बस्तर: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में शनिवार को छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने बस्तर बंद रखा. इस बंद का असर जगदलपुर में व्यापक रूप से देखने को मिला. समाज के इस बंद को बस्तर चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ने भी अपना समर्थन दिया. यही कारण है कि जगदलपुर व्यापारियों और दुकानदारों ने अपने दुकानों को बंद रखा.
घुसपैठियों पर कार्रवाई की मांग: इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने स्थानीय प्रशासन से बस्तर में अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कार्रवाई की मांग की है. बंद को देखते हुए शहर में बड़ी संख्या में पुलिस जवानों को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था. व्यापारिक संगठनों के साथ ही विभिन्न हिंदूवादी संगठनों ने भी इस बंद का समर्थन किया.
"बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा हो रही है. मारपीट, आगजनी जैसी वारदात हो रही है, उसके विरोध में हमने बंद रखा है. हम वहां शांति व्यवस्था स्थापित करने और हिंदुओं को सुरक्षित करने की मांग की है. साथ ही बस्तर में लंबे समय से घुसपैठियों ने कब्जा बनाया है. किराए के मकान में रहकर फेरी और अन्य काम घुसपैठिए कर रहे हैं. ऐसे लोगों को पहचान कर, उन्हें वापस बांग्लादेश भेजा जाए. बंद को सफल बनाने के लिए सभी समाज और संगठनों ने अपना समर्थन दिया है." -राजा राम तोड़ेम, प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष, सर्व आदिवासी समाज
जांच के बाद की जाएगी कार्रवाई: इस बारे में बस्तर एएसपी माहेश्वर नाग ने कहा कि, "आदिवासी समाज के बंद को देखते हुए अधिक संख्या में जवानों को तैनात किया गया है. ताकि कोई अनहोनी न हो. इसके अलावा बस्तर पुलिस ने एक विशेष टीम बनाकर किराए में रह रहे लोगों की जानकारी जुटा रही है. उनकी पहचान के लिए एक्शन लिया जा रहा है. कुछ संदिग्धों को पकड़कर पहचान भी की जा रही है. यदि गलत पाए जाते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. "
बता दें कि बांग्लादेश में हो रही हिंसा के बाद सरहदी क्षेत्रों में सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है, ताकि घुसपैठिए की एंट्री न हो. इसके साथ ही बांग्लादेश में हो रही हिन्दुओं के साथ हिंसा को लेकर आदिवासी समाज ने शनिवार को बंद रखा. बंद का असर पूरे जिले में देखने को मिला. दुकानें बंद रहने के साथ ही सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा.