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उत्तराखंड में लगा रिश्वतखोरी का 'घुन', 48 घंटे के भीतर दो घूसखोर हुए गिरफ्तार, अभी कई रडार पर - Bribe Taker Arrested in Uttarakhand

उत्तराखंड में रिश्वतखोरों पर विजिलेंस का शिकंजा, पौड़ी और चमोली से 2 घूसखोरों को रंगे हाथ किया गिरफ्तार

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

BRIBE TAKER ARRESTED IN UTTARAKHAND
उत्तराखंड में रिश्वतखोरी (फोटो- ETV Bharat GFX)

देहरादून: उत्तराखंड में रिश्वतखोरी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसे में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ विजिलेंस की कार्रवाई लगातार जारी है. यही वजह है कि आए दिन कहीं न कहीं से घूसखोर अधिकारी या कर्मचारी गिरफ्तार हो रहे हैं. बीती 48 घंटे के भीतर विजिलेंस ने पौड़ी और चमोली जिले से दो रिश्वतखोरों को रंगे हाथ दबोचा है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस पैमाने पर रिश्वतखोरी का खेल चल रहा है. उधर, रिश्वतखोरी के मामले को लेकर सीएम धानी ने सख्त रुख अपनाते हुए कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है.

पौड़ी में रिश्वतखोर राजस्व निरीक्षक ₹15 हजार की घूस लेते धरा: बीती 5 अक्टूबर को विजिलेंस की टीम ने पौड़ी जिले के अगरोडा में तैनात राजस्व उपनिरीक्षक (पटवारी) को 15 हजार रुपए की घूस लेते हुए रंगे हाथों दबोचा था. इस मामले के तहत खातेदार (शिकायतकर्ता) अपने पिता के नाम दर्ज जमीन के सीमांकन और उसकी आख्या बनाने के लिए पटवारी के पास पहुंचा था, लेकिन आरोपी राजस्व उपनिरीक्षक काम करवाने के एवज में रिश्वत की मांग कर रहा था.

ऐसे में खातेदार ने इसकी शिकायत विजिलेंस से कर दी. जिसके बाद विजिलेंस की टीम ने जाल बिछाकर अगरोड़ा के राजस्व उपनिरीक्षक कैलाश रवि को घूस लेते हुए गिरफ्तार कर लिया. उधर, पौड़ी जिलाधिकारी आशीष चौहान का कहना है कि विजिलेंस की जांच के बाद राजस्व निरीक्षक पर विभागीय जांच भी की जा रही है.

कर्णप्रयाग में आबकारी निरीक्षक ₹30 हजार की घूस लेते गिरफ्तार: वहीं, पौड़ी के बाद 6 अक्टूबर को चमोली जिले के कर्णप्रयाग क्षेत्र के आबकारी निरीक्षक जयवीर सिंह को भी विजिलेंस की टीम ने 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में पीड़ित ने विजिलेंस से शिकायत की थी कि उसकी गैरसैंण में अंग्रेजी शराब की दुकान है. जबकि, उनकी एक सब दुकान बोईताल में है, जिसे उसका पार्टनर चला रहा है.

पीड़ित का आरोप था कि नियमित रूप से राजस्व देने के बावजूद भी निकासी पास न होने का डर दिखाकर आबकारी निरीक्षक जयवीर सिंह उनसे लगातार रिश्वत मांग रहा है. इस शिकायत के आधार सतर्कता सेक्टर देहरादून की टीम कर्णप्रयाग पहुंची और आरोपी आबकारी निरीक्षक को घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. वहीं, बीते 48 घंटो में विजिलेंस की ओर से 2 बड़ी गिरफ्तारियों से सीएम धामी के भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की मुहिम और तेज हो गई है.

3 साल के भीतर 70 घूसखोरों को हो चुकी जेल: उत्तराखंड में विजिलेंस की टीम भ्रष्टाचारियों पर लगातार शिकंजा कस रही है. कई भ्रष्टाचारियों को विजिलेंस की टीम सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है. अगर आपसे भी कोई अधिकारी या कर्मचारी किसी काम को करने के एवज में रिश्वत की मांग करता है तो उसकी शिकायत सीधे विजिलेंस से कर सकते हैं. जिसमें शिकायतकर्ता का नाम भी गोपनीय रखा जाता है. भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों के लिए 'भ्रष्टाचार मुक्त ऐप 1064' भी लॉन्च किया गया है. इस ऐप के जरिए अभी तक 980 से ज्यादा विजिलेंस और नॉन विजिलेंस की शिकायतों दर्ज हो चुकी हैं.

जबकि, बीते 9 महीने के भीतर विजिलेंस की टीम करीब 30 रिश्वतखोरों को जेल भेज चुकी है. बीते 48 घंटे के भीतर दो घूसखोंरों की गिरफ्तारी से यह आंकड़ा 32 के करीब पहुंच गया है. वहीं, अभी तक भ्रष्टाचार से जुड़े 281 ट्रैप में 303 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. वहीं, बीते 3 सालों में विजिलेंस ने करीब 70 भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने का काम किया है. वहीं, इन टोल फ्री नंबर 0164 या फिर व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

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देहरादून: उत्तराखंड में रिश्वतखोरी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसे में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ विजिलेंस की कार्रवाई लगातार जारी है. यही वजह है कि आए दिन कहीं न कहीं से घूसखोर अधिकारी या कर्मचारी गिरफ्तार हो रहे हैं. बीती 48 घंटे के भीतर विजिलेंस ने पौड़ी और चमोली जिले से दो रिश्वतखोरों को रंगे हाथ दबोचा है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस पैमाने पर रिश्वतखोरी का खेल चल रहा है. उधर, रिश्वतखोरी के मामले को लेकर सीएम धानी ने सख्त रुख अपनाते हुए कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है.

पौड़ी में रिश्वतखोर राजस्व निरीक्षक ₹15 हजार की घूस लेते धरा: बीती 5 अक्टूबर को विजिलेंस की टीम ने पौड़ी जिले के अगरोडा में तैनात राजस्व उपनिरीक्षक (पटवारी) को 15 हजार रुपए की घूस लेते हुए रंगे हाथों दबोचा था. इस मामले के तहत खातेदार (शिकायतकर्ता) अपने पिता के नाम दर्ज जमीन के सीमांकन और उसकी आख्या बनाने के लिए पटवारी के पास पहुंचा था, लेकिन आरोपी राजस्व उपनिरीक्षक काम करवाने के एवज में रिश्वत की मांग कर रहा था.

ऐसे में खातेदार ने इसकी शिकायत विजिलेंस से कर दी. जिसके बाद विजिलेंस की टीम ने जाल बिछाकर अगरोड़ा के राजस्व उपनिरीक्षक कैलाश रवि को घूस लेते हुए गिरफ्तार कर लिया. उधर, पौड़ी जिलाधिकारी आशीष चौहान का कहना है कि विजिलेंस की जांच के बाद राजस्व निरीक्षक पर विभागीय जांच भी की जा रही है.

कर्णप्रयाग में आबकारी निरीक्षक ₹30 हजार की घूस लेते गिरफ्तार: वहीं, पौड़ी के बाद 6 अक्टूबर को चमोली जिले के कर्णप्रयाग क्षेत्र के आबकारी निरीक्षक जयवीर सिंह को भी विजिलेंस की टीम ने 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में पीड़ित ने विजिलेंस से शिकायत की थी कि उसकी गैरसैंण में अंग्रेजी शराब की दुकान है. जबकि, उनकी एक सब दुकान बोईताल में है, जिसे उसका पार्टनर चला रहा है.

पीड़ित का आरोप था कि नियमित रूप से राजस्व देने के बावजूद भी निकासी पास न होने का डर दिखाकर आबकारी निरीक्षक जयवीर सिंह उनसे लगातार रिश्वत मांग रहा है. इस शिकायत के आधार सतर्कता सेक्टर देहरादून की टीम कर्णप्रयाग पहुंची और आरोपी आबकारी निरीक्षक को घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. वहीं, बीते 48 घंटो में विजिलेंस की ओर से 2 बड़ी गिरफ्तारियों से सीएम धामी के भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की मुहिम और तेज हो गई है.

3 साल के भीतर 70 घूसखोरों को हो चुकी जेल: उत्तराखंड में विजिलेंस की टीम भ्रष्टाचारियों पर लगातार शिकंजा कस रही है. कई भ्रष्टाचारियों को विजिलेंस की टीम सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है. अगर आपसे भी कोई अधिकारी या कर्मचारी किसी काम को करने के एवज में रिश्वत की मांग करता है तो उसकी शिकायत सीधे विजिलेंस से कर सकते हैं. जिसमें शिकायतकर्ता का नाम भी गोपनीय रखा जाता है. भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों के लिए 'भ्रष्टाचार मुक्त ऐप 1064' भी लॉन्च किया गया है. इस ऐप के जरिए अभी तक 980 से ज्यादा विजिलेंस और नॉन विजिलेंस की शिकायतों दर्ज हो चुकी हैं.

जबकि, बीते 9 महीने के भीतर विजिलेंस की टीम करीब 30 रिश्वतखोरों को जेल भेज चुकी है. बीते 48 घंटे के भीतर दो घूसखोंरों की गिरफ्तारी से यह आंकड़ा 32 के करीब पहुंच गया है. वहीं, अभी तक भ्रष्टाचार से जुड़े 281 ट्रैप में 303 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. वहीं, बीते 3 सालों में विजिलेंस ने करीब 70 भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने का काम किया है. वहीं, इन टोल फ्री नंबर 0164 या फिर व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

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