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पाकुड़ में समुदाय विशेष के लोगों ने आदिवासी परिवार पर किया हमला, जमीन को लेकर हुआ विवाद, भाजपा ने बताया लैंड जिहाद, धारा 144 लागू - fight over land dispute in Pakur

Attack on tribal family in Pakur. पाकुड़ के गायबथान गांव में एक पक्ष के लोगों पर आदिवासियों की जमीन पर जबरन हक जमाने और मारपीट का आरोप लगा है. जमीन विवाद में दोनों पक्षों के बीच मारपीट हुई, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं. पुलिस गांव में कैंप कर रही है.

Attack on tribal family in Pakur
गांव में कैंप करते पुलिस अधिकारी (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 20, 2024, 10:05 AM IST

पाकुड़: जिले के महेशपुर में जमीन विवाद को लेकर मारपीट का मामला सामने आया है. इस मामले को भाजपा की ओर से लैंड जिहाद करार दिया गया है. वहीं गांव के प्रधान ने आरोप लगाया कि विशेष समुदाय के लोग जबरन आदिवासी जमीन पर अपना हक जताने लगे, जिसके बाद यह विवाद हुआ. विवाद के बाद बिगड़ती स्थिति को देखते हुए धारा 144 लागू कर दी गई है. पूरे इलाके में पुलिस कैंप कर रही है. पूरी घटना महेशपुर थाना क्षेत्र के गायबथान गांव की है.

जमीन विवाद को लेकर मारपीट (ईटीवी भारत)

दरअसल, गायबथान गांव में जमीन विवाद को लेकर दो गुटों में जमकर मारपीट हुई. इस घटना में दो लोगों को आंशिक तथा चार लोगों को गंभीर चोटें आई हैं. घायलों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. सूचना मिलते ही महेशपुर थाने की पुलिस पहुंची और मामले को शांत कराया. पुलिस ने घटना के बारे में ग्रामीणों के साथ-साथ घायलों से भी पूछताछ की.

"गांव के दंदु हेम्ब्रम की जमीन पर सफारुद्दीन अंसारी और कलीमुद्दीन अंसारी सहित अन्य लोग मालिकाना हक का दावा कर रहे थे. जब जमीन मालिक दंदु और परमेश्वर हेम्ब्रम ने इसका विरोध किया तो दूसरे पक्ष के दर्जनों लोग जुट गए और उन हमला कर दिया. इस दौरान चार लोगों को गंभीर चोटें आईं." - गणेश मुर्मू, ग्राम प्रधान, गायबथान गांव

ग्रामीणों के अनुसार सफारुद्दीन यह कहकर जमीन पर मालिकाना हक का दावा कर रहा था कि उसके परिजन रहमतुल्लाह अंसारी को निमाई हेम्ब्रम ने चार कट्ठा जमीन दी थी. जिस पर वे मकान बनाकर रहते थे, लेकिन रहमतुल्लाह की मौत के बाद उनका परिवार गांव छोड़कर चला गया.

"यह जमीन दंदु हेम्ब्रम और परमेश्वर हेम्ब्रम की है. जब वे उस जमीन पर घर बना रहे थे, तभी सफारुद्दीन और कलीमुद्दीन समेत कई लोग वहां पहुंचे, वहां तोड़फोड़ करने लगे. लोगों ने दंदु और परमेश्वर हेंब्रम के साथ मारपीट भी की." - गणेश मुर्मू, ग्राम प्रधान, गायबथान गांव

घटना के बाद दोनों पक्षों की ओर से थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई है. घटना में एक पक्ष से दंदु हेम्ब्रम, परमेश्वर हेम्ब्रम, होपनी मरांडी, रानी मरांडी और दूसरे पक्ष से समीना बीबी, कलीमुद्दीन अंसारी, सफारुद्दीन अंसारी घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है. वहीं घटना के बाद इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है. पुलिस गांव में कैंप किए हुए हैं.

"जमीन विवाद को लेकर धारा 144 लागू कर दी गई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. फिलहाल इलाके में शांति है. महेशपुर पुलिस के अनुसार जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था, जिसे शांत करा दिया गया है. घटना में एक-दो लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है. पुलिस गांव में कैंप कर रही है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रही है." - संजय सिन्हा, अंचलाधिकारी

वहीं आदिवासी जमीन पर जबरन कब्जा और मारपीट की सूचना मिलने पर पूर्व विधायक और भाजपा नेता मिस्त्री सोरेन अपने कार्यकर्ताओं के साथ गायबथान गांव पहुंचे. उन्होंने पुलिस प्रशासन से हमलावरों की पहचान कर कार्रवाई की मांग की. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस मामले को लैंड जिहाद करार दिया है. उन्होंने दूसरे पक्ष के लोगों को घुसपैठिया बताया है. साथ ही इस मामले में हेमंत सोरेन सरकार पर भी निशाना साधा है.

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जमीन विवाद को लेकर मारपीट (ईटीवी भारत)

दरअसल, गायबथान गांव में जमीन विवाद को लेकर दो गुटों में जमकर मारपीट हुई. इस घटना में दो लोगों को आंशिक तथा चार लोगों को गंभीर चोटें आई हैं. घायलों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. सूचना मिलते ही महेशपुर थाने की पुलिस पहुंची और मामले को शांत कराया. पुलिस ने घटना के बारे में ग्रामीणों के साथ-साथ घायलों से भी पूछताछ की.

"गांव के दंदु हेम्ब्रम की जमीन पर सफारुद्दीन अंसारी और कलीमुद्दीन अंसारी सहित अन्य लोग मालिकाना हक का दावा कर रहे थे. जब जमीन मालिक दंदु और परमेश्वर हेम्ब्रम ने इसका विरोध किया तो दूसरे पक्ष के दर्जनों लोग जुट गए और उन हमला कर दिया. इस दौरान चार लोगों को गंभीर चोटें आईं." - गणेश मुर्मू, ग्राम प्रधान, गायबथान गांव

ग्रामीणों के अनुसार सफारुद्दीन यह कहकर जमीन पर मालिकाना हक का दावा कर रहा था कि उसके परिजन रहमतुल्लाह अंसारी को निमाई हेम्ब्रम ने चार कट्ठा जमीन दी थी. जिस पर वे मकान बनाकर रहते थे, लेकिन रहमतुल्लाह की मौत के बाद उनका परिवार गांव छोड़कर चला गया.

"यह जमीन दंदु हेम्ब्रम और परमेश्वर हेम्ब्रम की है. जब वे उस जमीन पर घर बना रहे थे, तभी सफारुद्दीन और कलीमुद्दीन समेत कई लोग वहां पहुंचे, वहां तोड़फोड़ करने लगे. लोगों ने दंदु और परमेश्वर हेंब्रम के साथ मारपीट भी की." - गणेश मुर्मू, ग्राम प्रधान, गायबथान गांव

घटना के बाद दोनों पक्षों की ओर से थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई है. घटना में एक पक्ष से दंदु हेम्ब्रम, परमेश्वर हेम्ब्रम, होपनी मरांडी, रानी मरांडी और दूसरे पक्ष से समीना बीबी, कलीमुद्दीन अंसारी, सफारुद्दीन अंसारी घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है. वहीं घटना के बाद इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है. पुलिस गांव में कैंप किए हुए हैं.

"जमीन विवाद को लेकर धारा 144 लागू कर दी गई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. फिलहाल इलाके में शांति है. महेशपुर पुलिस के अनुसार जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था, जिसे शांत करा दिया गया है. घटना में एक-दो लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है. पुलिस गांव में कैंप कर रही है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रही है." - संजय सिन्हा, अंचलाधिकारी

वहीं आदिवासी जमीन पर जबरन कब्जा और मारपीट की सूचना मिलने पर पूर्व विधायक और भाजपा नेता मिस्त्री सोरेन अपने कार्यकर्ताओं के साथ गायबथान गांव पहुंचे. उन्होंने पुलिस प्रशासन से हमलावरों की पहचान कर कार्रवाई की मांग की. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस मामले को लैंड जिहाद करार दिया है. उन्होंने दूसरे पक्ष के लोगों को घुसपैठिया बताया है. साथ ही इस मामले में हेमंत सोरेन सरकार पर भी निशाना साधा है.

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