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हल्द्वानी ज्वेलर्स रंगदारी केस: फिरौती लेने आ रहे दो आरोपी अरेस्ट, लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम से मांगी थी फिरौती, खुद को बताया सिद्धू मूसेवाला का हत्यारा - Haldwani Jeweller Ransom Case - HALDWANI JEWELLER RANSOM CASE

Haldwani Jeweller Ransom Case, Lawrence Bishnoi Gang: नैनीताल पुलिस ने हल्द्वानी के आभूषण कारोबारी से रंगदारी मांगने के मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया है. वहीं, मामले में पंजाब पुलिस एक आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

2 accused arrested in Ransom case
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 16, 2024, 5:48 PM IST

हल्द्वानी: क्षेत्र के प्रसिद्ध आभूषण कारोबारी से रंगदारी मांगने के मामले में नैनीताल पुलिस ने 2 आरोपियों को टांडा जंगल के पास से गिरफ्तार किया है, जबकि एक आरोपी को पंजाब पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी उस वक्त हुई, जब वो हल्द्वानी फिरौती लेने आ रहे थे. दोनों आरोपियों को पुलिस ने रुद्रपुर-हल्द्वानी मार्ग पर टांडा जंगल से गिरफ्तार किया. पकड़े गए आरोपियों को न्यायालय के सामने पेश किया गया.

एसपी सिटी प्रकाश चंद ने बताया कि हल्द्वानी के पटेल चौक स्थित सुरेश संस ज्वेलर्स के मालिक अंकुर अग्रवाल ने बीती 27 जून को FIR दर्ज करवाई थी कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर उनसे एक लाख रुपये की फिरौती मांगी गई है. मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक आरोपी को पंजाब पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है.

पकड़े गए आरोपी देवेंद्र जाटव उर्फ रॉकी (निवासी दिल्ली) और नागेंद्र चौहान (निवासी हल्द्वानी) हैं, जबकि पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया आरोपी सोनू तिवारी (पंजाब निवासी) है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच के बाद इसके तार दिल्ली और पंजाब गैंग से जुड़े हैं. पंजाब के रहने वाले सोनू तिवारी ने खुद को सिद्धू मूसेवाला का हत्यारा बताते हुए व्हाट्सएप पर रंगदारी मांगी थी.

प्रकाश चंद ने बताया कि आरोपियों ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर आभूषण कारोबारी से व्हाट्सएप पर फिरौती मांगी थी. एसपी सिटी प्रकाश चंद ने मामले का खुलासा किया है. गैंगस्टर का नाम सामने आने पर हल्द्वानी पुलिस ने मामले की जांच टीपीनगर चौकी इंचार्ज दीपक बिष्ट को सौंपी. पुलिस जांच में पता चला कि धमकी देने वाले नंबर की लोकेशन दिल्ली और पंजाब में मिली. व्हाट्सएप से मिली सूचना के आधार पर पता चला कि पंजाब के मोहाली जिले के डेराबस्सी में रहने वाला सोनू कुमार इस नंबर को व्हाट्सएप के लिए इस्तेमाल करता है.

डेराबस्सी पहुंचने पर पता चला कि पंजाब पुलिस ने सोनू को बीती 12 जुलाई को गिरफ्तार किया है. वहीं पुलिस हिरासत में उससे हल्द्वानी केस को लेकर पूछताछ हुई. सोनू से पुलिस को जानकारी मिली कि आभूषण कारोबारी अंकुर अग्रवाल का नंबर उसको देवेंद्र जाटव ने दिया था और देवेंद्र को नागेंद्र चौहान ने ही रेकी के बाद सारी जानकारी दी थी. सोनू से मिली लीड को फॉलो करते हुए पुलिस को पता चला कि देवेंद्र और नागेंद्र फिरौती लेने हल्द्वानी पहुंच रहे हैं. इसी लीड के तहत पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.

अब पुलिस इन तीनों आरोपियों का लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ कनेक्शन तलाशने में जुट गई है. उन्होंने कहा कि पूछताछ में आरोपियों ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य बताया है, इसलिए हल्द्वानी और आसपास के अन्य लोगों के साथ जुड़े होने के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. आरोपियों की जांच में पुलिस को पता चला कि नागेंद्र चौहान पहले साइबर कैफे चलाता था लेकिन कर्ज से परेशान था. वो सोशल मीडिया के जरिए लारेंस बिश्नोई पेज से जुड़ा. वहां से देवेंद्र से उसकी पहचान हुई.

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एसपी सिटी प्रकाश चंद ने बताया कि हल्द्वानी के पटेल चौक स्थित सुरेश संस ज्वेलर्स के मालिक अंकुर अग्रवाल ने बीती 27 जून को FIR दर्ज करवाई थी कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर उनसे एक लाख रुपये की फिरौती मांगी गई है. मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक आरोपी को पंजाब पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है.

पकड़े गए आरोपी देवेंद्र जाटव उर्फ रॉकी (निवासी दिल्ली) और नागेंद्र चौहान (निवासी हल्द्वानी) हैं, जबकि पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया आरोपी सोनू तिवारी (पंजाब निवासी) है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच के बाद इसके तार दिल्ली और पंजाब गैंग से जुड़े हैं. पंजाब के रहने वाले सोनू तिवारी ने खुद को सिद्धू मूसेवाला का हत्यारा बताते हुए व्हाट्सएप पर रंगदारी मांगी थी.

प्रकाश चंद ने बताया कि आरोपियों ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर आभूषण कारोबारी से व्हाट्सएप पर फिरौती मांगी थी. एसपी सिटी प्रकाश चंद ने मामले का खुलासा किया है. गैंगस्टर का नाम सामने आने पर हल्द्वानी पुलिस ने मामले की जांच टीपीनगर चौकी इंचार्ज दीपक बिष्ट को सौंपी. पुलिस जांच में पता चला कि धमकी देने वाले नंबर की लोकेशन दिल्ली और पंजाब में मिली. व्हाट्सएप से मिली सूचना के आधार पर पता चला कि पंजाब के मोहाली जिले के डेराबस्सी में रहने वाला सोनू कुमार इस नंबर को व्हाट्सएप के लिए इस्तेमाल करता है.

डेराबस्सी पहुंचने पर पता चला कि पंजाब पुलिस ने सोनू को बीती 12 जुलाई को गिरफ्तार किया है. वहीं पुलिस हिरासत में उससे हल्द्वानी केस को लेकर पूछताछ हुई. सोनू से पुलिस को जानकारी मिली कि आभूषण कारोबारी अंकुर अग्रवाल का नंबर उसको देवेंद्र जाटव ने दिया था और देवेंद्र को नागेंद्र चौहान ने ही रेकी के बाद सारी जानकारी दी थी. सोनू से मिली लीड को फॉलो करते हुए पुलिस को पता चला कि देवेंद्र और नागेंद्र फिरौती लेने हल्द्वानी पहुंच रहे हैं. इसी लीड के तहत पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.

अब पुलिस इन तीनों आरोपियों का लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ कनेक्शन तलाशने में जुट गई है. उन्होंने कहा कि पूछताछ में आरोपियों ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य बताया है, इसलिए हल्द्वानी और आसपास के अन्य लोगों के साथ जुड़े होने के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. आरोपियों की जांच में पुलिस को पता चला कि नागेंद्र चौहान पहले साइबर कैफे चलाता था लेकिन कर्ज से परेशान था. वो सोशल मीडिया के जरिए लारेंस बिश्नोई पेज से जुड़ा. वहां से देवेंद्र से उसकी पहचान हुई.

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