिए.'' इसके अलावा भीड़ को कंट्रोल करने के लिए उन्होंने महाकाल की सवारी में भजन मंडली को लगातार आगे बढ़ाते रहें का सुक्षाव दिया. इसके अलावा सवारी के रास्ते में धक्का-मुक्की ना हो इसपर भी ध्यान देने की बात कही. उमेशनाथ महाराज ने कहा, ''बैलगाड़ी पर भगवान महाकाल की पालकी रखी जाए ताकि आम श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के दर्शन ठीक ढंग से हो सके.''

सवारी में सुरक्षा पर ध्यान देना होगा

श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति के सदस्य प्रदीप गुरु ने सुझाव देते हुए कहा, ''महाकाल की सवारी के दौरान सभी व्यवस्थाओं को ठीक ढंग से लागू करने की जरूरी है. पालकी को व्यवस्थित ढंग से निकलवाया जाए. पालकी में बदलाव हो ताकि पालकी ठीक ढंग से चल सके. सवारी मार्ग में पालकी की सुरक्षित बेहतर ढंग से और निरन्तर आगे बढ़ती रहे और धक्का-मुक्की न हो, इसका भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. भगवान महाकाल को राजशाही प्रोटोकाल मिलना चाहिए.''

पालकी और भजन मंडली के बीच उचित फासला हो

उज्जैन महाकाल मंदिर समिति के सदस्य राजेन्द्र शर्मा ने सुझाव देते हुए कहा, '' उज्जैन बाबा महाकाल की पालकी के आसपास भीड़ को नियंत्रित करना जरूरी है. सवारी में भजन मंडलियों को सवारी के आगे निरन्तर चलते रहें. पालकी और भजन मंडलियों के बीच लगभग 40 फीट का फासला रखें. क्षेत्र के लोग प्रभावित न हो इसके लिए बैरिकेडिंग की व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए'.

कलेक्टर ने अधिकारियों को दिए निर्देश

उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा, ''आम श्रद्धालुओं को बेहतर और सुव्यवस्थित ढंग से भगवान महाकाल की सवारी के दर्शन हो सकें इसके लिए पूरा प्रयास किया जाएगा.'' उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को बैरिकेडिंग की बेहतर व्यवस्था करने का निर्देश दिया और सुरक्षा इंतजाम के लिए सभी तैयारियां पूरी कर लेने का आदेश भी दिया.

इन तारीखों को निकलेंगी सात सवारी

श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में पहली सवारी सोमवार 22 जुलाई, दूसरी सवारी सोमवार 29 जुलाई, तीसरी सवारी सोमवार 5 अगस्त, चौथी सवारी सोमवार 12 अगस्त, पांचवी सवारी सोमवार 19 अगस्त को श्रावण मास में निकाली जाएगी. इसी तरह भादौ मास में छठवीं सवारी सोमवार 26 अगस्त और शाही सवारी सोमवार 2 सितम्बर को निकाली जाएगी.

इन रास्तों से होकर गुजरेगी सवारी

उज्जैन भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी श्री महाकालेश्वर मन्दिर के सभा मण्डप में विधि-विधान से पूजन-अर्चन के बाद अपने तय समय पर शुरू होकर महाकाल लोक, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंचेगी. यहां सवारी का पूजन-अर्चन होने के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार होते हए श्री महाकालेश्वर मन्दिर में वापस लौटेगी. शाही सवारी 2 सितम्बर को उपरोक्त मार्ग के अलावा टंकी चौराहा से मिर्जा नईमबेग, तेलीवाड़ा चौराहा, कण्ठाल, सतीगेट, सराफा, छत्री चौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मन्दिर पहुंचेगी.

श्रावण-भादो मास में भस्म आरती के समय में रहेगा बदलाव

श्रावण-भादो महिने में प्रतिदिन भगवान श्री महाकालेश्वर की भस्म आरती 22 जुलाई से 2 सितम्बर तक द्वार खुलने का समय सुबह 3 बजे होगा. हर सोमवार को भस्म आरती का समय अल सुबह 2.30 बजे होगा. भस्म आरती प्रतिदिन सुबह 3 से 5 बजे तक और प्रत्येक सोमवार को 2.30 से 4.30 बजे तक होगी. इसी तरह 3 सितम्बर से महाकाल का द्वार खुलने का समय पहले जैसा हो जाएगा श्रावण-भादो माह में भस्म आरती में श्रद्धालुओं की संख्या कम करके कार्तिकेय मण्डपम की अन्तिम तीन पंक्तियों से श्रद्धालुओं के लिए चलित भस्म आरती दर्शन की व्यवस्था रहेगी.

यह भी पढ़ें:

मध्य प्रदेश में हेलीकॉप्टर से महाकाल और ओमकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन, जान लें कितना लगेगा किराया

ओवैसी को चुनौती देने वाली माधवी लता बाबा महाकाल की शरण में, शयन आरती में हुईं शामिल

उज्जैन। हर साल सावन में बाबा महाकाल की शाही सवारी निकाली जाती है. हर साल भगवान महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने भ्रमण पर निकलते हैं. इस साल महाकाल की सवारी श्रावण-भादो महीने में 22 जुलाई को निकाली जाएगी. भादो माह में भगवान महाकाल की अन्तिम शाही सवारी 2 सितम्बर को निकाली जाएगी. श्रावण मास में 5 सवारी और भादो महिने में 2 सवारी निकलेंगी. इसके संबंध में कलेक्टर और महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह की अध्यक्षता में सम्राट विक्रमादित्य प्रशासनिक संकुल भवन में बैठक की गई. बैठक में सांसद अनिल फिरोजिया, राज्यसभा सांसद सन्त बालयोगी उमेशनाथ महाराज, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति कलावती यादव और मन्दिर प्रबंध समिति के सदस्य प्रदीप गुरु, राम गुरु राजेन्द्र शर्मा और पं. आशीष पुजारी मौजूद थे.

Sawan 2024 Mahakal Sawari Time table
इस दिन निकलेगी महाकाल की सवारी (ETV Bharat)

महाकाल की सवारी को लेकर ये बोले सांसद

महाकाल बाबा की सवारी को लेकर सांसद अनिल फिरोजिया ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए कहा, '' ट्रैक्टर को सजाधजा कर ट्रैक्टर में सवारी निकाली जाए ताकि ऊंचाई होने से रास्ते में खड़े सभी श्रद्धालुओं को आसानी से भगवान महाकाल के दर्शन हो सकें.'' कोरोना के दौरान जिस तरह रूट में बदलाव किया गया था उन्होंने उसपर भी विचार करने की सलाह दी'. इसके अलावा उन्होंने सवारी निकाले जाने के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने करने पर ध्यान देने का भी सुझाव दिया.

बैलगाड़ी में महाकाल की सवारी निकाली जाए

उज्जैन से राज्यसभा सांसद सन्त बालयोगी उमेशनाथ महाराज ने सुझाव देते हुए कहा, '' रामघाट पर भगवान महाकाल की आरती स्थल पर भीड़ कंट्रोल करने के लिए श्रद्धालुओं को पास देने की व्यवस्था करनी चाहिए. यह पास केवल जनप्रतिनिधियों, सन्त-महात्मा, पुजारी और अत्यन्त महत्वपूर्ण व्यक्ति को देना चाहिए.'' इसके अलावा भीड़ को कंट्रोल करने के लिए उन्होंने महाकाल की सवारी में भजन मंडली को लगातार आगे बढ़ाते रहें का सुक्षाव दिया. इसके अलावा सवारी के रास्ते में धक्का-मुक्की ना हो इसपर भी ध्यान देने की बात कही. उमेशनाथ महाराज ने कहा, ''बैलगाड़ी पर भगवान महाकाल की पालकी रखी जाए ताकि आम श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के दर्शन ठीक ढंग से हो सके.''

सवारी में सुरक्षा पर ध्यान देना होगा

श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति के सदस्य प्रदीप गुरु ने सुझाव देते हुए कहा, ''महाकाल की सवारी के दौरान सभी व्यवस्थाओं को ठीक ढंग से लागू करने की जरूरी है. पालकी को व्यवस्थित ढंग से निकलवाया जाए. पालकी में बदलाव हो ताकि पालकी ठीक ढंग से चल सके. सवारी मार्ग में पालकी की सुरक्षित बेहतर ढंग से और निरन्तर आगे बढ़ती रहे और धक्का-मुक्की न हो, इसका भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. भगवान महाकाल को राजशाही प्रोटोकाल मिलना चाहिए.''

पालकी और भजन मंडली के बीच उचित फासला हो

उज्जैन महाकाल मंदिर समिति के सदस्य राजेन्द्र शर्मा ने सुझाव देते हुए कहा, '' उज्जैन बाबा महाकाल की पालकी के आसपास भीड़ को नियंत्रित करना जरूरी है. सवारी में भजन मंडलियों को सवारी के आगे निरन्तर चलते रहें. पालकी और भजन मंडलियों के बीच लगभग 40 फीट का फासला रखें. क्षेत्र के लोग प्रभावित न हो इसके लिए बैरिकेडिंग की व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए'.

कलेक्टर ने अधिकारियों को दिए निर्देश

उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा, ''आम श्रद्धालुओं को बेहतर और सुव्यवस्थित ढंग से भगवान महाकाल की सवारी के दर्शन हो सकें इसके लिए पूरा प्रयास किया जाएगा.'' उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को बैरिकेडिंग की बेहतर व्यवस्था करने का निर्देश दिया और सुरक्षा इंतजाम के लिए सभी तैयारियां पूरी कर लेने का आदेश भी दिया.

इन तारीखों को निकलेंगी सात सवारी

श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में पहली सवारी सोमवार 22 जुलाई, दूसरी सवारी सोमवार 29 जुलाई, तीसरी सवारी सोमवार 5 अगस्त, चौथी सवारी सोमवार 12 अगस्त, पांचवी सवारी सोमवार 19 अगस्त को श्रावण मास में निकाली जाएगी. इसी तरह भादौ मास में छठवीं सवारी सोमवार 26 अगस्त और शाही सवारी सोमवार 2 सितम्बर को निकाली जाएगी.

इन रास्तों से होकर गुजरेगी सवारी

उज्जैन भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी श्री महाकालेश्वर मन्दिर के सभा मण्डप में विधि-विधान से पूजन-अर्चन के बाद अपने तय समय पर शुरू होकर महाकाल लोक, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंचेगी. यहां सवारी का पूजन-अर्चन होने के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार होते हए श्री महाकालेश्वर मन्दिर में वापस लौटेगी. शाही सवारी 2 सितम्बर को उपरोक्त मार्ग के अलावा टंकी चौराहा से मिर्जा नईमबेग, तेलीवाड़ा चौराहा, कण्ठाल, सतीगेट, सराफा, छत्री चौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मन्दिर पहुंचेगी.

श्रावण-भादो मास में भस्म आरती के समय में रहेगा बदलाव

श्रावण-भादो महिने में प्रतिदिन भगवान श्री महाकालेश्वर की भस्म आरती 22 जुलाई से 2 सितम्बर तक द्वार खुलने का समय सुबह 3 बजे होगा. हर सोमवार को भस्म आरती का समय अल सुबह 2.30 बजे होगा. भस्म आरती प्रतिदिन सुबह 3 से 5 बजे तक और प्रत्येक सोमवार को 2.30 से 4.30 बजे तक होगी. इसी तरह 3 सितम्बर से महाकाल का द्वार खुलने का समय पहले जैसा हो जाएगा श्रावण-भादो माह में भस्म आरती में श्रद्धालुओं की संख्या कम करके कार्तिकेय मण्डपम की अन्तिम तीन पंक्तियों से श्रद्धालुओं के लिए चलित भस्म आरती दर्शन की व्यवस्था रहेगी.

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