नई दिल्ली: गाजियाबाद में वकीलों द्वारा सड़क जाम और गाड़ी को नुकसान पहुंचाने के मामले में पुलिस ने दो अलग-अलग शिकायतों के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की है. इस घटना में आम जनता और मरीजों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, जबकि एक गाड़ी को भी क्षति पहुंचाई गई.
एफआईआर में क्या दर्ज कराया गया
पहली शिकायत तरुण तोमर ने दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने बताया कि 11 नवंबर को दोपहर 12:30 बजे के करीब, वे राजनगर एक्सटेंशन से नवयुग मार्केट की ओर जा रहे थे. वहां पहुंचने पर उन्होंने देखा कि बड़ी संख्या में वकीलों ने दोनों ओर की सड़क को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया था. इससे आने-जाने वाले लोग, मरीजों के तीमारदार और आम जनता को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा.
तोमर का कहना है कि कई गंभीर मरीज इस ब्लॉक के कारण समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सके, जिससे उनकी जान को खतरा उत्पन्न हो गया. तोमर ने वकीलों पर आरोप लगाया कि उनका यह ब्लॉक करना न केवल सार्वजनिक व्यवस्था में बाधा उत्पन्न कर रहा था, बल्कि आम लोगों की आवाजाही को भी रोक रहा था.
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धक्का-मुक्की का आरोप
दूसरी शिकायत दुर्वेश चंद शर्मा, निवासी प्रताप विहार, गाजियाबाद ने दर्ज कराई है. उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि जब वे अपनी कार से राजनगर से मोहन नगर की ओर जा रहे थे, तो कचहरी के पास के सर्विस रोड पर कुछ अज्ञात वकीलों ने उनकी गाड़ी को रोक लिया. दुर्वेश का आरोप है कि वकीलों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की और उनकी कार के फ्रंट शीशे को ईंट-पत्थरों से तोड़ दिया. उन्होंने बड़ी मुश्किल से वहां से भागकर अपनी जान बचाई और कविनगर थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई.
पुलिस ने इन दोनों घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए दो एफआईआर दर्ज की हैं और मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस का कहना है कि घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की जा रही है ताकि आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके. आरोप है कि इन गतिविधियों ने न केवल नागरिकों की सुरक्षा को प्रभावित किया है, बल्कि सार्वजनिक व्यवस्था को भी चुनौती दी है.
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