जयपुर : सीवरेज के गंदे पानी से अब निकाय कमाई करने की तैयारी में है. इसके तहत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में शहर के गंदे पानी को प्रोसेस कर साफ करेंगे, फिर उसे आवश्यकता अनुसार बेचा जाएगा. इससे गंदा पानी निकायों की कमाई का जरिया बनेगा. यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बुधवार को दहेलावास एसटीपी प्लांट के अपग्रेडेशन कार्य का लोकार्पण किया. इससे साफ हुए पानी को निकाय बेच सकेंगे.
जयपुर ग्रेटर नगर निगम ने हाल ही में दहेलावास एसटीपी प्लांट का अपग्रेडेशन किया. साथ ही 90 एमएलडी क्षमता का नया प्लांट भी लगाया है. इस तरह यहां अब 215 एमएलडी तक सीवरेज पानी का ट्रीटमेंट किया जा सकेगा. इसका लोकार्पण यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने किया. इस मौके मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर, विधायक डॉ. कैलाश वर्मा समेत मेयर समिट में शामिल होने के लिए जयपुर आए विभिन्न राज्यों के मेयर भी मौजूद रहे. इस दौरान सभी ने प्लांटेशन ड्राइव में भी भाग लिया.
मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि जयपुर सहित प्रदेश के तमाम शहरों में बने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के पानी को सरकार बेचकर रेवेन्यू जनरेट करने का प्रयास किया जाएगा. इन प्लांट से निकलने वाले पानी को इंडस्ट्री या दूसरे काम के लिए बेचा जा सकेगा. सूरत महानगर पालिका सीवरेज का गंदा पानी बेचकर 140 करोड़ रूपए सालाना की कमाई कर रही है. हम भी इस प्रयास में है कि एसटीपी के पानी को बेचकर निकायों के लिए राजस्व जुटाने का प्रयास करें.
मेयर सौम्या गुर्जर ने कहा कि दहेलावास में नगर निगम के पहले से दो एसटीपी प्लांट (62.5-62.5 एमएलडी क्षमता के) संचालित थे, लेकिन यह प्लांट एनजीटी के नियमों के मुताबिक नहीं थे. इस वजह से इन्हें एएसपी तकनीक से एसबीआर (सीक्वेंसिंग बैच रिएक्टर) तकनीक में अपग्रेड किया गया. अब इनसे साफ होने वाला पानी की क्वालिटी पहले से और बेहतर हो गई. नया प्लांट बनने के बाद अब यहां 1.2 और 1.5 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता का बायोगैस और सौर ऊर्जा प्लांट भी लगाया जाएगा.