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पलामू में दो बाल मजदूरों को कराया गया मुक्त, समोसा-बिरयानी दुकान में काम कर रहे थे नाबालिग - Two Child Laborers Were Freed

Child Laborers Campaign. पलामू में बाल श्रम के खिलाफ शुरू किए अभियान के तहत सोमवार को दो बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया है. इसके बाद दोनों को बाल गृह में भेज दिया गया है. पुलिस के मुताबिक, यह अभियान अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा.

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कॉन्सेप्ट इमेज (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 10, 2024, 10:30 PM IST

पलामू: जिले में बाल श्रम के खिलाफ अभियान की शुरुआत की गई है. अभियान के तहत सोमवार की शाम को पलामू के विभिन्न इलाकों में छापेमारी की गई. इस दौरान दो बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया गया है. इनमें से एक श्रमिक पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर के जिला स्कूल चौक पर समोसे की दुकान जबकि एक अन्य बाल श्रमिक सद्दीक मंजिल चौक पर बिरयानी दुकान पर काम कर रहा था.

पुलिस के मुताबिक, दोनों बाल श्रमिकों को मुक्त करवाने के बाद बाल गृह में भेजा दिया गया है. जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश कुमार ने बताया कि यह अभियान बाल श्रम के खिलाफ शुरुआत की गई है, जो अगले कुछ दिनों तक अभियान जारी रहेगा. दरअसल, छापेमारी टीम को यह सूचना मिली थी कि कई प्रतिष्ठानों में बाल श्रमिकों से मजदूरी करवाई जा रही है. इसी सूचना के आधार पर छापेमारी की गई.

पिछले साल 12 से अधिक बाल मजदूरों को कराया गया मुक्त

इस दौरान दो बाल श्रमिक को मुक्त करवाया गया है. दोनों मुक्त बाल श्रमिकों में से एक बाल श्रमिक पलामू के मनातू थाना क्षेत्र जबकि दूसरा चैनपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला है. दोनों नाबालिग से बेहद ही कम रुपयों पर मजदूरी करवाई जा रही थी. छापेमारी टीम ने दोनों के परिजनों को सूचना दिया है और दस्तावेज के साथ बुलाया है.

जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी ने आगे बताया कि दोनों बच्चों की उम्र का सत्यापन होने के बाद दोनों प्रतिष्ठानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाएगा और जुर्माना भी लगाया जाएगा. इसके पहले साल 2023 में पलामू में एक दर्जन से अधिक बाल मजदूरों को मुक्त करवाया गया था. इसमें सबसे अधिक बाल श्रमिक पलामू के मनातू और चैनपुर के इलाके के रहने वाले थे.

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पलामू: जिले में बाल श्रम के खिलाफ अभियान की शुरुआत की गई है. अभियान के तहत सोमवार की शाम को पलामू के विभिन्न इलाकों में छापेमारी की गई. इस दौरान दो बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया गया है. इनमें से एक श्रमिक पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर के जिला स्कूल चौक पर समोसे की दुकान जबकि एक अन्य बाल श्रमिक सद्दीक मंजिल चौक पर बिरयानी दुकान पर काम कर रहा था.

पुलिस के मुताबिक, दोनों बाल श्रमिकों को मुक्त करवाने के बाद बाल गृह में भेजा दिया गया है. जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश कुमार ने बताया कि यह अभियान बाल श्रम के खिलाफ शुरुआत की गई है, जो अगले कुछ दिनों तक अभियान जारी रहेगा. दरअसल, छापेमारी टीम को यह सूचना मिली थी कि कई प्रतिष्ठानों में बाल श्रमिकों से मजदूरी करवाई जा रही है. इसी सूचना के आधार पर छापेमारी की गई.

पिछले साल 12 से अधिक बाल मजदूरों को कराया गया मुक्त

इस दौरान दो बाल श्रमिक को मुक्त करवाया गया है. दोनों मुक्त बाल श्रमिकों में से एक बाल श्रमिक पलामू के मनातू थाना क्षेत्र जबकि दूसरा चैनपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला है. दोनों नाबालिग से बेहद ही कम रुपयों पर मजदूरी करवाई जा रही थी. छापेमारी टीम ने दोनों के परिजनों को सूचना दिया है और दस्तावेज के साथ बुलाया है.

जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी ने आगे बताया कि दोनों बच्चों की उम्र का सत्यापन होने के बाद दोनों प्रतिष्ठानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाएगा और जुर्माना भी लगाया जाएगा. इसके पहले साल 2023 में पलामू में एक दर्जन से अधिक बाल मजदूरों को मुक्त करवाया गया था. इसमें सबसे अधिक बाल श्रमिक पलामू के मनातू और चैनपुर के इलाके के रहने वाले थे.

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