उज्जैन। मध्यप्रदेश में निजी स्कूल संचालक बेलगाम हैं. स्कूलों से या फिर निर्धारित दुकानों से किताबें व ड्रेस खरीदवाने के लिए मजबूर करने पर अभिभावकों में रोष व्याप्त है. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने 15 निजी स्कूलों पर हंटर चलाया है. 15 निजी स्कूलों के संचालक, प्राचार्य से दो लाख रुपए जुर्माना 7 दिन के अंदर कोषालय में चालान के माध्यम से जमा करने के आदेश हुए हैं. राशि जमा करने औऱ पावती जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को देने का आदेश दिया गया है.
चुनिंदा दुकानों से किताबें व ड्रेस खरीदने का दबाव
दरअसल, निजी स्कूल संचालक चुनिंदा दुकानों से किताबें व यूनिफॉर्म खरीदने के लिए बच्चों के परिजनों पर दबाव बनाते हैं. दुकानदारों और स्कूलों के बीच कमीशनखोरी का खेल चल रहा है. लगातार मिल रही शिकायतों पर कलेक्टर ने कई दुकानों पर छापा डलवाया. इससे पहले कलेक्टर ने निजी स्कूलों की मीटिंग ली थी. जिसमें उन्हें सख्त हिदायत दी गई थी कि किसी ने भी मनमानी की तो वह कार्रवाई के लिए तैयार रहें. इसके बाद कलेक्टर ने उड़नदस्तों को औचक निरीक्षण करने भेजा. निरीक्षण के दौरान निजी स्कूलों में कई कमियां पाई गईं.
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इन स्कूलों में मिली खामियां, जुर्माना ठोका
उड़नदस्ते द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर निजी स्कूलों के संचालकों, प्राचार्यों को जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया. निजी स्कूलों के संचालकों से मिले जवाब के बाद 15 निजी स्कूलों पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना किया गया. ये स्कूल हैं- ज्ञान सागर अकेडमी, सेंट मेरी कॉन्वेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, क्रिस्ट ज्योति कॉन्वेंट स्कूल, निर्मला कॉन्वेंट स्कूल, सेंट पाल कॉन्वेंट स्कूल, ऑक्सफोर्ड स्कूल, सेंट थॉमस स्कूल, कार्मल कॉन्वेंट स्कूल, सेंट थॉमस स्कूल, मास्टर माइंड इंटरनेशनल स्कूल, दिनाह कॉन्वेंट स्कूल, जीनदत्ता इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन, एमपीएस अकेडमी, इम्पीरियल इंटरनेशनल स्कूल, सेंट मार्टिन स्कूल.