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खाली चल रही उदयपुर-आगरा वंदे भारत एक्सप्रेस, ऑक्यूपेंसी 25 फीसदी, रेलवे से हो रही ये डिमांड - LOW OCCUPANCY IN VANDE BHARAT

उदयपुर से आगरा के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रीभार काफी कम है. इस ट्रेन में ऑक्यूपेंसी 25 फीसदी ही है.

Low occupancy in Vande Bharat
उदयपुर आगरा वंदे भारत एक्सप्रेस (ETV Bharat Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

Updated : 3 hours ago

कोटा: उदयपुर से जयपुर की तरफ चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को पर्याप्त यात्री भार नहीं मिल रहा था, इसलिए उसके रूट में परिवर्तन करते हुए उसे सप्ताह में 3 दिन उदयपुर से आगरा के बीच कोटा होकर चलाए जा रहा है. लेकिन यहां भी हालत इसी तरह के बने हुए हैं. ट्रेन को कोटा होकर चलते हुए 3 महीने हो गए हैं. इन तीन महीना में यात्रियों की ऑक्यूपेंसी कोटा से आगरा और उदयपुर के बीच 25 से 40 फीसदी के बीच रही है. आठ कोच की ट्रेन में एग्जीक्यूटिव चेयर कार (ईसी) और चेयरकार (सीसी) की फैसिलिटी है, लेकिन लगभग सभी कोच में यात्रियों का अभाव देखने को मिलता है. कोटा से चढ़ने वाले यात्रियों की बात की जाए, तो यह संख्या आने और जाने वाली ट्रेन में 50 के आसपास ही है.

कोटा से आगरा की तरफ सीसी में महज 15 फीसदी तक ही सीट बुकिंग: कोटा की आगरा की तरफ चेयरकार (सीसी) कोच में 401 सीट है. इनमें फिलहाल दिसंबर महीने में 16 से 30 तारीख तक की बुकिंग में ऑक्युपेंसी औसत करीब 50 सीट्स की ही आ रही है. देखा जाए तो 12 से 13 फीसदी बुकिंग ही हुई है. इसी तरह से एग्जीक्यूटिव चेयरकार (ईसी) में 35 सीट्स की बुकिंग खोली जाती है. इसमें ऑक्युपेंसी औसत 15 के आसपास ही आ रही है. इसमें बुकिंग करीब 45 फीसदी के आसपास हो रही है.

वंदे भारत एक्सप्रेस के किराए से 'बिगड़ा खेल' (ETV Bharat Kota)

पढ़ें: क्या वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों में ज्यादा किराए के चलते कम है यात्रियों की संख्या? अश्विनी वैष्णव ने दिया यह जवाब - VANDE BHARAT EXPRESS

कोटा से उदयपुर की तरफ से जहां पर 389 सीट्स सीसी में है. इसकी ऑक्युपेंसी औसत करीब 64 सीट्स के आसपास ही आ रही है. यह फिलहाल 17 फीसदी के आसपास है. ईसी में 33 सीट्स अवेलेबल रहती है, इनकी ऑक्युपेंसी 16 के आसपास औसत आ रही है. ईसी में यह 50 फीसदी है.

पढ़ें: कोटा में 16 कोच की वंदे भारत मेट्रो ट्रेन का ट्रायल शुरू, 145 किमी की गति पर दौड़ाई

कोटा से आगरा तक किराए में अंतर: वंदे भारत एक्सप्रेस से कोटा से आगरा का किराया सीसी में 900 और ईसी में 1750 है. इसमें कैटरिंग चार्ज अलग है. जबकि इस रूट पर ही दूसरी चलने वाली कोटा पटना एक्सप्रेस में थर्ड एसी का किराया 645, सेकंड एसी का 915 और फर्स्ट एसी का 1525 है. ऐसे में कोटा पटना के सेकंड एसी व सीसी का किराया लगभग बराबर है. जबकि फर्स्ट एक से 225 रुपए ज्यादा ईसी का किराया है. इसी तरह से कोटा से उदयपुर का किराया वंदेभारत में सीसी का 750 और ईसी का 1470 रुपए है. जबकि मेवाड़ एक्सप्रेस में कोटा से उदयपुर का किराया थर्ड एसी में 555, सेकंड एसी में 760 और फर्स्ट एसी में 1255 रुपए है. ऐसे में उदयपुर का किराया सेकंड एसी में लगभग बराबर है, जबकि ईसी का किराया फर्स्ट एक से 215 रुपए ज्यादा है.

पढ़ें: वंदे भारत शुरू होने के पहले दिन ही विवाद, ट्रेन चलाने को लेकर हुआ हंगामा फिर मारपीट

दिल्ली या मुंबई की मिले सेवा: यात्री सुरेश जैन का कहना है कि कोटा से जो वंदे भारत ट्रेन चली है, वह आगरा और उदयपुर जा रही है. हमारे किसी मतलब की नहीं है. हमें तो दिल्ली या मुंबई जाना होता है. हमारा रूट ज्यादातर यही है. इसका किराया भी काफी ज्यादा है. नॉर्मल व्यक्ति इसको वहन नहीं कर पा रहा है, जो नॉर्मल किराए में जो ट्रेन है, हम उससे जाएंगे. दिल्ली-मुंबई रूट पर गाड़ी चलानी चाहिए, हमारे लिए बेस्ट रहेगा.

केवल आधे घंटे का अंतर: एक अन्य यात्री भरत शर्मा का कहना है कि वंदे भारत ट्रेन का किराया ज्यादा है. इस कारण से आम जनता उसको अफोर्ड नहीं कर पा रही है. सरकार किराए में कमी करे. अन्य एक्सप्रेस ट्रेन में फर्स्ट एसी से भी ज्यादा किराया वंदे भारत का है. हालांकि वंदे भारत ट्रेन समय दूसरी ट्रेन से कम ले रही है, लेकिन ज्यादा अंतर नहीं है. यह आधे या 1 घंटे पहले पहुंचा देती है, वहीं दूसरी ट्रेन में इतना समय ज्यादा लगता है.

रेलवे बोर्ड और मंत्री से करेंगे किराया कम करने की मांग: कोटा रेल मंडल की रेलवे उपयोगकर्ता सलाहकार समिति के सदस्य धीरज गुप्ता 'तेज' का कहना है कि कोटा से गुजरने वाली एकमात्र वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 30 फीसदी यात्रीभार पर चल रही है. इस ट्रेन के संचालन में रेलवे को काफी घाटा हो रहा है. यही स्थिति लगातार बनी रही तो भविष्य में ट्रेन का संचालन बंद भी हो सकता है. मैं रेलवे बोर्ड व रेल मंत्री से गुजारिश करूंगा कि ट्रेन के किराए को पुनः निर्धारित किया जाए.

उदयपुर और आगरा के लिए टाइम के हिसाब से काफी अच्छी कनेक्टिविटी और फैसिलिटी हो गई है. लोगों में ट्रेन के संबंध में जागरूकता जब बढ़ेगी और इसके संबंध में ज्यादा जानकारी आएगी तो यात्रीभार भी बढ़ेगा. मूल रूप से यह टूरिस्ट डेस्टिनेशन को जोड़ती है. ऐसे में टूरिस्ट सीजन आने वाला है. जिसमें ऑक्युपेंसी बढ़ जाएगी.

कोटा से आगरा की तरफ की बुकिंग

दिन सीसी (401) ईसी (35)
16 दिसम्बर 34231
19 दिसम्बर 375 19
21 दिसम्बर36929
23 दिसम्बर 339 24
26 दिसम्बर 35521
28 दिसम्बर 339 25
30 दिसम्बर 34430

कोटा से उदयपुर की तरफ की बुकिंग

दिन सीसी (389) ईसी (33)
16 दिसम्बर 296 3
19 दिसम्बर 37020
21 दिसम्बर33223
23 दिसम्बर30711
26 दिसम्बर 32114
28 दिसम्बर32522
30 दिसम्बर 33527

कोटा: उदयपुर से जयपुर की तरफ चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को पर्याप्त यात्री भार नहीं मिल रहा था, इसलिए उसके रूट में परिवर्तन करते हुए उसे सप्ताह में 3 दिन उदयपुर से आगरा के बीच कोटा होकर चलाए जा रहा है. लेकिन यहां भी हालत इसी तरह के बने हुए हैं. ट्रेन को कोटा होकर चलते हुए 3 महीने हो गए हैं. इन तीन महीना में यात्रियों की ऑक्यूपेंसी कोटा से आगरा और उदयपुर के बीच 25 से 40 फीसदी के बीच रही है. आठ कोच की ट्रेन में एग्जीक्यूटिव चेयर कार (ईसी) और चेयरकार (सीसी) की फैसिलिटी है, लेकिन लगभग सभी कोच में यात्रियों का अभाव देखने को मिलता है. कोटा से चढ़ने वाले यात्रियों की बात की जाए, तो यह संख्या आने और जाने वाली ट्रेन में 50 के आसपास ही है.

कोटा से आगरा की तरफ सीसी में महज 15 फीसदी तक ही सीट बुकिंग: कोटा की आगरा की तरफ चेयरकार (सीसी) कोच में 401 सीट है. इनमें फिलहाल दिसंबर महीने में 16 से 30 तारीख तक की बुकिंग में ऑक्युपेंसी औसत करीब 50 सीट्स की ही आ रही है. देखा जाए तो 12 से 13 फीसदी बुकिंग ही हुई है. इसी तरह से एग्जीक्यूटिव चेयरकार (ईसी) में 35 सीट्स की बुकिंग खोली जाती है. इसमें ऑक्युपेंसी औसत 15 के आसपास ही आ रही है. इसमें बुकिंग करीब 45 फीसदी के आसपास हो रही है.

वंदे भारत एक्सप्रेस के किराए से 'बिगड़ा खेल' (ETV Bharat Kota)

पढ़ें: क्या वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों में ज्यादा किराए के चलते कम है यात्रियों की संख्या? अश्विनी वैष्णव ने दिया यह जवाब - VANDE BHARAT EXPRESS

कोटा से उदयपुर की तरफ से जहां पर 389 सीट्स सीसी में है. इसकी ऑक्युपेंसी औसत करीब 64 सीट्स के आसपास ही आ रही है. यह फिलहाल 17 फीसदी के आसपास है. ईसी में 33 सीट्स अवेलेबल रहती है, इनकी ऑक्युपेंसी 16 के आसपास औसत आ रही है. ईसी में यह 50 फीसदी है.

पढ़ें: कोटा में 16 कोच की वंदे भारत मेट्रो ट्रेन का ट्रायल शुरू, 145 किमी की गति पर दौड़ाई

कोटा से आगरा तक किराए में अंतर: वंदे भारत एक्सप्रेस से कोटा से आगरा का किराया सीसी में 900 और ईसी में 1750 है. इसमें कैटरिंग चार्ज अलग है. जबकि इस रूट पर ही दूसरी चलने वाली कोटा पटना एक्सप्रेस में थर्ड एसी का किराया 645, सेकंड एसी का 915 और फर्स्ट एसी का 1525 है. ऐसे में कोटा पटना के सेकंड एसी व सीसी का किराया लगभग बराबर है. जबकि फर्स्ट एक से 225 रुपए ज्यादा ईसी का किराया है. इसी तरह से कोटा से उदयपुर का किराया वंदेभारत में सीसी का 750 और ईसी का 1470 रुपए है. जबकि मेवाड़ एक्सप्रेस में कोटा से उदयपुर का किराया थर्ड एसी में 555, सेकंड एसी में 760 और फर्स्ट एसी में 1255 रुपए है. ऐसे में उदयपुर का किराया सेकंड एसी में लगभग बराबर है, जबकि ईसी का किराया फर्स्ट एक से 215 रुपए ज्यादा है.

पढ़ें: वंदे भारत शुरू होने के पहले दिन ही विवाद, ट्रेन चलाने को लेकर हुआ हंगामा फिर मारपीट

दिल्ली या मुंबई की मिले सेवा: यात्री सुरेश जैन का कहना है कि कोटा से जो वंदे भारत ट्रेन चली है, वह आगरा और उदयपुर जा रही है. हमारे किसी मतलब की नहीं है. हमें तो दिल्ली या मुंबई जाना होता है. हमारा रूट ज्यादातर यही है. इसका किराया भी काफी ज्यादा है. नॉर्मल व्यक्ति इसको वहन नहीं कर पा रहा है, जो नॉर्मल किराए में जो ट्रेन है, हम उससे जाएंगे. दिल्ली-मुंबई रूट पर गाड़ी चलानी चाहिए, हमारे लिए बेस्ट रहेगा.

केवल आधे घंटे का अंतर: एक अन्य यात्री भरत शर्मा का कहना है कि वंदे भारत ट्रेन का किराया ज्यादा है. इस कारण से आम जनता उसको अफोर्ड नहीं कर पा रही है. सरकार किराए में कमी करे. अन्य एक्सप्रेस ट्रेन में फर्स्ट एसी से भी ज्यादा किराया वंदे भारत का है. हालांकि वंदे भारत ट्रेन समय दूसरी ट्रेन से कम ले रही है, लेकिन ज्यादा अंतर नहीं है. यह आधे या 1 घंटे पहले पहुंचा देती है, वहीं दूसरी ट्रेन में इतना समय ज्यादा लगता है.

रेलवे बोर्ड और मंत्री से करेंगे किराया कम करने की मांग: कोटा रेल मंडल की रेलवे उपयोगकर्ता सलाहकार समिति के सदस्य धीरज गुप्ता 'तेज' का कहना है कि कोटा से गुजरने वाली एकमात्र वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 30 फीसदी यात्रीभार पर चल रही है. इस ट्रेन के संचालन में रेलवे को काफी घाटा हो रहा है. यही स्थिति लगातार बनी रही तो भविष्य में ट्रेन का संचालन बंद भी हो सकता है. मैं रेलवे बोर्ड व रेल मंत्री से गुजारिश करूंगा कि ट्रेन के किराए को पुनः निर्धारित किया जाए.

उदयपुर और आगरा के लिए टाइम के हिसाब से काफी अच्छी कनेक्टिविटी और फैसिलिटी हो गई है. लोगों में ट्रेन के संबंध में जागरूकता जब बढ़ेगी और इसके संबंध में ज्यादा जानकारी आएगी तो यात्रीभार भी बढ़ेगा. मूल रूप से यह टूरिस्ट डेस्टिनेशन को जोड़ती है. ऐसे में टूरिस्ट सीजन आने वाला है. जिसमें ऑक्युपेंसी बढ़ जाएगी.

कोटा से आगरा की तरफ की बुकिंग

दिन सीसी (401) ईसी (35)
16 दिसम्बर 34231
19 दिसम्बर 375 19
21 दिसम्बर36929
23 दिसम्बर 339 24
26 दिसम्बर 35521
28 दिसम्बर 339 25
30 दिसम्बर 34430

कोटा से उदयपुर की तरफ की बुकिंग

दिन सीसी (389) ईसी (33)
16 दिसम्बर 296 3
19 दिसम्बर 37020
21 दिसम्बर33223
23 दिसम्बर30711
26 दिसम्बर 32114
28 दिसम्बर32522
30 दिसम्बर 33527
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