ETV Bharat / state

जीपीएम में मेन्यू से नहीं मर्जी से मिल रहा बच्चों को खाना, हॉस्टल में चल रही मनमर्जियां - Tribal children hostel in GPM

जीपीएम में आदिवासी बच्चों को हॉस्टल में ढंग का खाना नहीं मिल रहा है. यहां रहने वाले बच्चों को एक ही किस्म का भोजन तीनों वक्त थाली में परोसा जा रहा है.

Tribal children are not getting proper food
जीपीएम में आदिवासी बच्चों को हॉस्टल में नहीं मिल रहा ढंग का खाना (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 7, 2024, 3:56 PM IST

हॉस्टल में नहीं मिल रहा ढंग का खाना (ETV Bharat)

गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिले में आदिवासी विकास विभाग की ओर से संचालित आवासीय छात्रावास में अव्यवस्था चरम पर है. यहा नया शैक्षणिक सत्र शुरू हुए 15 दिन होने को हैं. अब भी आवासीय छात्रावास में ताला लटका दिख रहा है, जो छात्रावास खुले भी हैं, वहां बच्चों की उपस्थिति न के बराबर है. वहीं बच्चो को यहां सुबह, दोपहर और शाम को एक ही किस्म का खाना परोसा जा रहा है. वहीं, हॉस्टल के किचन में सब्जियां भी सड़ी गली देखने को मिली.

बच्चों के नहीं मिलता मेनू के अनुसार भोजन: दरअसल, आदिवासी बहुल जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही में आदिवासी विकास विभाग की ओर से संचालित आवासीय छात्रावास पूरी तरह भगवान भरोसे ही चल रहा हैं. नए शिक्षा सत्र शुरू होने के बावजूद छात्रावास में ताला लटका हुआ है. छात्रों की उपस्थिति तो छोड़िए छात्रावास में न तो अधीक्षक है, न चौकीदार, न सफाई कर्मचारी. यह हाल है मरवाही विकासखंड के मुख्यालय में स्थित छात्रावास का. वही मरवाही के भर्रीडांड छात्रावास में सिर्फ रसोईया मौजूद है. पर अधीक्षक, चौकीदार होस्टल से नदारत मिले. इस छात्रावास की अवस्था का आलम इसी से लगा सकते हैं कि 20 सीटर छात्रावास में सिर्फ 6 बच्चे मौजूद हैं. उन बच्चों को भी मेनू के अनुसार भोजन नहीं मिल रहा है. बच्चों की मानें तो उनको सिर्फ आलू और सोयाबड़ी की सब्जी ही खिलाई जा रही है. छात्रावास में जो सब्जी मौजूद है, वह भी सड़ी हुई है.

हर दिन आलू दाल और चावल मिलता है. सुबह, दोपहर और रात में भी यही खाने को मिलता है. हॉस्टल में अधीक्षक नहीं रहते हैं. हमेशा गायब रहते हैं. - स्टूडेंट

जिले के लगभग हर हॉस्टल की यही स्थिति: बिल्कुल यही हाल पेंड्रा विकासखंड के अन्य छात्रवास का भी है. 20 से 100 सीटर छात्रावास में अब तक बच्चों की उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाई है. यह व्यवस्था विभाग की पोल खोल रही है.मामले पर जिले के आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त से बात करने की कोशिश की गई तो शनिवार और रविवार शासकीय अवकाश होने की वजह से कार्यालय बंद था. वहीं, जब मोबाइल से संपर्क करने की कोशिश की गई तो मोबाइल भी स्विच ऑफ मिला. ऐसे में आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि मुख्यालय में स्थित इन आदिवासी आवासीय छात्रावास में बच्चों की क्या स्थिति है.

बीजापुर में पोटाकेबिन की छात्रा ने दिया बच्चे को जन्म, जिले में मचा हड़कंप, हॉस्टल वार्डन निलंबित
रायपुर एम्स हॉस्टल में मेडिकल छात्र ने आत्महत्या, दवा के ओवरडोज से मौत की आशंका - Suicide IN RAIPUR AIIMS
हॉस्टल से घर जाने निकली छात्रा को गोवा ले जाकर किया दुष्कर्म, चार आरोपी गिरफ्तार - Surguja Gang Rape Case

हॉस्टल में नहीं मिल रहा ढंग का खाना (ETV Bharat)

गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिले में आदिवासी विकास विभाग की ओर से संचालित आवासीय छात्रावास में अव्यवस्था चरम पर है. यहा नया शैक्षणिक सत्र शुरू हुए 15 दिन होने को हैं. अब भी आवासीय छात्रावास में ताला लटका दिख रहा है, जो छात्रावास खुले भी हैं, वहां बच्चों की उपस्थिति न के बराबर है. वहीं बच्चो को यहां सुबह, दोपहर और शाम को एक ही किस्म का खाना परोसा जा रहा है. वहीं, हॉस्टल के किचन में सब्जियां भी सड़ी गली देखने को मिली.

बच्चों के नहीं मिलता मेनू के अनुसार भोजन: दरअसल, आदिवासी बहुल जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही में आदिवासी विकास विभाग की ओर से संचालित आवासीय छात्रावास पूरी तरह भगवान भरोसे ही चल रहा हैं. नए शिक्षा सत्र शुरू होने के बावजूद छात्रावास में ताला लटका हुआ है. छात्रों की उपस्थिति तो छोड़िए छात्रावास में न तो अधीक्षक है, न चौकीदार, न सफाई कर्मचारी. यह हाल है मरवाही विकासखंड के मुख्यालय में स्थित छात्रावास का. वही मरवाही के भर्रीडांड छात्रावास में सिर्फ रसोईया मौजूद है. पर अधीक्षक, चौकीदार होस्टल से नदारत मिले. इस छात्रावास की अवस्था का आलम इसी से लगा सकते हैं कि 20 सीटर छात्रावास में सिर्फ 6 बच्चे मौजूद हैं. उन बच्चों को भी मेनू के अनुसार भोजन नहीं मिल रहा है. बच्चों की मानें तो उनको सिर्फ आलू और सोयाबड़ी की सब्जी ही खिलाई जा रही है. छात्रावास में जो सब्जी मौजूद है, वह भी सड़ी हुई है.

हर दिन आलू दाल और चावल मिलता है. सुबह, दोपहर और रात में भी यही खाने को मिलता है. हॉस्टल में अधीक्षक नहीं रहते हैं. हमेशा गायब रहते हैं. - स्टूडेंट

जिले के लगभग हर हॉस्टल की यही स्थिति: बिल्कुल यही हाल पेंड्रा विकासखंड के अन्य छात्रवास का भी है. 20 से 100 सीटर छात्रावास में अब तक बच्चों की उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाई है. यह व्यवस्था विभाग की पोल खोल रही है.मामले पर जिले के आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त से बात करने की कोशिश की गई तो शनिवार और रविवार शासकीय अवकाश होने की वजह से कार्यालय बंद था. वहीं, जब मोबाइल से संपर्क करने की कोशिश की गई तो मोबाइल भी स्विच ऑफ मिला. ऐसे में आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि मुख्यालय में स्थित इन आदिवासी आवासीय छात्रावास में बच्चों की क्या स्थिति है.

बीजापुर में पोटाकेबिन की छात्रा ने दिया बच्चे को जन्म, जिले में मचा हड़कंप, हॉस्टल वार्डन निलंबित
रायपुर एम्स हॉस्टल में मेडिकल छात्र ने आत्महत्या, दवा के ओवरडोज से मौत की आशंका - Suicide IN RAIPUR AIIMS
हॉस्टल से घर जाने निकली छात्रा को गोवा ले जाकर किया दुष्कर्म, चार आरोपी गिरफ्तार - Surguja Gang Rape Case
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.