उज्जैन। स्कूल चलें हम अभियान के तहत भविष्य से भेंट करने के लिए उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और सांसद अनिल फिरोजिया ने बच्चों को शिक्षा का पाठ पढ़ाया. डीएम नीरज कुमार सिंह उत्कृष्ट स्कूल में बच्चों के बीच पहुंचे तो नूतन स्कूल में सांसद अनिल फिरोजिया ने क्लास ली. 45 मिनट की देरी से स्कूल पहुंचे सांसद ने तुरंत बच्चों से माफी मांगी और प्रिंसिपल से कहा कि मुझे हाथ खड़ा करके पनिशमेंट दें.
शासकीय विद्यालय में पढ़ाने पहुंचे जिला कलेक्टर
स्कूल चलें हम अभियान के तीसरे दिन "भविष्य से भेंट" कार्यक्रम के तहत गुरुवार को कलेक्टर नीरज सिंह शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय माधवनगर में पढ़ाने पहुंचे. उन्होंने कक्षा 10वीं के विद्यार्थियों को कवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता कुरुक्षेत्र में युधिष्ठिर और भीष्म पितामह के बीच का प्रसंग पढ़ाकर बताया कि " कविता हमें जीवन जीने का तरीका सिखाती है. वहीं, कुरुक्षेत्र कविता से सीख मिलती है कि अपने जीवन में विनम्रता, सहनशील, करुणा, तप के भाव के साथ शक्ति और सामर्थ्य को भी विकसित करना होगा ताकि हमें न कोई दबा या शोषित न कर सके." कलेक्टर ने विद्यार्थियों से कहा कि छात्र जीवन का उपयोग ज्यादा से ज्यादा सीखने में करें.
सांसद अनिल फिरोजिया ने छात्राओं से मांगी माफी
उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया 20 जून को इंदिरा नगर के शासकीय नूतन कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अपने तय समय से करीब 45 मिनट की देरी से पहुंचे. सांसद ने सबसे पहले स्कूल के शिक्षक और छात्राओं से माफी मांगी और कहा कि "सर चाहें तो मुझे सजा के रूप में हाथ खड़ा कर बाहर खड़ा कर दीजिए." सांसद अनिल फिरोजिया की इस विनम्रता को लेकर बच्चो ने ताली बजा दी. सांसद ने देरी से पहुंचने पर स्वागत सम्मान कार्यक्रम को नहीं होने दिया और जाते ही माइक हाथ में थाम कर बच्चों की क्लास ली.
सांसद ने दी पढ़ाई पर ध्यान देने की सलाह
वहीं, स्कूल की छात्रा प्रिया शर्मा ने सांसद फिरोजिया से पूछा कि "मैं राजनीति में आना चाहती हूं, कैसे आपके और सीएम मोहन यादव जैसे बन सकती हूं. इस पर सांसद ने कहा वैसे अभी तुम छोटी हो पढ़ाई पर ध्यान दो, लेकिन जब कॉलेज में जाओगी, तब वहां आपको कई संगठन मिलेंगे. उन्हें ज्वाइन करो, समाज सेवा में लगो और मोदी जी ने 30 प्रतिशत आरक्षण की बात की है तो आने वाला भविष्य लड़कियों का है. इसलिए खूब मेहनत करके आगे बढ़ो. संसद अनिल फिरोजिया ने बच्चों को कहा कि आपका ध्यान पढ़ाई पर होना चाहिए. बड़ा बनाना है तो विनम्र रहना सीखो, गुरु को सम्मान दो, गुस्से को काबू रखें, पलटकर जवाब नहीं देना चाहिए."