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बुरहानपुर कलेक्टर ने 'रिश्वतखोर' क्लर्क को सिखाया कड़ा सबक, चपरासी बनाया - BURHANPUR CLERK DEMOTED TO PEON

बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल ने रिश्वत लेने के आरोप में सस्पेंड चल रहे एक क्लर्क के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर डिमोशन कर दिया.

Burhanpur clerk demoted to peon
बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 22, 2025, 4:36 PM IST

Updated : Jan 22, 2025, 4:51 PM IST

बुरहानपुर : मध्यप्रदेश में अब भ्रष्टाचार के मामलों पर शासन ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. ऐसे ही एक मामले में बुरहानपुर में रिश्वत के मामले में निलंबित चल रहे एक क्लर्क का डिमोशन कर उसे भृत्य बना दिया है. बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल ने महिला बाल विकास विभाग के बाबू सुभाष काकड़े को जांच में दोषी पाया. इसके बाद ये कार्रवाई की गई. कलेक्टर भव्या मित्तल का कहना है "करप्शन पर जीरो टॉलिरेंस के तहत ये कार्रवाई की गई है. क्लर्क सुभाष काकड़े को रिश्वत लेने का दोषी पाया गया है."

आंगनबाड़ी सहायिका की नियुक्ति के नाम पर ली 10 हजार रिश्वत

मामले के अनुसार आदिवासी ब्लॉक खकनार के महिला बाल विकास विभाग में पदस्थ बाबू सुभाष काकड़े ने आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्ति करने के नाम पर ₹10 हजार रुपये की रिश्वत ली थी. फरियादी ने इसकी शिकायत जनसुनवाई में की थी. शिकायत की कलेक्टर ने जांच कराई तो ये सही पाई गई. इसके बाद कलेक्टर ने बाबू सुभाष काकड़े को निलंबित कर दिया था. इस मामले की जांच कलेक्टर ने एडीएम और महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी को सौंपी थी.

बुरहानपुर में रिश्वत के मामले में क्लर्क को बनाया भृत्य (ETV BHARAT)

जांच में संतोषजनकर जवाब पेश नहीं कर पाया आरोपी

विभागीय जांच अधिकारी द्वारा निलंबित सहायक ग्रेड-3 सुभाष काकडे को सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिया गए. इस दौरान सुभाष काकडे ने संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया. एडीएम की जांच में भी बाबू सुभाष काकड़े को दोषी करार दिया गया. इसके बाद कलेक्टर भव्या मित्तल ने कड़ी कार्रवाई करते हुए बाबू सुभाष काकड़े का को चपरासी बना दिया. वहीं लोगों का कहना है कि कलेक्टर का ये फैसला पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक नजीर साबित हो सकता है.

Burhanpur clerk demoted to peon
रिश्वत के मामले में क्लर्क से भृत्य बना सुभाष काकड़े (ETV BHARAT)

भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलिरेंस की नीति

कलेक्टर ने साफ संकेत दिए हैं कि कोई भी अपने पद का दुरुपयोग ना करें और ईमानदारी से काम करें. वहीं, इस कार्रवाई से सरकारी महकमों में हड़कंप मच गया है. बता दें कि कलेक्टर भव्या मित्तल ने यह कार्रवाई मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण, तथा अपील) नियम 1966 के नियम 10 में प्रावधानित दीर्घ शास्ति (मुख्य शास्ति) अंतर्गत की. कलेक्टर के आदेशानुसार सुभाष काकडे को कार्यालय परियोजना अधिकारी नेपानगर के रिक्त भृत्य के पद पर तैनात किया गया है.

बुरहानपुर : मध्यप्रदेश में अब भ्रष्टाचार के मामलों पर शासन ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. ऐसे ही एक मामले में बुरहानपुर में रिश्वत के मामले में निलंबित चल रहे एक क्लर्क का डिमोशन कर उसे भृत्य बना दिया है. बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल ने महिला बाल विकास विभाग के बाबू सुभाष काकड़े को जांच में दोषी पाया. इसके बाद ये कार्रवाई की गई. कलेक्टर भव्या मित्तल का कहना है "करप्शन पर जीरो टॉलिरेंस के तहत ये कार्रवाई की गई है. क्लर्क सुभाष काकड़े को रिश्वत लेने का दोषी पाया गया है."

आंगनबाड़ी सहायिका की नियुक्ति के नाम पर ली 10 हजार रिश्वत

मामले के अनुसार आदिवासी ब्लॉक खकनार के महिला बाल विकास विभाग में पदस्थ बाबू सुभाष काकड़े ने आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्ति करने के नाम पर ₹10 हजार रुपये की रिश्वत ली थी. फरियादी ने इसकी शिकायत जनसुनवाई में की थी. शिकायत की कलेक्टर ने जांच कराई तो ये सही पाई गई. इसके बाद कलेक्टर ने बाबू सुभाष काकड़े को निलंबित कर दिया था. इस मामले की जांच कलेक्टर ने एडीएम और महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी को सौंपी थी.

बुरहानपुर में रिश्वत के मामले में क्लर्क को बनाया भृत्य (ETV BHARAT)

जांच में संतोषजनकर जवाब पेश नहीं कर पाया आरोपी

विभागीय जांच अधिकारी द्वारा निलंबित सहायक ग्रेड-3 सुभाष काकडे को सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिया गए. इस दौरान सुभाष काकडे ने संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया. एडीएम की जांच में भी बाबू सुभाष काकड़े को दोषी करार दिया गया. इसके बाद कलेक्टर भव्या मित्तल ने कड़ी कार्रवाई करते हुए बाबू सुभाष काकड़े का को चपरासी बना दिया. वहीं लोगों का कहना है कि कलेक्टर का ये फैसला पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक नजीर साबित हो सकता है.

Burhanpur clerk demoted to peon
रिश्वत के मामले में क्लर्क से भृत्य बना सुभाष काकड़े (ETV BHARAT)

भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलिरेंस की नीति

कलेक्टर ने साफ संकेत दिए हैं कि कोई भी अपने पद का दुरुपयोग ना करें और ईमानदारी से काम करें. वहीं, इस कार्रवाई से सरकारी महकमों में हड़कंप मच गया है. बता दें कि कलेक्टर भव्या मित्तल ने यह कार्रवाई मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण, तथा अपील) नियम 1966 के नियम 10 में प्रावधानित दीर्घ शास्ति (मुख्य शास्ति) अंतर्गत की. कलेक्टर के आदेशानुसार सुभाष काकडे को कार्यालय परियोजना अधिकारी नेपानगर के रिक्त भृत्य के पद पर तैनात किया गया है.

Last Updated : Jan 22, 2025, 4:51 PM IST
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