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टीबी मरीजों के लिए बड़ी खुशखबरी, 20 माह की जगह अब 6 माह में ही खत्म होगी बीमारी - TB disease treatment

टीबी के मरीजों के लिए राहत भरी खबर है.अब नई तकनीकी से 6 माह की दवाई से ही उन्हें इस मर्ज से आराम मिल जाएगा.

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टीबी का 6 माह में होगा इलाज (photo credit- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 11, 2024, 7:22 AM IST

लखनऊ: टीबी के मरीजों के लिए अच्छी खबर है. पहले जहां टीबी के मरीजों को लगभग 20 महीने तक दवा खानी पड़ती थी, वहीं अब नई तकनीकी से 6 माह की दवाई से ही उन्हें इस मर्ज से आराम मिल जाएगा. अब एमडीआर टीबी की दवा मरीजों को करीब डेढ़ साल से अधिक नहीं खानी होगी. सिर्फ छह माह के इलाज से एमडीआर टीबी पर हमला होगा. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीपीएएलएम पद्धति को स्वीकृति दी है.

ये इलाज है अधिक प्रभावी: केजीएमयू रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने बताया, कि एमडीआर टीबी का इलाज 20 माह तक चलता है. जिसमें प्रीटोमैनिड, बेडेक्विलिन, लिनेजोलिड और मॉक्सीफ्लाक्सेसिन दवा शामिल हैं. इन दवाओं के सेवन के बाद मरीजों को कई तरह के दुष्प्रभाव भी सामने आते है. अब छह माह में ड्रग रजिस्टेंट टीबी यानी एमडीआर का पुख्ता इलाज होगा. यह पुरानी एमडीआर टीबी के इलाज की विधि की तुलना में अधिक प्रभावी और सुरक्षित है. उत्तर प्रदेश में एमडीआर के लगभग 20 हजार मरीज हैं, जिनसे नई इलाज की पद्धति का लाभ मिलेगा.

इसे भी पढ़े-टीबी मरीजों का ध्यान रखने वालों के लिए खुशखबरी, अब हर दिन दवा खाने से मिलेगी फुर्सत - TB Preventive Therapy

डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि ड्रग रेजिस्टेंट टीबी इलाज की अवधि को कम करने के मकसद से देश के इंडियन कांउसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा पिछले कुछ वर्षों से शोध चल रहे थे. इनमें प्रमुख है, बीपाल तथा एमबीपाल. केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग इन दोनों शोधों का केन्द्र रहा है. वर्ष 2022 में रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग की गुणवत्ता देखते हुए इसे ड्रग रेजिस्टेंट टीबी के इलाज के लिए अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिल चुकी है.

यह भी पढ़े-टीबी का मरीज एक साल में इतने लोगों को बना सकता पेशेंट, ये सावधानी बरतें - tb prevention treatment

लखनऊ: टीबी के मरीजों के लिए अच्छी खबर है. पहले जहां टीबी के मरीजों को लगभग 20 महीने तक दवा खानी पड़ती थी, वहीं अब नई तकनीकी से 6 माह की दवाई से ही उन्हें इस मर्ज से आराम मिल जाएगा. अब एमडीआर टीबी की दवा मरीजों को करीब डेढ़ साल से अधिक नहीं खानी होगी. सिर्फ छह माह के इलाज से एमडीआर टीबी पर हमला होगा. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीपीएएलएम पद्धति को स्वीकृति दी है.

ये इलाज है अधिक प्रभावी: केजीएमयू रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने बताया, कि एमडीआर टीबी का इलाज 20 माह तक चलता है. जिसमें प्रीटोमैनिड, बेडेक्विलिन, लिनेजोलिड और मॉक्सीफ्लाक्सेसिन दवा शामिल हैं. इन दवाओं के सेवन के बाद मरीजों को कई तरह के दुष्प्रभाव भी सामने आते है. अब छह माह में ड्रग रजिस्टेंट टीबी यानी एमडीआर का पुख्ता इलाज होगा. यह पुरानी एमडीआर टीबी के इलाज की विधि की तुलना में अधिक प्रभावी और सुरक्षित है. उत्तर प्रदेश में एमडीआर के लगभग 20 हजार मरीज हैं, जिनसे नई इलाज की पद्धति का लाभ मिलेगा.

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डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि ड्रग रेजिस्टेंट टीबी इलाज की अवधि को कम करने के मकसद से देश के इंडियन कांउसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा पिछले कुछ वर्षों से शोध चल रहे थे. इनमें प्रमुख है, बीपाल तथा एमबीपाल. केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग इन दोनों शोधों का केन्द्र रहा है. वर्ष 2022 में रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग की गुणवत्ता देखते हुए इसे ड्रग रेजिस्टेंट टीबी के इलाज के लिए अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिल चुकी है.

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