उज्जैन। 12 ज्योतिर्लिंगों से एक महाकालेश्वर मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. श्रद्धालु अपनी-अपनी श्रद्धा के अनुसार भगवान महाकाल को सोने, चांदी के आभूषण के साथ नगद दान करते हैं. लेकिन महाकालेश्वर मंदिर में आउटसोर्स कर्मचारी के रूप में काम करने वाले संजय आंजना ने अनोखा दान किया है. ई कार्ट चलाने संजय आंजना ने अपनी जमीन बेचने के बाद एक बोरिंग महाकाल लोक में तो दूसरा बोरिंग महाकाल मंदिर के अंदर करवाया. दरअसल पानी ही सबसे बड़ा दान है. यह सोचकर उन्होंने यह नेक काम किया. महाकाल प्रबंधन समिति ने संजय अंजना की तारीफ करते हुए उन्हें भगवान महाकाल की तस्वीर भेंट कर उनका सम्मान किया.
नलकूपों से आ रहा पानी, भक्तों की बुझ रही प्यास
महाकाल मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि ''महाकाल मंदिर के आउटसोर्स कर्मचारी ई कार्ट चालक आंजना ने जमीन बेचने के बाद दान की इक्छा जाहिर की थी. मंदिर में पानी की समस्या को देखते हुए उन्होंने दो नलकूप खुदवाए. दोनों नलकूपों से बहुत अच्छा पानी आ रहा है. बोरिंग लगने के बाद अब मंदिर में पानी की समस्या का हल हो सकेगी.'' वही, महाकाल मंदिर समिति ने संजय आंजना को भगवान महाकाल का दुपट्टा, तस्वीर और प्रसाद भेंट कर जलदूत के रूप में उनका सम्मान किया.
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संजय आंजना ने बताया कि ''अपने गांव की पुस्तैनी जमीन बेचकर महाकाल मंदिर के लिए दान करने की इच्छा हुई. सोचा पीने का पानी उपलब्ध कराने से बड़ा धर्म कोई नही है. इस लिए एक बोर महाकाल लोक में और दूसरा महाकाल मंदिर परिसर में यज्ञशाला के पास करवाया. बोरिंग कराने के बाद गंगा दशमी पर मोटर भी लगा दी. बोरिंग से भरपूर पानी आ रहा है. दोनो बोरिंग कराने और मोटर लगाने में खर्च करीब एक लाख से अधिक हुआ है.