गौरेला पेंड्रा मरवाही : पेंड्रा में रेलवे की नौकरी लगाने के नाम पर युवक से 17 लाख की ठगी की गई थी.इस केस में कोर्ट ने आरोपी को दो साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.इस मामले में आरोपी ने पीड़ित को छह साल से ज्यादा समय तक पैसा देने के लिए घुमाया.लेकिन जब पैसा नहीं मिला तो पीड़ित ने थाने में शिकायत दर्ज करवाई.
क्या है मामला ?: पेंड्रा में करीब 9 साल पहले भर्रापारा निवासी युवक को रेलवे में असिस्टेंट लोको पायलट के पद पर नौकरी लगाने का झांसा दिया गया था. जिसमें आरोपी करण विश्वमोंगरे ने मार्च 2014 से 2016 तक अलग-अलग किस्तों में पैसे लिए थे. इसके लिए भर्रापारा निवासी दुर्गेश यादव को करण ने चूना लगाया था.आरोपी ने दुर्गेश को ये भी झांसा दिया कि रेलवे में नौकरी लगाने के बाद उसकी शादी भी करवा देगा.जिससे उसके पैसे वापस मिल जाएंगे. दुर्गेश ने सरकारी नौकरी के चक्कर में करण को 17 लाख रुपए, सोने की चेन समेत अन्य जेवर भी दे दिए.
दो साल बाद भी नहीं लगी नौकरी : दुर्गेश ने जब दो साल बीतने पर करण से नौकरी के पेपर के बारे में पूछा तो वो टालमटोल करने लगा. बाद में दुर्गेश ने आरोपी करण के खिलाफ पेंड्रा थाने में आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज करवाया. इस मामले की सुनवाई करते हुए राजस्व जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एकता अग्रवाल ने फैसला सुनाया है.जिसमें आरोपी करण विश्वमोगरे को 420 के आरोप में 2 साल के सश्रम कारावास और 2 हजार की अर्थदंड की सजा मिली है.अर्थदंड नहीं चुकाने पर दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.