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खास है देवघर की अंबेडकर लाइब्रेरी, शहर के बुद्धिजीवी करते हैं संचालन - AMBEDKAR DEATH ANNIVERSARY

देवघर में डॉ. भीम राव अंबेडकर की याद में पुस्तकालय खोला गया है. यह लाइब्रेरी शहर के बुद्धिजीवियों द्वारा संचालित की जा रही है.

AMBEDKAR DEATH ANNIVERSARY
देवघर की अंबेडकर लाइब्रेरी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 6, 2024, 4:57 PM IST

देवघर: आज पूरा देश संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि मना रहा है. देवघर जिले में कुछ लोग ऐसे हैं जो उनकी पुण्यतिथि को खास तरीके से मनाते हैं. अंबेडकर के आदर्शों को आज भी लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं. देवघर के बुद्धिजीवियों के द्वारा एक पुस्तकालय का संचालन किया जाता है, जिसमें जिले के हजारों बच्चे प्रतिदिन पढ़ते हैं. इस लाइब्रेरी का नाम अंबेडकर पुस्तकालय है. इसका उद्देश्य है कि जिले के गरीब बच्चे अच्छे माहौल में पढ़ सके.

वर्ष 2017 में शुरू हुई यह लाइब्रेरी अब तक करीब 19 हजार बच्चों को शिक्षा का माहौल दे चुकी है. यहां पर पढ़ने के बाद करीब एक हजार बच्चे नौकरी भी प्राप्त कर चुके हैं. वर्तमान में इस लाइब्रेरी में करीब 36 हजार किताबें हैं. प्रतिदिन सैकड़ों बच्चे इस लाइब्रेरी में मौजूद किताबों को पढ़ते हैं. अंबेडकर लाइब्रेरी के कार्यकारी अध्यक्ष महेश कुमार लंकेश बताते हैं कि इस लाइब्रेरी को शहर के जो भी बुद्धिजीवी हैं वह अपने आर्थिक सहयोग से चलाते हैं और इसके बदले वह किसी भी तरह की प्रॉफिट नहीं लेते. लाइब्रेरी को चलाने के लिए शहर के कई रिटायर्ड अधिकारी, इंजीनियर और डॉक्टर सहयोग करते हैं.

देवघर की अंबेडकर लाइब्रेरी (Etv Bharat)

लाइब्रेरी को संचालित करने वाले कई रिटायर्ड अधिकारी बताते हैं कि बाबा भीमराव अंबेडकर का यह सपना था कि प्रत्येक बच्चा शिक्षित हो तभी देश का समुचित विकास हो सकता है. उन्हीं के इस सपने को पूरा करने के लिए बुद्धिजीवियों द्वारा इस लाइब्रेरी को संचालित किया जाता है. अगर लाइब्रेरी के माहौल की बात करें तो इस लाइब्रेरी में पढ़ने वाले बच्चे खुशी जाहिर करते दिखे. लाइब्रेरी में पढ़ने वाली छात्रा प्रिया कुमारी और छात्र अमर कुमार बताते हैं कि उन्हें यहां आकर काफी अच्छा लगता है.

इस लाइब्रेरी में प्रतिदिन आ रहे छात्र हरे राम यादव और श्वेता मंडल का कहना है कि कई बार घर में छोटे बच्चे और घरेलू काम की वजह से पढ़ाई करने में दिक्कत होती है, लेकिन अंबेडकर लाइब्रेरी ही एक ऐसी लाइब्रेरी है जहां पर कुछ फीस में छात्र अच्छे शैक्षणिक माहौल में पढ़ाई कर पाते हैं. देवघर जिले में चल रही इस अंबेडकर लाइब्रेरी में लाइब्रेरियन के पद पर काम करने वाले चंदन कुमार बताते हैं कि यह पुस्तकालय सामाजिक सद्भाव से संचालित हो रहा है. सरकारी स्तर पर किसी तरह की कोई मदद नहीं होती.

उन्होंने सरकार से अपील की है कि यदि सरकारी स्तर पर इस लाइब्रेरी को आर्थिक मदद दी जाए तो आने वाले समय में इस लाइब्रेरी से देवघर सहित आसपास के गांव के भी बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण कर पाएंगे और समाज को बेहतर बनाने में अपना अहम योगदान निभाएंगे.

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देवघर: आज पूरा देश संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि मना रहा है. देवघर जिले में कुछ लोग ऐसे हैं जो उनकी पुण्यतिथि को खास तरीके से मनाते हैं. अंबेडकर के आदर्शों को आज भी लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं. देवघर के बुद्धिजीवियों के द्वारा एक पुस्तकालय का संचालन किया जाता है, जिसमें जिले के हजारों बच्चे प्रतिदिन पढ़ते हैं. इस लाइब्रेरी का नाम अंबेडकर पुस्तकालय है. इसका उद्देश्य है कि जिले के गरीब बच्चे अच्छे माहौल में पढ़ सके.

वर्ष 2017 में शुरू हुई यह लाइब्रेरी अब तक करीब 19 हजार बच्चों को शिक्षा का माहौल दे चुकी है. यहां पर पढ़ने के बाद करीब एक हजार बच्चे नौकरी भी प्राप्त कर चुके हैं. वर्तमान में इस लाइब्रेरी में करीब 36 हजार किताबें हैं. प्रतिदिन सैकड़ों बच्चे इस लाइब्रेरी में मौजूद किताबों को पढ़ते हैं. अंबेडकर लाइब्रेरी के कार्यकारी अध्यक्ष महेश कुमार लंकेश बताते हैं कि इस लाइब्रेरी को शहर के जो भी बुद्धिजीवी हैं वह अपने आर्थिक सहयोग से चलाते हैं और इसके बदले वह किसी भी तरह की प्रॉफिट नहीं लेते. लाइब्रेरी को चलाने के लिए शहर के कई रिटायर्ड अधिकारी, इंजीनियर और डॉक्टर सहयोग करते हैं.

देवघर की अंबेडकर लाइब्रेरी (Etv Bharat)

लाइब्रेरी को संचालित करने वाले कई रिटायर्ड अधिकारी बताते हैं कि बाबा भीमराव अंबेडकर का यह सपना था कि प्रत्येक बच्चा शिक्षित हो तभी देश का समुचित विकास हो सकता है. उन्हीं के इस सपने को पूरा करने के लिए बुद्धिजीवियों द्वारा इस लाइब्रेरी को संचालित किया जाता है. अगर लाइब्रेरी के माहौल की बात करें तो इस लाइब्रेरी में पढ़ने वाले बच्चे खुशी जाहिर करते दिखे. लाइब्रेरी में पढ़ने वाली छात्रा प्रिया कुमारी और छात्र अमर कुमार बताते हैं कि उन्हें यहां आकर काफी अच्छा लगता है.

इस लाइब्रेरी में प्रतिदिन आ रहे छात्र हरे राम यादव और श्वेता मंडल का कहना है कि कई बार घर में छोटे बच्चे और घरेलू काम की वजह से पढ़ाई करने में दिक्कत होती है, लेकिन अंबेडकर लाइब्रेरी ही एक ऐसी लाइब्रेरी है जहां पर कुछ फीस में छात्र अच्छे शैक्षणिक माहौल में पढ़ाई कर पाते हैं. देवघर जिले में चल रही इस अंबेडकर लाइब्रेरी में लाइब्रेरियन के पद पर काम करने वाले चंदन कुमार बताते हैं कि यह पुस्तकालय सामाजिक सद्भाव से संचालित हो रहा है. सरकारी स्तर पर किसी तरह की कोई मदद नहीं होती.

उन्होंने सरकार से अपील की है कि यदि सरकारी स्तर पर इस लाइब्रेरी को आर्थिक मदद दी जाए तो आने वाले समय में इस लाइब्रेरी से देवघर सहित आसपास के गांव के भी बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण कर पाएंगे और समाज को बेहतर बनाने में अपना अहम योगदान निभाएंगे.

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