फिरोजाबाद : यूपी के फिरोजाबाद शहर को चूड़ियों के शहर के अलावा कांच की नगरी भी कहा जाता है. यह शहर नगर निगम और स्मार्ट सिटी बन चुका है. शहर को खूबसूरत बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च भी किए जा चुके हैं, लेकिन जल निकासी का कोई ठोस प्रबंध नहीं होने के कारण मामूली सी बरसात में ही इसकी सड़कें तालाब बन जाती हैं. शुक्रवार को भी कुछ नजारा ऐसा ही देखने को मिला, जहां लगभग एक घंटे की बरसात से नालियां ओवरफ्लो हो गईं और सड़कों पर पानी भर जाने के कारण उनका स्वरूप तालाब जैसा दिखाई देने लगा.
बरसात के मौसम में वैसे तो सड़कों पर पानी का भर जाना कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब यह दावा किया जा रहा हो कि फिरोजाबाद शहर स्मार्ट सिटी है तो सड़कों पर जलभराव के बारे में सोचना ही पड़ता है. प्रदेश सरकार राज्य स्मार्ट सिटी परियोजना के नाम पर शहर के विकास के लिए कई करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. वहीं शुक्रवार को करीब एक घंटे की बारिश के बाद जिला अस्पताल के सामने सर्विस रोड, नगर निगम परिसर, एसपी सिटी दफ्तर के सामने, प्राइवेट ट्रामा सेंटर के सामने, सर्विस लेन पर कोटला रोड, टापा खुर्द के पास जलभराव की समस्या देखने को मिली.
बता दें कि शहर के 13 चौराहे इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के तहत हाईटेक हो चुके हैं, जिन पर कैमरे लगे हैं और इन चौराहों से होकर निकलकर जाने वाला कोई भी व्यक्ति तीसरी नजर से बच नहीं सकता है. इसी तरह सुभाष तिराहे से लेकर रेलवे स्टेशन तक की सड़क भी चौड़ी करने के साथ उसे स्मार्ट बना दिया गया है. जल निकासी के साथ-साथ अंडरग्राउंड बिजली की भी व्यवस्था की गई है. तमाम लोगों के मकान-दुकान भी तोड़े गए, लेकिन एक बात लोगों के मन में चुभ रही है वह यह है कि आखिर नगर निगम जल निकासी की व्यवस्था पर ध्यान क्यों नहीं दे रहा है, जिससे शहर की इन सड़कों को तालाब होने से बचाया जा सके.
इस संबंध में वरिष्ठ अधिवक्ता धर्म सिंह यादव का कहना है कि कोई भी काम प्लानिंग के तहत नहीं हुआ, इसलिए यह समस्या है. जल भराव से बरसात के समय में लोगों को काफी परेशानी होती है. सड़कों पर गढ्ढे होने की वजह से लोग उनमें गिर भी जाते हैं.
इस संबंध में नगर आयुक्त घनश्याम मीणा का कहना है कि वर्षा से पूर्व जल निकासी के सभी इंतज़ाम कर लिए गए थे. तेज बरसात में कुछ स्थान पर जलभराव हो जाता है, वह पानी भी थोड़ी ही देर में बह जाता है.