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फर्जी सिम खरीद-फरोख्त मामले में बड़ी कार्रवाई, उज्जैन से 5 आरोपी गिरफ्तार, बंगाल से जुड़े हैं तार - Ujjain fake sim online fraud case

उज्जैन में फर्जी सिम एक्टिवेट कर ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है. पूरे मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, वहीं एक आरोपी फरार चल रहा है. पकड़े गए आरोपियों के तार पंश्चिम बंगाल से भी जुड़े हैं. उनके कब्जे से 56 फर्जी सिम बरामद हुए हैं.

UJJAIN FAKE SIM ONLINE FRAUD CASE
फर्जी सिम खरीद फरोख्त मामले का पुलिस ने किया खुलासा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 22, 2024, 4:56 PM IST

पुलिस ने 5 आरोपियों को किया गिरफ्तार (ETV Bharat)

उज्जैन। शहर की नानाखेड़ा थाना पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के साइबर फ्रॉड के मामले में बड़ा खुलासा किया है. इस मामले में कुल 6 आरोपियों के नाम सामने आए हैं. इनमें से 5 आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है, जबकि 1 आरोपी फरार चल रहा है. गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 56 फर्जी सिम बरामद हुई है, जिसमें 13 एक्टिवेट और 43 अनएक्टिवेट सिम कार्ड हैं.

फर्जी सिम की खरीद फरोख्त का मामला

गिरफ्तार आरोपियों में से 3 पश्चिम बंगाल, 1 कन्नौद जिला देवास से, वहीं 1 उज्जैन देवास रोड क्षेत्र का निवासी है. फरार चल रहा एक आरोपी उज्जैन के नागदा का निवासी है. ये सभी आरोपी फर्जी सिम की खरीद फरोख्त के मामले में गिरफ्तार हुए हैं. आरोपी फर्जी सिम बनाकर उसे एक्टिवेट करते और लोगों से फ्रॉड कर ठगी की वारदात की अंजाम देते थे. गांव के लोगों के नाम से फर्जी सिम एक्टिवेट कर अवैध ऑनलाइन धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम देते थे.

पूरे मामले में ये आरोपी हैं शामिल

पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ के दौरान अपने नाम और पता बताए अक्षय तिरवार (22), सादिक खान (20), शेख महिबुल (35) निवासी पंश्चिम बंगाल, साजन पिता हारून खान (24) निवासी पंश्चिम बंगाल और बाबन (38) पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. वहीं, फरार आरोपी की पहचान मोंटी नागदा निवासी के रूप में हुई है. आरोपियों ने पूछताछ के दौरान फर्जी सिम खरीदने व बेचने की बात कबूली है.

पंश्चिम बंगाल के आरोपियों के बेचते थे सिम

उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि देवास निवासी आरोपी सादिक के पास एक ऐसी आईडी है, जो की लोगों की सिम पोर्ट करने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर अन्य सिम भी उसी नाम से एक्टिवेट कर लेता था. आरोपी अक्षय व मोंटी पश्चिम बंगाल के आरोपियों को सिम बेचते थे.

ठगी के लिए इस्तेमाल होते थे सिम कार्ड

आरोपी अक्षय, सादिक व मोंटी पर गंभीर आरोप है. ये तीनों मिलकर फर्जी सिम खरीद कर पश्चिम बंगाल के तीनों आरोपियों को 300 से 600 रुपए में बेचते थे. 15 दिनों में 70 सिम बेच चुके हैं. उज्जैन और देवास में पुलिस ने कुल 70 में से 56 फर्जी सिम बरामद कर लिया है, जिसमें 13 एक्टिवेट व 43 अनएक्टिवेट सिम कार्ड हैं. ये सभी सिम कार्ड ग्रामीण इलाकों में ठगी और अवैधानिक गतिविधियों के उपयोग में लाई जाती थी.

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इन धाराओं में मामला दर्ज

उज्जैन पुलिस ने पूरे मामले में आरोपियों के विरुद्ध 420 व 419, 66सी, 66डी व आईटी एक्ट की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है. आरोपियों को बुधवार को न्यायालय में पेश किया गया. इस मामले में और भी आरोप बढ़ सकते हैं.

पुलिस ने 5 आरोपियों को किया गिरफ्तार (ETV Bharat)

उज्जैन। शहर की नानाखेड़ा थाना पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के साइबर फ्रॉड के मामले में बड़ा खुलासा किया है. इस मामले में कुल 6 आरोपियों के नाम सामने आए हैं. इनमें से 5 आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है, जबकि 1 आरोपी फरार चल रहा है. गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 56 फर्जी सिम बरामद हुई है, जिसमें 13 एक्टिवेट और 43 अनएक्टिवेट सिम कार्ड हैं.

फर्जी सिम की खरीद फरोख्त का मामला

गिरफ्तार आरोपियों में से 3 पश्चिम बंगाल, 1 कन्नौद जिला देवास से, वहीं 1 उज्जैन देवास रोड क्षेत्र का निवासी है. फरार चल रहा एक आरोपी उज्जैन के नागदा का निवासी है. ये सभी आरोपी फर्जी सिम की खरीद फरोख्त के मामले में गिरफ्तार हुए हैं. आरोपी फर्जी सिम बनाकर उसे एक्टिवेट करते और लोगों से फ्रॉड कर ठगी की वारदात की अंजाम देते थे. गांव के लोगों के नाम से फर्जी सिम एक्टिवेट कर अवैध ऑनलाइन धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम देते थे.

पूरे मामले में ये आरोपी हैं शामिल

पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ के दौरान अपने नाम और पता बताए अक्षय तिरवार (22), सादिक खान (20), शेख महिबुल (35) निवासी पंश्चिम बंगाल, साजन पिता हारून खान (24) निवासी पंश्चिम बंगाल और बाबन (38) पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. वहीं, फरार आरोपी की पहचान मोंटी नागदा निवासी के रूप में हुई है. आरोपियों ने पूछताछ के दौरान फर्जी सिम खरीदने व बेचने की बात कबूली है.

पंश्चिम बंगाल के आरोपियों के बेचते थे सिम

उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि देवास निवासी आरोपी सादिक के पास एक ऐसी आईडी है, जो की लोगों की सिम पोर्ट करने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर अन्य सिम भी उसी नाम से एक्टिवेट कर लेता था. आरोपी अक्षय व मोंटी पश्चिम बंगाल के आरोपियों को सिम बेचते थे.

ठगी के लिए इस्तेमाल होते थे सिम कार्ड

आरोपी अक्षय, सादिक व मोंटी पर गंभीर आरोप है. ये तीनों मिलकर फर्जी सिम खरीद कर पश्चिम बंगाल के तीनों आरोपियों को 300 से 600 रुपए में बेचते थे. 15 दिनों में 70 सिम बेच चुके हैं. उज्जैन और देवास में पुलिस ने कुल 70 में से 56 फर्जी सिम बरामद कर लिया है, जिसमें 13 एक्टिवेट व 43 अनएक्टिवेट सिम कार्ड हैं. ये सभी सिम कार्ड ग्रामीण इलाकों में ठगी और अवैधानिक गतिविधियों के उपयोग में लाई जाती थी.

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इन धाराओं में मामला दर्ज

उज्जैन पुलिस ने पूरे मामले में आरोपियों के विरुद्ध 420 व 419, 66सी, 66डी व आईटी एक्ट की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है. आरोपियों को बुधवार को न्यायालय में पेश किया गया. इस मामले में और भी आरोप बढ़ सकते हैं.

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