वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में मुख्य पक्षकार राखी सिंह की तरफ से जिला न्यायालय में दाखिल की गई दो याचिकाओं पर अपर जिला जज अनिल कुमार (पंचम) की अदालत में मंगलवार को सुनवाई हुई. राखी सिंह की तरफ से सबसे पहली याचिका श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन को लेकर दाखिल की गई थी. जिसके बाद चार अन्य महिलाएं भी इस मामले में साथ में जुड़ गईं. इस प्रकरण के बाद राखी सिंह ने कई अन्य याचिकाएं भी दाखिल की हैं. जिसमें से एक व्यास जी के तहखाने के खुलने के बाद मौजूद अन्य आठ तहखानों के खोलने की भी डिमांड की गई है, जिस पर मंगलवार को न्यायालय में सुनवाई हुई. इसके अतिरिक्त राखी सिंह की तरफ से ज्ञानवापी परिसर की छत पर मुस्लिम समाज को जाने से रोकने और वहां नमाज न पढ़ने की याचिका भी दायर की गई है. इसके पीछे वजह छत का कमजोर होना बताया गया है, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अगली तारीख 11 अप्रैल को दी है. अब इस मामले पर 11 अप्रैल को सुनवाई होगी.
राखी सिंह के अधिवक्ता मन बहादुर सिंह अनुपम त्रिवेदी और सौरभ तिवारी ने ज्ञानवापी परिसर में मौजूद बंद तहखानों को खोलने की मांग करते हुए इसका सर्वेक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की तरफ से कराए जाने की डिमांड रखी है. जिस पर कोर्ट में सुनवाई हो रही है. वादी की तरफ से लगाए गए तहखानों के नक्शे और अन्य गुप्ता तहखानों के भी मौजूद होने की बात कही गई है. जिसकी जांच की अपील करते हुए इसे अनिवार्य बताया गया है. जिस पर कोर्ट ने याचिका को पिछले दिनों स्वीकार करते हुए दोनों पक्षों को सुनवाई के लिए नोटिस जारी किया था. भगवान आदि विशेश्वर विराजमान मुकदमे के संरक्षक और वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन का कहना है कि अभी ज्ञानवापी परिसर में कई राज छिपे हुए हैं. इन तहखानों के खुलने के बाद यह राज सामने आ जाएंगे. अभी तो सिर्फ 25% रहस्य ही सामने आया है जबकि 75% बाकी है.
वहीं ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास तहखाने की छत की मरम्मत और पुराने खंभे सहित पिलर्स के खराब होने के बाद इस पर नमाजियों को रोकने की याचिका भी राखी सिंह ने दाखिल की है, जिस पर भी आज सुनवाई होगी.