सिरमौर: हर इंसान को घूमने का शौक रहता है. कुछ लोग शौकिया तौर पर घूमने निकलते हैं, तो कोई सामाजिक कार्यों को लेकर यात्रा करते हैं. लोगों को प्लास्टिक मुक्त समाज का संदेश देने के लिए देश के दो अलग-अलग राज्यों के 2 युवक भी साइकिल पर इंडिया-नेपाल और भूटान की यात्रा पर निकले हैं. हालांकि साइकिल से यात्रा करना आसान काम नहीं है, लेकिन इसके बावजूद यह दो जुनूनी युवक अपने लक्ष्य को साधने के लिए अपने घरों से निकले हुए हैं. इनमें से एक युवक असम और दूसरा कर्नाटक से संबंध रखता है. दोनों आपस में अच्छे दोस्त हैं. इन दोनों दोस्तों की जोड़ी ने ठान रखा है कि जिस संदेश को लेकर वह निकले हैं, उसे देश के हर कोने के साथ-साथ पड़ोसी भूटान और नेपाल तक लेकर जाएंगे.
लिहाजा करीब 7 महीने पहले इन दोनों युवाओं ने तमिलनाडु से एक साथ अपनी यह साइकिल यात्रा शुरू की थी. भूटान से भारत के विभिन्न राज्यों से होते हुए दोनों युवक रविवार देर शाम हिमाचल के नाहन शहर में पहुंचे. ये दोनों अब तक करीब 10 हज़ार किलोमीटर का सफर साइकिल पर ही तय कर चुके है. इस यात्रा का मकसद सिर्फ एक दूसरे की संस्कृति को जानने-समझने और उसके प्रसार सहित प्लास्टिक मुक्त समाज का संदेश देना है. 24 वर्षीय दलीप छेत्री निवासी असम ने बताया कि उन्होंने अपने दोस्त के साथ करीब 7 माह पहले तमिलनाडु से साइकिल पर यात्रा शुरू की थी. भूटान सहित देश के अधिकतर राज्यों का भ्रमण कर वह हिमाचल पहुंचे है. अब तक करीब 10 हजार किलोमीटर का सफर कर चुके है. उनकी यात्रा का उद्देश्य एक दूसरे की संस्कृति को जानने-समझने और प्रसार सहित प्लास्टिक मुक्त समाज का संदेश देना है.
भूटान सहित कई राज्यों की कर चुके हैं यात्रा
दोनों दोस्तों ने बताया कि वह बिना पैसों के ही यह यात्रा कर रहे हैं. मंदिरों आदि में रात का ठहराव करते हैं और दिन में यात्रा करते हैं. दलीप छेत्री ने बताया कि भूटान तक वह यात्रा कर चुके हैं और देश के कई राज्यों से होते हुए वह अब हिमाचल पहुंचे हैं. यहां से वह शिमला जाएंगे और करीब एक माह तक हिमाचल का ही भ्रमण कर यहां के कल्चर को समझेंगे और लोगों को अपनी यात्रा के मकसद को लेकर जागरूक करेंगे. इसके बाद वह जम्मू कश्मीर और बाद में पंजाब जाएंगे. यात्रा के अनुभव को लेकर पूछे सवाल पर दलीप छेत्री ने कहा कि इस दौरान बहुत अच्छे लोग भी मिल रहे हैं और कुछ नकारात्मक कमेंट भी करते है, लेकिन वह अपना कर्म करते जा रहे हैं, ताकि उनकी यात्रा सफल हो सके.
दो साल में पूरी होगी यात्रा
वहीं, दलीप छेत्री के साथ यात्रा में शामिल 26 वर्षीय संतोष नायक निवासी चित्रादुर्गा कर्नाटक ने भी बताया कि उनकी इस यात्रा को 7 महीने पूरे हो चुके हैं. भूटान के बाद कर्नाटक, राजस्थान, गुजरात सहित कई राज्यों के सफर तय कर यहां पहुंचे हैं. उनकी यह यात्रा कुल दो वर्षों में पूरी होगी, जिसमें से 7 महीने का समय हो चुका है. लोगों को जागरूक करना ही उनकी यात्रा का मकसद है. कुल मिलाकर साइकिल पर देश का तिरंगा झंडा लगाकर यात्रा पर निकले इन दोनों युवाओं का जज्बा देखते ही बनता है. महीनों से अपने घरों से दूर ये दोनों युवा हिमाचल में करीब एक माह का भ्रमण करने के उपरांत जम्मू कश्मीर में दाखिल होंगे, जहां से वह अपने अगले पड़ाव के लिए निकलेंगे.