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1984 सिख विरोधी दंगे के जनकपुरी मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ दो गवाहों ने बयान कराया दर्ज - Sajjan Kumar 1984 Sikh riots case

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 27, 2024, 8:43 PM IST

Sajjan Kumar 1984 Sikh riots case: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में मंगलवार को कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले में दो गवाहों के बयान दर्ज किए गए. 1984 सिख विरोधी दंगों के जनकपुरी मामले में ये बयान दर्ज किए गए .

सज्जन कुमार के खिलाफ दो गवाहों ने बयान कराया दर्ज
सज्जन कुमार के खिलाफ दो गवाहों ने बयान कराया दर्ज (ETV BHARAT)

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में मंगलवार को 1984 सिख विरोधी दंगों के जनकपुरी से जुड़े मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले में दो गवाहों के बयान दर्ज किए गए. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने अगली सुनवाई 27 सितंबर को करने का आदेश दिया.

आज दो गवाहों कंवलजीत कौर और डॉ. सतबीर बेदी के बयान दर्ज किए गए. दोनों का क्रॉस-एग्जामिनेशन सज्जन कुमार की ओर से पेश वकील ने किया. सुनवाई के दौरान सरकारी वकील मनीष रावत ने कहा कि एक गवाह बलविंदर कौर धालीवाल को बयान दर्ज करने के लिए समन जारी किया जाए. बलविंदर कौर धालीवाल फिलहाल फिरोजपुर में सीनियर डिवीजन सिविल जज हैं. धालीवाल ने अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत शिकायतकर्ता का बयान दर्ज किया था.

फिरोजपुर के डिस्ट्रिक्ट जज ने ई-मेल कर कहा है कि धालीवाल की गवाही से एक महीने पहले सूचना दी जाए और उनका बयान पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के वीडियो कांफ्रेंसिंग रुल्स के तहत वीडियो कांफ्रेंसिंग के करायी जाए. उसके बाद कोर्ट ने धालीवाल को 27 सितंबर को अपने बयान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दर्ज कराने का आदेश दिया.

सज्जन कुमार को आंखों से नहीं देखा थाः 19 जुलाई को गवाह तेजेंद्र सिंह के बयान दर्ज किए गए थे. इसके पहले 11 जनवरी को गवाह हरजीत कौर के बयान दर्ज किए गए थे. 7 दिसंबर 2023 को दो गवाहों तिलक राज नरुला और इंद्रजीत सिंह ने अपने बयान दर्ज कराए थे. 9 नवंबर 2023 को गवाह मंजीत कौर ने अपने बयान दर्ज कराए. अपने बयान में मंजीत कौर ने कहा कि मैंने भीड़ के लोगों से सुना था कि सज्जन कुमार भीड़ में शामिल थे. लेकिन सज्जन कुमार को आंखों से नहीं देखा था.

ये भी पढ़ें : हाईकोर्ट ने केंद्र को सिख विरोधी दंगे के पीड़ित को विलंबित मुआवजे पर ब्याज देने का दिया आदेश -

क्या है मामलाः दरअसल, 1984 सिख दंगे के दौरान जनकपुरी में दो सिखों सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की 1 नवंबर, 1984 को हत्या की गई थी. जबकि विकासपुरी पुलिस स्टेशन के इलाके में गुरुचरण सिंह को जला दिया गया. जिसकी वजह से उनकी मौत हुई थी. इन दोनों मामलों मे 2015 में एसआईटी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. इसके लिए मई 2018 में सज्जन कुमार का पॉलीग्राफ भी किया जा चुका है.

ये भी पढ़ें : 1984 सिख नरसंहार पीड़ितों को 400 यूनिट फ्री बिजली देती है दिल्ली सरकार, अब पीड़ितों का बनेगा यूनिक आइडेंटी कार्ड

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में मंगलवार को 1984 सिख विरोधी दंगों के जनकपुरी से जुड़े मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले में दो गवाहों के बयान दर्ज किए गए. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने अगली सुनवाई 27 सितंबर को करने का आदेश दिया.

आज दो गवाहों कंवलजीत कौर और डॉ. सतबीर बेदी के बयान दर्ज किए गए. दोनों का क्रॉस-एग्जामिनेशन सज्जन कुमार की ओर से पेश वकील ने किया. सुनवाई के दौरान सरकारी वकील मनीष रावत ने कहा कि एक गवाह बलविंदर कौर धालीवाल को बयान दर्ज करने के लिए समन जारी किया जाए. बलविंदर कौर धालीवाल फिलहाल फिरोजपुर में सीनियर डिवीजन सिविल जज हैं. धालीवाल ने अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत शिकायतकर्ता का बयान दर्ज किया था.

फिरोजपुर के डिस्ट्रिक्ट जज ने ई-मेल कर कहा है कि धालीवाल की गवाही से एक महीने पहले सूचना दी जाए और उनका बयान पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के वीडियो कांफ्रेंसिंग रुल्स के तहत वीडियो कांफ्रेंसिंग के करायी जाए. उसके बाद कोर्ट ने धालीवाल को 27 सितंबर को अपने बयान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दर्ज कराने का आदेश दिया.

सज्जन कुमार को आंखों से नहीं देखा थाः 19 जुलाई को गवाह तेजेंद्र सिंह के बयान दर्ज किए गए थे. इसके पहले 11 जनवरी को गवाह हरजीत कौर के बयान दर्ज किए गए थे. 7 दिसंबर 2023 को दो गवाहों तिलक राज नरुला और इंद्रजीत सिंह ने अपने बयान दर्ज कराए थे. 9 नवंबर 2023 को गवाह मंजीत कौर ने अपने बयान दर्ज कराए. अपने बयान में मंजीत कौर ने कहा कि मैंने भीड़ के लोगों से सुना था कि सज्जन कुमार भीड़ में शामिल थे. लेकिन सज्जन कुमार को आंखों से नहीं देखा था.

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क्या है मामलाः दरअसल, 1984 सिख दंगे के दौरान जनकपुरी में दो सिखों सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की 1 नवंबर, 1984 को हत्या की गई थी. जबकि विकासपुरी पुलिस स्टेशन के इलाके में गुरुचरण सिंह को जला दिया गया. जिसकी वजह से उनकी मौत हुई थी. इन दोनों मामलों मे 2015 में एसआईटी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. इसके लिए मई 2018 में सज्जन कुमार का पॉलीग्राफ भी किया जा चुका है.

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