उज्जैन: बड़नगर से एक दिलचस्प और अनोखा मामला सामने आया है. यहां एक पिता ने अपनी मन्नत पूरी होने पर अपने बेटे को उसके वजन के बराबर रुपयों के बंडलों से तौल दिया. यह घटना तेजा दशमी पर्व के मौके पर बड़नगर स्थित मंगलनाथ पथ की है. जहां चतुर्भुज जाट नामक व्यक्ति ने अपने 30 साल के बेटे वीरेन्द्र जाट को 10 लाख 7 हजार रुपयों के बंडलों से तौला और राशि मंदिर निर्माण के लिए दान कर दी.
मन्नत पूरी होने पर बेटे को तौला
चतुर्भुज जाट ने 4 साल पहले वीर तेजाजी से एक मन्नत मांगी थी. उन्होंने वीर तेजाजी से यह मन्नत मांगी थी कि अगर उनकी मुराद पूरी होती है तो वह अपने बेटे को उसके वजन के बराबर की राशि से तौलकर वह पैसा मंदिर के निर्माण कार्य के लिए दान करेंगे. उनकी मन्नत पूरी हुई और इस साल उन्होंने बेटे वीरेन्द्र को रुपयों से तौलकर 10 लाख 7 हजार रुपये की राशि तेजाजी मंदिर में दान कर दी.
'तेजाजी की कृपा से आया खास मौका'
वीर तेजाजी की दशमी के अवसर पर की गई यह अनूठी तुलाई और दान का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है. चतर्भुज जाट का कहना है कि "वह वीर तेजाजी के प्रति गहरी आस्था रखते हैं और उनकी कृपा से ही उनके जीवन में यह खास मौका आया है."
दशमी को मनाया जाता है तेजादशमी का पर्व
भाद्रपद शुक्ल दशमी को तेजदशमी पर्व मनाया जाता है. नवमीं की पूरी रात रतजगा करने के बाद दूसरे दिन दशमी को जिन-जिन स्थानों पर वीर तेजाजी के मंदिर हैं वहां यह पर्व मनाया जाता है. इन स्थानों पर मेला लगता है. हजारों की संख्या में श्रद्धालु नारियल चढ़ाने एवं बाबा की प्रसादी ग्रहण करने तेजाजी मंदिर में जाते हैं.
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कौन थे वीर तेजाजी
वीर तेजाजी का जन्म 29 जनवरी 1074 को राजस्थान के नागौर जिले के खरनाल गांव में हुआ था. धौलिया जाट सरदार ताहर देव और राम कुंवरी उनके माता-पिता थे. इतिहासकारों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि तेजाजी की मां राम कुंवरी को नागराजा से वरदान मिला था और उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया, जिसका नाम तेजा जी रखा गया. वीर तेजाजी राजस्थान के लोक देवता के तौर पर अपनी पहचान रखते हैं. राजस्थान के अलावा वीर तेजाजी महाराज की ख्याति मध्यप्रदेश और गुजरात में भी है. उन्हें सांपों का देवता भी कहा जाता है. वीर तेजाजी के बारे में लोक कथाओं के जरिए कई कहानियां प्रचलित है.