उज्जैन। 12 ज्योतिर्लिंगों से एक महाकालेश्वर मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन और भस्म आरती देखने के लिए आते हैं. लेकिन मंदिर समिति ने भस्म आरती के लिए सीमित कोटा तय कर रखा है, जिसमें श्रद्धालुओं को भस्म आरती की परमिशन ऑनलाइन या ऑफलाइन लेनी होती है. जिसका लाभ उठाते हुए आए दिन श्रद्धालुओं के साथ ठगी होते रहती है. इसी कड़ी में शनिवार को मुंबई से आए श्रद्धालु से हजारों की ठगी करने का मामला सामने आया है.
श्रद्धालु से 14 हजार की ठगी
बताया जा रहा है कि महाकाल पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को भस्म आरती में शामिल होने की परमिशन दिलाने के नाम पर ठगी की जा रही है. इसमें महाकाल मंदिर के कर्मचारी, सुरक्षा गार्ड, होटल मालिक, ऑटो चालक और मंदिर के बाहर फूल प्रसाद बेचने वाले शामिल होते हैं. वे श्रद्धालुओं को अपनी बातों में उलझा कर उनसे मोटी रकम लेकर ठगी की घटना को अंजाम देते हैं. शनिवार को मुंबई से आए 1 श्रद्धालु से मंदिर कर्मचारियों ने भस्म आरती के दर्शन कराने के नाम 14 हजार रुपए की ठगी की.
तत्काल जांच कर हुई कार्रवाई
मुंबई से 14 श्रद्धालु महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन के लिए पहुंचे थे, जिनमें से 1 श्रद्धालु ने शनिवार को मंदिर समिति को शिकायत कर बताया कि भस्म आरती के दर्शन करवाने के नाम पर 14 हजार रुपए वसूले गए हैं. जिसके बाद मंदिर समिति ने तत्काल जांच की जिसमें सुरक्षा सुपरवाइजर सूरज गोमे का नाम सामने आया. मंदिर समिति ने सूरज को तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए उसे मंदिर से बाहर का रास्ता दिखा दिया.
नंदी हॉल में प्रवेश पर पुजारी ने जताई आपत्ति
महाकालेश्वर मंदिर में पट खुलने से पहले नंदी हॉल में श्रद्धालुओं के प्रवेश से पुजारी ने आक्रोश जताया है. बताया जा रहा है कि पट खुलने से पहले ही कुछ श्रद्धालु नंदी हॉल, कार्तिकेय मंडप और गणेश मंडपम में जाकर बैठ गए. जबकि हमेशा पहले भगवान का पट खुलता है इसके बाद श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिया जाता है. पुजारी के आपत्ति जताने के बाद तत्काल व्यवस्था कर्मचारियों ने पुजारी से माफी मांगी और मामला शांत कराया, जिसके बाद पूजन कार्य शुरू किया गया.