जयपुर: वर्ष 2018 से 2023 तक किए गए कामों में कई गलतियां रही हैं. किसी भी कमी या गलती के कारण आमजन को परेशानी नहीं होनी चाहिए. यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने रविवार को विभागीय अधिकारियों की क्लास लेते हुए इन सभी कमियों को जल्द से जल्द सुधारने के निर्देश दिए. उन्होंने नगरीय निकायों में उधड़ी हुई सड़कों, खराब ड्रेनेज सिस्टम और पुराना हो चुके सीवरेज सिस्टम को लेकर चिंता व्यक्त की. इस सिस्टम को अपग्रेड करते हुए 40 साल तक दोबारा ऐसी स्थिति ना बने ऐसी व्यापक कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं.
जलभराव की समस्या पर दें विशेष ध्यान : प्रदेश में मानसून बदरा जमकर बरसे. इस बारिश ने सड़कों को ऐसे जख्म दिए, जो फिलहाल भरते नहीं दिख रहे. हालांकि यूडीएच मंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी क्षतिग्रस्त सड़कों एवं सीवेरज लाइनों की तुरन्त मरम्मत पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए हैं. खर्रा ने सभी सम्बंधित विभागों को कहा कि सड़कों की गुणवत्ता जांचने के लिए कई अभियंताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिन्होंने इस कार्य को गंभीरतापूर्ण नहीं लिया. ऐसे में उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि सभी अधिकारी सावधानी और सजगता से अपने कार्यों का निर्वहन करें, साथ ही जलभराव की समस्या पर भी विशेष ध्यान दें.
बरसात के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त: खर्रा ने बताया कि जयपुर सहित प्रदेश के जितने भी नगरीय निकायों में भारी बरसात के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. उनके मरम्मत और पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी सड़कों के पुनर्निर्माण को लेकर अधिकारियों, अभियंताओं को निर्देशित किया है. जेडीए, निगम, हाउसिंग बोर्ड और सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से किए सर्वे किया जा चुका है. यदि मौसम साथ दे तो आने वाले 15 दिनों में इस काम को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं शहर के ड्रेनेज और सीवरेज को लेकर के भी व्यापक रूप से चर्चा की गई है. इसी के कारण सड़कों का नुकसान होता है और जलभराव होता है. ऐसे सभी स्थानों को चिह्नित कर भविष्य में इस साल से ज्यादा बारिश होने पर भी जलभराव ना हो, इसके लिए ड्रेनेज और सीवरेज की नए सिरे से डीपीआर बनाकर उसे भी क्रियान्वित करने के लिए निर्देशित किया है.
सीवरेज सिस्टम का होगा सर्वे: उन्होंने कहा कि जयपुर शहर के जितनी भी ड्रेनेज और सीवरेज की समस्या है, उसके लिए एक व्यापक योजना बनाई जाए कि आगामी 40 साल तक इस तरह की समस्या उत्पन्न ना हो. पहले चरण में इसका सर्वे करवाया जा रहा है कि कहां-कहां जलभराव ज्यादा होता है. उसका कारण क्या है, उसका निदान क्या है, ये प्रारंभिक जानकारी करने के बाद सीवरेज में कहां-कहां चोक और उफान की समस्या है. उसका भी सर्वे किया जाएगा. फिर इसकी विस्तृत डीपीआर तैयार करवा कर उसे क्रियान्वित करने का प्रयास करेंगे.
सीवरेज सफाई के बाद मलबे को तुरंत उठाएं: खर्रा ने निर्देश दिए कि सबसे पहले शहरों की मुख्य सड़कों का कार्य पूरा हो. इसके पश्चात कॉलोनियों की अंदर की सड़कों का निर्माण और मरम्मत कार्य करवाया जाए. इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि मरम्मत और रखरखाव कार्य के दौरान सीवरेज और ड्रेनेज लाइनों का विशेषकर ख्याल रखा जाए. जिन जगहों पर सीवरेज-ड्रेनेज लाइनों का निर्माण कार्य चल रहा है. पहले उसे पूरा कर सड़क का काम शुरू हो. ताकि संसाधनों और आमजन के टैक्स का सही उपयोग हो पाए. खर्रा ने सीवरेज सफाई की पहले और बाद की वीडियोग्राफी करवाने के भी निर्देश देते हुए कहा कि सीवरेज सफाई के बाद मलबे को तुरंत उठा लिया जाए, क्योंकि ये बाद में नालों में ही चला जाता है.
पढ़ें: खस्ताहाल सड़कों को लेकर किया जा रहा आमरण अनशन तीसरे दिन समाप्त
दीपावली से पहलें सुधारें सड़कें: झाबर सिंह खर्रा ने अधिकारियों और विभागों को आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि राइजिंग राजस्थान के आगामी इन्वेस्टमेंट समिट को ध्यान में रखते हुए दीपावली से पहले ही क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और रखरखाव के सभी काम समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से हो. खर्रा ने निर्देश देते हुए कहा कि बजट घोषणाओं वाले गारंटी पीरियड कार्यों को समय पर पूरा किया जाए. इसे तय करना विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए. पीडब्ल्यूडी, पीएचईडी, ऊर्जा, स्वायत्त शासन विभाग और जेडीए आपस में सामंजस्य बनाकर काम करें. ताकि आमजन के हित की योजनाओं को जल्द से जल्द और गुणवत्तापूर्ण कार्यों के साथ धरातल पर उतारा जा सके.